छत्तीसगढ

तहसीलदारों व कृषि से धान रकबा की मांगी जानकारी, ग्रामवार व वार्डवार एंट्री है जरूरी

रायपुर। खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु कृषक पंजीयन के डेटा अद्यतन का कार्य 16 अगस्त से 31 अक्टूबर तक किया जा रहा है। कलेक्टर डाॅ. एस. भारतीदासन ने इस संबंध में जिले के सभी तहसीलदारों और उप संचालक कृषि को पत्र लिखकर कहा है कि इसके लिए ग्रामवार एवं वार्डवार रकबा की एन्ट्री किया जाना आवश्यक है। उन्होंने इसके लिए ग्रामवार एवं वार्डवार धान एवं मक्का रकबा की जानकारी राजस्व एवं कृषि विभाग के द्वारा संयुक्त हस्ताक्षर से खाद्य विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है।

कलेक्टर ने अपने पत्र में लिखा है कि उद्यानिकी तथा धान से पृथक अन्य फसलों के रकबों को किसी भी परिस्थिति में धान रकबे के रूप में पंजीयन नहीं किया जाये। गन्ना, सोयाबीन, मक्का, सब्जियां आदि अन्य फसलें खरीफ सीजन के दौरान उगायी जाती है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) तहसीलदारों के माध्यम से यह सुनिश्चित करें कि अन्य फसलों के रकबों का धान एवं मक्का विक्रय हेतु पंजीयन नहीं है। इससे अवैध धान के विक्रय की गुंजाईश नहीं रहेगी। उन्होंने संयुक्त हस्ताक्षर से जानकारी प्रस्तुत करते समय इस बात का ध्यान रखने को कहा है कि ग्रामवार धान का रकबा सही एवं एकरूप हो।

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