छत्तीसगढ

…तमाम सुविधा-सुरक्षा के बावजूद हवाई यात्रा में यात्रीगण नहीं ले रहे हैं दिलचस्पी…

रायपुर, 13 जुलाई। रायपुर एयरपोर्ट में तमाम तरह की सुरक्षा व सुविधाओं के बावजूद यात्रियों की संख्या दिनों दिन कम हो रही है। एक ओर लंबे लॉक डाउन के बाद जब फ्लाइट शुरू हुई थी तब दूसरे सप्ताह में ही 36% उड़ान भरी थी, जबकि 12 जुलाई तक आते-आते यह घटकर मात्र 2% ही रही।
शहर के एयरपोर्ट में 24 मार्च से ही घरेलू उड़ानें बंद थी। कोरोना वायरस के संक्रमण को कंट्रोल करने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन किया गया। इसके बाद सभी उडानों पर भी पूरे तरीके से ब्रेक लगा दी गई थी, फिर करीब 60 दिनों बाद यानी 25 मई से देशभर में घरेलू उड़ान सेवा शुरू कर दी गई थी। डोमेस्टिक फ्लाइट के शुरू हुए करीब 2 माह बीत चुके हैं, लेकिन यात्रियों ने यात्रा करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, लिहाजा पहले हफ्ते यानी 25 मार्च से लेकर 12 जुलाई तक पैसेंजरों की संख्या क्रमशः घटती रही।
आपको बताते चलें कि, 25 मार्च से 12 जुलाई तक रायपुर से 52 फ्लाइट दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद सहित तमाम शहरों के लिए उड़ान भरे हैं तो उतने ही अन्य एयरपोर्ट से फ्लाइट रायपुर भी पहुंचे। 4527 पैसेंजर्स का आगमन हुआ तो वहीं 3341 का प्रस्थान भी हुआ। फ्लाइट आगमन की उड़ानें पहले सप्ताह 66 तो दूसरे सप्ताह में बढ़कर 90 गतिविधिया हुई थी। इसमें अगर परसेंट की बात करेंगे तो दूसरे सप्ताह 36% तीसरे सप्ताह घटकर 11% फिर क्रमशः 7वें सप्ताह तक 0%, 18%, 14% एवं 12 जुलाई तक ये घटकर मात्र 2% पर आकर रुकी।
आपको बताते चलें कि स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट से 25 मई से दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद के लिए फ्लाइट शुरू हुई थी। इस दौरान स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट में कोविड 19 को देखते हुए सभी तहर की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर एयरपोर्ट ऑथोरिटी की पैनी नजर थी। जिसमें 100% वेब चेक-इन की व्यवस्था थी। टर्मिनल के बाहर से लेकर फ्लाइट पर चढ़ने तक के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए विशेषज्ञों की मदद से मार्किंग की गई थी। साथ ही विमान से उतरने के बाद कन्वेयर बेल्ट के पास जहां भीड़ होने की आशंका ज्यादा होती है, वहां भी निर्धारित दूरी पर मार्किंग कर दी गई थी। यहां तक कि यात्रियों को अपना बोर्डिंग पास घर से ही अपने मोबाइल पर लाना पड़ता था। यात्रियों को एक-दूसरे से किसी भी तरह या कागज के माध्यम से टच न हो सकें इसलिए एयरपोर्ट पर यात्रियों को कॉन्ट्रैक्ट लैंस दिया गया था। इसके अलावा मास्क पहनकर आना अनिवार्य था। मोबाइल पर आरोग्य सेतु होना जरूरी था। यात्रियों को डिपार्चर से 2 घंटे पहले एयरपोर्ट में पहुंचना आवश्यक था। एयरपोर्ट को हर उड़ान के बाद देर रात तक सैनिटाइज किया जाता था। रायपुर स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट के डायरेक्टर राकेश सहाय ने बताया कि तमाम सुविधा व सुरक्षा देने के बाद भी लोगों में कोरोना का भय है, इसलिए फ्लाइटस में सफर करने से यात्री कतरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि, यात्रियों की संख्या बिल्कुल ठहर सा गया है।

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