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नाइजीरिया फ्रेंड ने एक्सपेंसिव गिफ्ट का दिया झांसा, लालच से गंवाए 5 लाख 10 हजार रुपए

रायपुर। लालच कितनी बुरी बला है इसका अंदाजा प्रार्थिया महिला की आपबीती से समझा जा सकता है। दरअसल, प्रार्थिया महिला ने थाना सिविल लाईन में रिपोर्ट दर्ज किया, जिसमें उन्होंने किसी नाइजीरिया फ्रेंड का उल्लेख किया। फेसबुक के जरिए इसी वर्ष अगस्त माह में पहले परिचय फिर  दोस्ती हुई। विदेशी दोस्त का नाम एलेक्स एंटोनी है। स्वाभाविक रूप से महिला को विदेशी दोस्त एलेक्स अच्छा लगने लगा और दोनों के बीच बातचीत होती रही। एलेक्स बातों के दौरान भाप लिया कि प्रार्थिया उससे इम्पेसड है, लिहाजा उसने लालच का जाल फेंका जिसमें महिला न सिर्फ आई बल्कि एक ही झटके में 5 लाख 10 हजार की एक बड़ी रकम गंवा दी।

शातिर एलेक्स जैसों का काम ही है रोजाना सैकड़ों महिलाओं को फोन करना। जो झांसे में आया वो इस तरह लूट ली गई। खैर एलेक्स एंटोनी ने पीड़ित महिला को विदेशी जूते, बैग, घड़ी, पर्स और कुछ रुपये तुम्हारे लिए पार्सल भेज रहा हु, तुम उसे ले लेना। महिला खुश, बैठे बिठाए समान के साथ विदेशी रुपए जिसका इंडिया में डबल वेल्यू है, मिल रहा था। बस अब यहीं से शातिरों का खेल बोलो या गेम, दोनों चलता है। दूसरे दिन प्रार्थिया के मोबाईल पर एक कथित एजेंट का फोन आता है। वह एजेंट अपना नाम अनिता बताया जो प्रार्थिया से बोली कि आपका सामान एयरपोर्ट पर है, जिसे क्लियेरेंस के लिए 50,000 की राशि देनी पड़ेगी। एजेंट इसके साथ प्रार्थिया को  पर्सनल एकाउंट नंबर मैसेज के माध्यम से भेज देता है। दिए एकाउंट पर प्रार्थिया ने खाते में 50,000 रूपये जमा कर दी। दूसरे दिन एजेंट ने प्रार्थिया को दूसरे मोबाईल नंबर से फोन कर बताया गया कि एंटिक टेरेरिस्ट सर्टिफिकेट के लिए उसे 1,45,000 हजार रूपये जमा करने होंगे क्योंकि पार्सल के अंदर राशि भी है जो कि पाउन्डस में है और इंडिया मे पार्सल के अंदर फाॅरेन करेंसी एलाउड नहीं है, लिहाजा जैसे ही रकम पार्सल डिलवरी हो जायेगा आपको ये रुपए रिफन्ड हो जायेगा। प्रार्थिया ने दो दिन के अंदर उसके द्वारा दिये अलग-अलग एकाउंट नंबरों में 1,45,000 हजार रूपये आन लाइन जमा कर दी। अगले दिन एजेंट अनिता ने पुनः प्रार्थिया को फोन कर कहा कि फायनेंस मिनिस्ट्री को टैक्स देना पडेगा क्योंकि पार्सल में रकम बहुत ज्यादा है तो बिना टैक्स पटाए रिलिस नहीं किया जायेगा। इसके लिए एजेंट अनिता ने 3,60,000 रूपये की मांग की। बहुत बड़र रकम होने के कारण प्रार्थिया ने 2 दिन का समय मांगा और एजेंट आरती मान गई। इसके बाद महिला अपने दोस्त एलेक्स एंटोनी से बात की। एलेक्स ने महिला को बार-बार विश्वास दिलाया कि वह उसका बड़ा हितैषी है और अगर ये गिफ्ट नहीं लिया तो उनका बहुत सारा रकम का नुकसान हो जायेगा। लालच तो प्रार्थिया के ऊपर हावी था ही, इसलिए एलेक्स की बात मानकर 3 दिनों में एजेंट अनिता से एकाउंट नंबर लेकर 4 अलग-अलग एकाउंट पर नंबरों में अलग-अलग तिथियों में 3,15,000 रूपये जमा कर दी। इसके बाद जब उन लोगों के द्वारा फाइनेंस मिनिस्ट्री की तरफ से पार्सल रिलिज कराने के लिए 6 लाख रूपये मांग की जा रही है, ऐसा बोला तब प्रार्थिया को अपने साथ ठगी होने का अहसास हुआ। पर ये अहसास इतना लेट हुआ कि तब तक प्रार्थिया से कुल 5,10,000 (पांच लाख दस हजार रूपये) की ठगी कर लिया था।

इसके बाद प्रार्थिया की रिपोर्ट पर आरोपियों के विरूद्ध थाना सिविल लाईन में अपराध क्रमांक 500/19 धारा 420, 34 भादवि. का अपराध पंजीबद्ध किया गया। चूंकि अपराध महिला से संबंधित एवं गंभीर प्रवृत्ति का था जिसे पुलिस उप महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा गंभीरता से लेते हुये एक विशेष टीम का गठन कर अज्ञात आरोपियों की पतासाजी कर गिरफ्तार के दिशा निर्देश दिये गये। टीम द्वारा पूर्व में भी इसी तरह से ठगी करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की गई थी, लिहाजा पुलिस भी इस तरह के तरीकों से वारदात को अंजाम देने वाले नाईजीरियन गिरोह पर फोकस करते हुये कार्य प्रारंभ किया गया। आरोपियों एवं प्रार्थिया के मध्य फेसबुक के जिस आई डी व मैसेज तथा मोबाईल नंबरों के माध्यम से बातचीत हुई थी उक्त आई डी एवं मोबाईल नंबरों का तकनीकी विश्लेषण करने के साथ- साथ प्रार्थिया द्वारा बताये गये खाते, जिनमें प्रार्थिया द्वारा पैसे जमा किये गये थे के संबंध में भी बैंक से जानकारी प्राप्त की गई। आरोपियों के संबंध में तकनीकी विश्लेषण व बैंक खातों के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त कर आरोपियों की लोकेशन चिन्हांकित करने में सफलता प्राप्त हुई। प्राप्त लोकेशन के आधार पर टीम दिल्ली रवाना हुई। दिल्ली में पड़ताल प्रारंभ करने पर यह सुनिश्चित हुआ कि आरोपियों द्वारा बहुत ही सर्तकता से अपनी पहचान को छिपाते हुये इस तरह की ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया है। आरोपियों द्वारा उपयोग किये गये मोबाईल नंबर, फेसबुक आई डी व बैंक खातों के नाम व पते फर्जी थे तथा उन मोबाईल नंबरों एवं बैंक खातों का उपयोग सिर्फ और सिर्फ ठगी की वारदात को कारित करने के लिए किया गया था। दिल्ली में कैम्प कर रही टीम को तकनीकी विश्लेषण के आधार पर आरोपी के थाना डाबरी क्षेत्र में निवास करने के संबंध में अहम सुराग प्राप्त हुआ। जिस पर टीम ने तत्काल बिना समय गंवाये आरोपी के फ्लैट में रेड कार्यवाही कर नाइजीरियन नागरिक आरोपी क्रिस्टोफर को पकड़कर कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपी द्वारा प्रार्थिया को अपने झांसे में लेकर प्रलोभन देकर पैसे लेने की बात स्वीकार किया गया। टीम द्वारा निवास स्थान की तलाशी लेने पर आरोपी द्वारा अपराध से संबंधित 01 नग लैपटाॅप, 08 नग मोबाईल फोन, 01 पासपोर्ट, 01 विजा, वाई-फाई राउटर, नगदी 47,500 रूपये एवं 05 नग विदेशी नाइजीरियन करेंसी जप्त किया गया है।

आरोपी मूलतः असाबा नाइजीरियन नागरिक है जो वर्तमान में व्यवसायिक वीजा प्राप्त कर दिल्ली के थाना डाबरी क्षेत्र में निवासरत था। पूछताछ में आरोपी द्वारा संपूर्ण भारत में सैकडों महिलाओं को अपने झांसे में लेकर प्रलोभन देकर लाखों रूपये लेना बताया गया है। आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमाण्ड पर रायपुर लाया गया है।

गिरफ्तार आरोपी – चिडीबेरे बेनार्ड पिता क्रिस्टोफर उम्र 32 साल निवासी असाबा नाइजीरिया,हाल पता, नई दिल्ली।

आरोपी को गिरफ्तार करने एवं माल बरामद करने में उप निरीक्षक तापेश्वर नेताम, प्र.आर. राधाकांत पाण्डेय, संदीप दीक्षित, आर. चिंतामणी साहू, विक्रम वर्मा, राजिक खान, प्रमोद बेहरा एवं हिमांशु राठौर का विशेष योगदान रहा।

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