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High Court Said : पत्नी की दूसरी महिलाओं से तुलना करना क्रूरता है

नई दिल्ली, 17 अगस्त। High Court Said : केरल हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा कि पति द्वारा पत्नी को बार-बार ताना मारना और अन्य स्त्रियों से तुलना करना एक प्रकार से मानसिक क्रूरता है। यह टिप्पणी उस समय आई केरल हाई कोर्ट की बेंच फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली अर्जी पर सुनवाई कर रही थी। 

‘बार-बार ताना मारना और तुलना करना ठीक नहीं’

न्यायमूर्ति (High Court Said) अनिल के नरेंद्रन और न्यायमूर्ति सीएस सुधा की खंडपीठ ने यह टिप्पणी की है। कोर्ट द्वारा यह भी कहा गया कि पति का बार-बार ताना मारना और अन्य महिलाओं के साथ तुलना निश्चित रूप से मानसिक क्रूरता है। क्या किसी पत्नी से भी ऐसी उम्मीद की जा सकती है। याचिकाकर्ता पत्नी की याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई की है।

‘तलाक के लिए यह पर्याप्त कारण नहीं है’

पत्नी ने आरोप लगाया था कि उसका पति उसे लगातार याद दिलाता था कि वह दिखने के मामले में उसकी अपेक्षाओं को पूरा नहीं करती है। इतना ही नहीं उसने अपनी पत्नी से यह भी कहा कि अन्य महिलाओं की तुलना में वह उसे निराश करती है। उसके भाई की पत्नियां उससे ज्यादा सुंदर हैं। अदालत ने कहा कि हालांकि तलाक के लिए यह पर्याप्त कारण नहीं है, लेकिन कानून को इस तथ्य पर ध्यान देना चाहिए।

हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इनकार किया

रिपोर्ट के मुताबिक हाईकोर्ट (High Court Said) ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए यह टिप्पणियां की है। कोर्ट ने यह भी कहा कि जनहित की मांग है कि जहां तक ​​संभव हो वैवाहिक स्थिति को बनाए रखा जाना चाहिए। जबकि एक शादी को बचाए रखने की उम्मीद की बजाय उसे बर्बाद किया जा रहा हो।

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