छत्तीसगढ

तस्करी के ख़ुलासे से साबित हुआ, प्रदेश में सत्तारूढ़ दल के संरक्षण में शराब का गोरखधंधा बेखटके फल-फूल रहा : भाजपा

रायपुर, 30 जनवरी। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश की राजधानी में हरियाणा और महाराष्ट्र से शराब की तस्करी होने के ख़ुलासों को बेहद गंभीर बताते हुए शराब को लेकर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली और कुनीतियों पर तीखा हमला बोला है। श्री साय ने कहा कि तस्करी की शराब सरकारी शराब दुकानों तक पहुँचना और राजधानी के एक गोदाम में लाखों रुपए मूल्य की शराब का भंडारण होना इस आशंका को बल प्रदान कर रहा है कि प्रदेश में सत्तारूढ़ दल के राजनीतिक संरक्षण में शराब का गोरखधंधा बेखटके फल-फूल रहा है। पूर्ण शराबबंदी का ढोल पीटकर सत्ता में आई और ख़ुद को घुड़सवार बताने वाली कांग्रेस की यह प्रदेश सरकार अपने घोड़ों के पैरों तले प्रदेश के हितों को रौंदने में लगी है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि राजधानी की तीन सरकारी शराब दुकानों में तस्करी की यह अवैध शराब खपाकर अवैध कमाई का यह सिलसिला एक लंबे अरसे से चल रहा है लेकिन अब इस गोरखधंधे का भंडा फूटने के बाद हर ज़िम्मेदार अपनी चमड़ी बचाने में लगा है और इतने बड़े मामले में सिर्फ़ बॉटलिंग प्लांट को ही घेरने का काम हो रहा है, जबकि अब प्रदेश सरकार को इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जाँच करानी चाहिए ताकि इस गोरखधंधे से जुड़े सारे तथ्य सामने आएँ। श्री साय ने कहा कि जांच में यह साफ़ होना चाहिए कि शराब के इस खेल के पीछे असली सूत्रधार कौन है? बॉटलिंग प्लांट को जाँच के दायरे में रखते हुए इस बात पर भी ग़ौर करना ज़रूरी है कि सरकारी शराब दुकानों में इतनी भारी मात्रा में अवैध शराब किसके इशारे पर खपाई जाती रही और आबकारी विभाग ने इस पर ध्यान क्यों नहीं दिया? ज़ाहिर है, बिना राजनीतिक संरक्षण और विभागीय संलिप्तता के यह गोरखधंधा नहीं चलाया जा सकता। श्री साय ने आशंका जताई है कि महाराष्ट्र से तस्करी कर लाई गई शराब खपाने के इस मामले की जांच रिपोर्ट से पहले इस मामले से सभी पहलुओं को ठीक ढंग से खंगाला नहीं गया है जिसके चलते कोई कारग़र व ठोस कार्रवाई की उम्मीद बेमानी ही है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने इस मामले के साथ ही हरियाणा से शराब की तस्करी कर उसे छत्तीसगढ़ में खपाने के मामले में भी कठोर कार्रवाई करने की मांग की है। राजधानी में तस्करी की शराब का एक गोदाम में बाक़ायदा भंडारण किया जाकर उसे प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में खपाने के इस मामले का भंडाफोड़ होने के बाद भाजपा के उन आरोपों की पुष्टि हो जाती है कि प्रदेश में प्लेसमेंट कंपनी की मदद से बिना परमिट शराब बेची जा रही है और शासन-प्रशासन के स्तर पर इससे होने वाली बेहिसाब आमदनी की संगठित लूट मची है। इसकी भी जाँच कराई जाए। प्रदेश में कांग्रेस के शासनकाल में गली-गली में शराब की नदियाँ बहाई जाकर प्रदेश को नशे के गर्त में धकेला जा रहा है। शराब की तस्करी के ऐसे अनेक मामले भी सामने आए हैं जिनमें सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता-जनप्रतिनिधियों की सीधी संलिप्तता उजागर हुई है। श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार को तो शराब की कोचियागिरी इतनी रास आई कि उसने कोरोना संक्रमण काल और लॉकडाउन अवधि की वर्जनाओं और गाइडलाइन तक को ताक पर रख दिया और प्रदेश के युवा शिक्षित बेरोज़गारों को रोज़गार के नाम पर शराब दुकानों में डिलीवरी ब्वॉय बनाकर छलावे का शर्मनाक अध्याय तक लिख डाला!

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