छत्तीसगढ

निर्वाचन आयोग से सभाओं की अनुमति न मिलने पर bjp ने लगाया आरोप, कहा- कांग्रेस के पालक की भूमिका में है प्रशासन

दन्तेवाड़ा। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का दन्तेवाड़ा विधानसभा में सुरक्षा के नाम पर प्रशासन ने सभा की अनुमति नहीं दी। भाजपा के स्टार प्रचारक डॉ सिंह की चार स्थानों पर 18 सितंबर को नकुलनार व बचेली तथा 19 सितंबर को मेटापाल व तुमनार में आम सभा की अनुमति के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया था। किन्तु 17 सितंबर की दोपहर तक सभा की अनुमति प्रदान नहीं की गई। भाजपा का एक प्रतिनिधि मंडल नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के नेतृत्व में जिला निर्वाचन अधिकारी से मिला। प्रतिनिधि मंडल में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर, केदार कश्यप, चुनाव प्रभारी व विधायक शिवरतन शर्मा शामिल थे। जिला प्रशासन के साथ पाँच घंटे की बैठक व प्रदेश निर्वाचन अधिकारी प्रतिनिधि मंडल द्वारा केन्द्रीय व राज्य निर्वाचन अधिकारी को निर्णय न देने की स्थति में शिकायत की गई। इस चर्चा के बाद जिला प्रशासन ने नकुलनार, मेटापाल, तुमनार में सुरक्षा कारणों से अनुमति नहीं दी। वही बचेली में सभा कर सकते हैं। ज्ञात हो कि 16 सितंबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की नकुलनार व तुमनार में सभा हुई थी, यदि जिला प्रशासन मुख्यमंत्री बघेल को सुरक्षा प्रदान कर सकता है तो पूर्व मुख्यमंत्री को सुरक्षा प्रदान करने से क्यों पीछे हट रही है । कांग्रेस अपने पराजय को स्वीकार ली है।
इस एकपक्षीय फैसले पर पूर्व मंत्री अजय चन्द्राकर ने कहा कि जिला प्रशासन कांग्रेस के पालक के तौर पर काम कर रही है। और कांग्रेस का सारा कार्यक्रम जिला प्रशासन के कार्यालय से ही तय हो रहा है। उन्होनें कहा लोकतंत्र में दुर्भावना का कोई स्थान नही है और सद्भावना को सबका समर्थन है। भाजपा चुनाव प्रभारी व विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि सुरक्षा के नाम पर केवल प्रशासन दिखावा कर रही है। जिस मेटावाड़ा में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ सिंह को सुरक्षा के नाम पर सभा करने की अनुमति नही दी जाती है वही एक दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सभा करने की अनुमति दी जाती है। उन्होनें कहा कि प्रशासन कांग्रेस के एजेंट के तौर पर कार्य कर रहा है जिसकी हम निंदा करते है। पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम सरकारी आश्रमों में जन्मदिन मनाते हैं और निर्वाचन अधिकारी मौन रहता है। जिस पर भी सवाल खड़ा होता है। उन्होनें कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के प्रचार अभियान में शामिल होने पर प्रतिबंध लगना चाहिए।

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