छत्तीसगढ

नेटवर्क मार्केटिंग और लॉक-डाउन युवा लेखक बलवंत सिंह खन्ना की कलम से

छोटे देशों के मुकाबले बड़े देशों पर कोरोना ने बड़ा हमला किया है और सभी देशों में बेरोजगारों की संख्या में बेहताशा इजाफा हो चुका है और आने वाले कई महीने और साल लगेंगें इससे देशों को उबरने के लिए । जहाँ पूरी दुनिया कोरोना से तबाही मचगी वही डायरेक्ट सेल्लिंग के लिए यह एक स्वर्णिम काल होगा क्योंकि हर छोटा या बड़ा व्यक्ति अपने जीवन उपार्जन के लिए नए स्रोतों से आमदनी के लिए प्रयासरत होगा और डायरेक्ट सेल्लिंग ही अकेला ऐसा व्यापार है जो बिना पैसे लगाए आपको आमदनी के आपार मौके देता है ।
*महान बिज़नेस फिलॉस्फर जिम रॉन ने कहा था*
की आपकी आमदनी अक्सर अपने पांच सबसे करीबी मित्रों की औसत आमदनी के बराबर होती है। और आपने यह भी सुना होगा की सामान प्रवृति वाले लोग साथ-साथ रहते हैं।बयह अमीर लोगों,गरीब लोगों और मध्यमवर्गीय लोगों के बारे में भी सच है। दूसरे शब्दों में अमीर लोग अमीरों के साथ नेटवर्किंग करते हैं और मध्यमवर्गीय लोग दूसरे मध्यमवर्गीय लोगों के साथ उठते-बैठते हैं।
हम अगर जिंदगी बदलना चाहते हैं तो हमे सबसे पहले अपनी संगती को बदलना होगा
यह सुनना आपको शायद पसंद नहीं आएगा,लेकिन यदि हम अपने जीवन में एक अलग अर्थव्यवस्था गढ़ना चाहते चाहते हैं तो हमे नई नौकरी की जितनी जरुरत है,उस से ज्यादा जरुरत नए दोस्तों की भी हो सकती है। क्यूंकि भले ही वो हमसे प्रेम करते हों और भले ही उनका ऐसा इरादा ना हो,लेकिन इस वक़्त हम जिन दोस्तों के साथ रहते हैं ,हो सकता है की वे ही हमे पीछे रोके हुए हों। यदि हम भी अमीर बनना चाहते हैं तो हमे भी उन लोगों के साथ नेटवर्किंग करने की जरुरत है,जो या तो अमीर हैं या अमीर बनने में हमारी मदद कर सकते हैं।
कई लोग पूरा जीवन बिता देते हैं ऐसे लोगों के साथ उठने -बैठने और नेटवर्किंग करने में बिता देते हैं, जो आर्थिक दृष्टि से उन्हें पीछे रोककर रखते हैं। नेटवर्क मार्केटिंग व्यवसाय में हम ऐसे लोगों के साथ उठते बैठते हैं ,जो हमे ज्यादा अमीर बनाने में मदद करते हैं।
क्या मैं जिन लोगों के साथ समय बिताता हूँ ,क्या वे मुझे अमीर बनाने के प्रति समर्पित हैं ? या उनकी ज्यादा इस बात में रूचि है कि कड़ी मेहनत करता रहूं ? नेटवर्क मार्केटिंग न सिर्फ बेहतरीन व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करती है बल्कि यह मित्रों का एक बिलकुल नया संसार भी उपलब्ध कराती है -ऐसे मित्र ,जो हमारी ही दिशा में जा रहे हैं और उनकी बुनियादी जीवन मूल्य भी वही है ,जो हमारे हैं।
*पुरानी परंपरा को त्यागना होगा*
जब हम शिक्षा ग्रहण करना प्रारम्भ करते हैं तब हमारे माता-पिता हमे सफलता का वही फार्मूला सिखाते हैं ,जो शायद आपको भी सिखाया गया होगा :स्कूल जाओ,मेहनत से पढ़ो और अच्छे ग्रेड लाओ,ताकि तुम्हें सुरक्षित ,ऊँची तनख्वाह तथा अन्य लाभ वाली नौकरी मिल सके। लेकिन मैं कहता हूं हमें इस परंपरा को छोड़ना होगा। हमे अपना जीवन का महत्व और सफलता का परिभाषा को बदलना होगा।
*डर के आगे निकलना होगा*
अक्सर हम इस डर से जीते रहते हैं की व्यव्साय में नुकसान नाही झेल पाएंगे । व्यवसाय मेरे लिये बना ही नही है। में बॉस के अंदर नैकरी कर के हो खुस हूं। बिज़नेस व खेती में लॉस का डर। लेकिन अगर हम नेटवर्किंग में अपना नेटवर्क बना लिये तो हम राजा की तरह जिंदगी जी  सकते हैं। क्या हम स्वतंत्र जिंदगी जीना नही चाहते हैं। बेशक चाहते हैं इसके लिये हमें डर को पीछे छोड़कर आगे निकलना होगा।
डायरेक्ट सेलिंग वैश्विक मंदी के दौर में कमाल की तेजी दिखता है, यह 2008-2009 की वैश्विक मंदी के समय भी देखने मे आया था। तब डायरेक्ट सेल्लिंग, मल्टी लेवल मार्केटिंग  में व्यापार ज्यादातर कंपनियों का 4-5 गुना बढ़ गया था। उनकी डिस्ट्रीब्यूटर एक साल में ही पिछले 5 साल का रिकॉर्ड तोड़ चुकी थी। क्योंकि बेरोजगारी का ऐसा अलाम था 50000 महीने पाने वाले लोग 20000 में भी कम करने के लिए तैयार थे उसके बावजूद काम नही मिला रहा था ।
व्यापारी वर्ग भी भयंकर मंदी की चपेट में थे और पारंपरिक व्यापार या तो घाटे में चल रहे थे या उनको बंद करने की नौबत आ गयी थी। सभी छोटे बड़े व्यापारी अपने खाली समय मे डायरेक्ट सेल्लिंग में काम करने में जुट गए थे, और अच्छा मुनाफा भी कम रहे थे। उसके बाद काफी लोगो ने वापिस पारंपरिक व्यापार की तरफ रुख नही किया और फूल टाइम नेटवर्क मार्केटिंग व्यापार में ही संलिप्त हो गए। जहाँ डायरेक्ट सेल्लिंग व्यापार से महज 2008-2009 में कुल 1500 करोड़ सालाना का काम किया जा रहा था। आज 2020 में यह आंकड़ा 125000 करोड़ को पार कर गया है, और देश की नामचीन कंपनियां अकेले की 2000-3000 करोड़ का व्यापार कर रही है ।आप समझ सकते है अगर 125000 करोड़ का व्यापार इस व्यवसाय में हो रहा है तो लगभग 40%-50% इसका कमीशन के रूप में डायरेक्ट सेल्लिंग डिस्ट्रीब्यूटर्स में बाट दिया जाता है, जो आज लगभग 50000-60000 करोड़ रुपये सालाना है । नई डायरेक्ट सेल्लिंग कम्पनी के लिए इस वक्त, इस व्यापार में आपार सम्भावनाएं व्याप्त है। सही समय पर सही व्यापार में होना भविष्य के लिए बहुत ही लाभप्रद हो सकता है। जहां अधिकांस कंपनियों में छटनी का दौर प्रारम्भ हो चुका है वही नेटवर्क बिज़नेस में बूम आयी है।

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