छत्तीसगढ

दिल्ली में व्यापार मेले में अपनी परिवर्तनकारी यात्रा का प्रदर्शन कर रहा रेलवे, प्रदर्शित 12000 हॉर्स पावर का इंजन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर, रायपुर और नागपुर मंडलों में कर रहा है काम

बिलासपुर, 25 नवम्बर। भारतीय रेलवे नई दिल्ली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में भाग ले रहे 1500 प्रदर्शकों में शामिल है । अपनी परिवर्तनकारी यात्रा का वर्णन करने के लिए इसने राष्ट्री य ट्रांसपोर्टर, भारतीय रेलवे ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ विषय के साथ हॉल नं. 11 में प्रदर्शनी लगाई है । इस प्रदर्शनी में वंदे भारत एक्सप्रेस मॉडल का प्रदर्शन किया गया है, जो देश की पहली स्वदेश निर्मित सेमी हाई स्पीड ट्रेन है। यह ट्रेन दिल्ली-कटरा, दिल्ली-वाराणसी मार्ग पर अपनी सेवाएं उपलब्धं करा रही है। जल्दीर ही यह पूरे देश के अन्यन गंतव्यों को भी आपस में जोड़ेगी ।

रेलवे पवेलियन का अगला भाग सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनल रेलवे स्टेशन (बेंगलुरु) के छत्र का प्रतिरूप है जो रेलवे पवेलियन को मनोरम रूप प्रदान कर रहा है ।
इस बार, भारतीय रेलवे ने अनेक पहल की हैं, जिससे सभी आयु समूहों के लिए इस पवेलियन की यात्रा करना सार्थक हो रहा है ।

रेलवे के बारे में प्रश्नोत्तरी के लिए इंटरएक्टिव स्क्रीन लगाई गई है जिसमें कोई भी व्यक्ति भाग ले सकता है और दिलचस्प उपहार जीत सकता है ।

कालका-शिमला सेक्शन का वर्चुअल वास्तरविक अनुभव एक ऐसी चीज है जिसे आप इस पवेलियन का भ्रमण करते समय भूलना नहीं चाहेंगे। यहां आगंतुक टॉय ट्रेन में यात्रा का वर्चुअल अनुभव प्राप्त कर सकते हैं और इस सेक्शन के हरे-भरे इलाकों और पहाड़ियों के मंत्रमुग्ध कर देने वाले दृश्य देख सकते हैं।
टच स्क्रीन वीडियो गैलरी बनाई गई है जहां आप अपनी पसंद के विषय पर आधारित वीडियो गैलरी से अपनी पसंद का वीडियो देख सकते हैं ।
‘‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’’ गीत का नया संस्करण स्टॉल में प्रवेश करने के साथ ही दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहा है। अभी हाल ही में, यह नया संस्करण पूरे देश के रेलवे कर्मचारियों द्वारा देश की समृद्ध संस्कृतियों और भाषा का प्रदर्शन करते हुए गाया गया है ।
पवेलियन को दीवारों और खंभों पर ट्रांसलाइट्स लगाकर अधिक जानकारी देने वाला बनाया गया है। इससे कोई भी व्यक्ति रेलवे में अभी हाल में हुए विकास और भविष्य की रेल योजनाओं के बारे में नवीनतम जानकारी प्राप्त कर सकता है।
टोक्यो ओलंपिक 2020 के 05 पदक विजेताओं सहित रेलवे के खिलाड़ियों ने देश को जो गौरव प्रदान किया है, उसे दर्शाने के लिए एक विशेष समर्पित कोना बनाया गया है। इसके अलावा एक ट्रॉफी कैबिनेट भी बनाया गया है, जहां कोई भी व्यंक्ति राष्ट्र् और रेलवे परिवार के लिए रेलवे के खिलाड़ियों द्वारा अर्जित सम्मारन को देख सकता है।
• 60 से अधिक वर्षों के समृद्ध इतिहास वाली भारतीय रेलवे की मासिक पत्रिका को भी इस पवेलियन में स्थान दिया गया है। यहां कोई भी व्यक्ति भारतीय रेल (हिंदी) और इंडियन रेलवे (अंग्रेजी) पत्रिकाओं की ऑनलाइन सदस्यता ले सकता है ।
रेलवे ने भारतीय रेलवे के परिवर्तन को दर्शाने वाले विभिन्न मॉडल भी पवेलियन में रखे हैं।
• पुनर्विकसित गांधीनगर राजधानी स्टेशन: यह देश का पहला विश्व स्तरीय पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन है जिसके ऊपर पांच सितारा होटल की इमारत बनी है। इस स्टेशन में 32 विषय आधारित प्रकाश व्यवस्था के साथ अत्याधुनिक बाह्य भाग का निर्माण किया गया है। इसे एलईडी दीवार के साथ आर्ट गैलरी और नागरिक संरचना के साथ 150 वर्ष के जीवन को दर्शाते हुए डिजाइन किया गया है।

पुनर्विकसित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (भोपाल)- इसे अभी हाल में 15 नवम्बर, 2021 को प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया गया है। स्वाभाविक रूप से हवादार एयर कॉनकोर्स, इंफोटेनमेंट- जैसे मुफ्त वाई-फाई, स्क्रीन पर अपडेट सूचना, अलग से प्रवेश और निकास, प्लेटफॉर्म से जुड़े सबवे और 700 यात्रियों के बैठने की क्षमता वाले इस रेलवे स्टेशन के हवाई अड्डे जैसे कुछ प्रमुख आकर्षण हैं।

• वंदे भारत एक्सप्रेस : यह देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन है जो वर्तमान में दो मार्गों – नई दिल्ली से श्री वैष्णो देवी माता, कटरा और नई दिल्ली से वाराणसी पर चल रही है। जल्द ही ऐसी ट्रेनें पूरे देश में चलेंगी। वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की प्रमुख विशेषता इसकी बौद्धिक ब्रेकिंग प्रणाली है जो बेहतर तेज गति और कम गति में सक्षम बनाती है। इस ट्रेन में मनोरंजन के लिए वाई-फाई के साथ अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्धा हैं।

• प्रतिष्ठित चिनाब पुल: दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है। इस पुल का मेहराब पूरा हो चुका है। यह पुल पूरा होने के बाद कश्मीर घाटी और देश के बाकी हिस्सों के बीच रेल संपर्क कराएगा, जिससे क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक विकास होगा। यह पुल पेरिस (फ्रांस) की प्रसिद्ध एफिल टावर से भी ऊंचा है।

• 12000 हॉर्स पावर वाला इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव: यह देश का सबसे शक्तिशाली ‘मेक इन इंडिया’ इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव है। यह 120 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलने वाला देश का पहला ई-लोको है। इस लोको की हॉलिंग क्षमता लगभग 6000 टन है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर, रायपुर एवं नागपुर मंडल में यह इंजन विशेष रूप से कार्यरत है। विशेष रूप से कोयले के परिवहन में और भौगोलिक रूप से विषम सेक्शनों में इस इंजन की क्षमता बेहद उपयोगी सिद्ध हो रही है।

• दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे: यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया है। यह रेलवे मनोहारी दृश्योंर और दार्जिलिंग के हरे-भरे इलाकों से गुजरते हुए सुन्दर हिमालय के लिए प्रवेश द्वार प्रदान करती है। इस रेलवे को 5 दिसम्बर, 1999 को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।

• विस्टाडोम टूरिस्ट कोच: इन कोचों को पर्यटन मार्गों पर बेहतर यात्रा अनुभव के लिए अनेक विशेषताओं के साथ डिजाइन किया गया है। बाहर के दृश्य देखने का बड़ा क्षेत्र, नियंत्रित कांच वाली छत, पूरी तरह घूमने वाली सीटें, वाई-फाई आधारित यात्री सूचना प्रणाली, मिनी पेंट्री, एक छोर पर अवलोकन खिड़की, स्वचालित स्लाइडिंग दरवाजे इस कोच के मुख्य आकर्षणों में शामिल हैं।

• थ्री टियर एसी इकोनॉमी कोच: ये कोच कम किराए में अधिक सुविधाओं से युक्ति बनाए गए हैं। 3 टियर एसी इकोनॉमी कोच का किराया 3 टियर एसी कोच की तुलना में लगभग 8 प्रतिशत कम है। ये कोच व्यक्तिगत एसी वेंट, रीडिंग लाइट और प्रत्ये्क सीट के लिए यूएसबी चार्जिंग प्वा इंट के साथ-साथ मिडिल और अपर सीटों के लिए अधिक हेडरूम उपलब्ध। कराते हैं।

• नए रूपांतरित गुड्स कोच (एनएमजीएच): ये ऐसे कोच हैं जिन्हें पूरे देश में ऑटोमोबाइल की ढुलाई के लिए डिजाइन किया गया है। इन्हें बेहतर फॉल प्लेट, एंड पैनल दरवाजे और प्रवेश के लिए अच्छी ऊंचाई के साथ ऑटोमोबाइल को आसानी से लोड करने के अनुकूल बनाया गया है। इसके साथ ही वाहन चालकों के मार्गदर्शन के लिए रेट्रो-रिफ्लेक्टिव मार्कर का भी प्रावधान किया गया है। ये कोच पहले डिब्बों की 75 किलोमीटर प्रति घंटे की गति के मुकाबले 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम हैं।

• हमसफर एक्सप्रेस : यह पूरी तरह 3 टियर एसी ट्रेन है। इन ट्रेनों में गंध नियंत्रण प्रणाली, बेहतर सौंदर्यशास्त्रट, इनबिल्ट पेंट्री, मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग प्वाइइंट, धुआं और फायर अलार्म प्रणाली जैसी सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं।

• एक्स-क्लास स्टीम इंजन: नीलगिरि माउंटेन रेलवे का पहला, स्वदेशी रूप से निर्मित कोयले से चलने वाला लोकोमोटिव है। इन लोकोमोटिव का वर्तमान में नीलगिरि पर्वतीय रेलवे द्वारा कुन्नूर और मेथुपालयम के बीच 28 किलोमीटर लंबे सेक्शोन पर नीलगिरि पहाड़ियों में उपयोग किया जा रहा है, जो दुनिया में दूसरी सबसे तेज ढाल (12.5 में 1) पर चल रहा है ।

• तेजस एक्सप्रेस ट्रेन: यह पूरी तरह से वातानुकूलित सेमी हाई स्पीड ट्रेन है, जिसका संचालन आईआरसीटीसी और रेलवे द्वारा किया जा रहा है। इस ट्रेन में एकीकृत ब्रेल डिस्प्ले, बायो-वैक्यूम शौचालय और अन्य आधुनिक यात्री सुविधाएं उपलब्धर हैं। पहली तेजस एक्सप्रेस का 24 मई, 2017 को उद्घाटन किया गया था।

• डब्यूधुन पी स्टीम लोकोमोटिव: यह लोकोमोटिव दुनिया के सबसे सुन्दतर स्टीम लोकोमोटिव में से एक है। यह विंटेज लोकोमोटिव भाप इंजन के प्रशंसकों के लिए देखने योग्य है।

अन्य मॉडलों में बीओएक्सीएनएचएल वैगन शामिल है –भारत का पहला स्टेनलेस स्टील वैगन – बीटीएफएलएन वैगन हल्के वजन वाले पेट्रोलियम तेल और लुब्रिकेंट्स ले जाने वाला टैंक वैगन है।

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