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पाकिस्तान में महंगाई की मार क्रेता-विक्रेता दोनों पर…अगर इमरान सरकार जल्द काबू नहीं कर पाया तो दिसबंर तक हालात भयावह… पढ़िए पूरी रिपोर्ट

पाकिस्तान, 8 अक्टूबर। पाकिस्तान में महंगाई अपनी चरम सीमा पर है। महंगाई का आलम यह है कि आम लोगों पर आफत बनकर टूट रही है। खासतौर से गेहूं की कीमत में ऐतिहासिक उछाल देखने को मिली है। पाकिस्तान में गेहूं इतिहास में अब तक की सबसे ज्यादा 60 रुपये प्रति किलो हो गई है। कुल मिलाकर पाकिस्तान सरकार के महंगाई काबू में करने और खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने की कोशिशों के असफल होने के इशारे मिलने लगे हैं।

पुलवामा अटैक के बाद भारतीय किसान है नाराज

पिछले दिसंबर में देश में हालात बेहद खराब दिखने लगे थे जब गेहूं की कीमत 2000 रुपये प्रति 40 किलो पर पहुंच गई थी। अब इस वर्ष अक्टूबर में ही यह रिकॉर्ड टूट गया। माना जा रहा है कि  जम्मू कश्मीर के पुलवामा में CRP के जवानों के काफिलें में अटैक करने के बाद पाकिस्तान के नागरिकों के प्रति जबरदस्त नाराजगी है। जिसके चलते भारत के किसानों ने भी अपनी सब्जियां पाकिस्तान भेजने से मना कर दिया है, जिसके चलते पाकिस्तान में  सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं। भारतीय किसानों का कहना है कि हमारी सब्जियां व फल भले ही खराब हो जाए लेकिन हम अपनी उत्पादन पाकिस्तान को नहीं बेचेंगे। भारतीय किसानों के इस फैसले का नतीजा यह हुआ कि पाकिस्तान में फल व सब्जियों के दाम चरम पर है।

क्रय मुल्य के ऐलान की मांगे

ऑल पाकिस्तान फ्लार एसोसिएशन ने मांग की है कि देश और राज्य की सरकारें गेहूं के क्रय मूल्य का ऐलान जल्द करें क्योंकि सिंध में कटाई का मौसम शुरू हो चुका है और पंजाब में अगले महीने शुरू हो जाएगा। वहीं, किसानों ने मांग की है कि सर्टिफाइड बीजों की कीमतों का ऐलान किया जाए और अगले 24 घंटे में 50 किलो के बैग की कीमत का ऐलान भी किया जाए।

सब्जियों के दाम में आग

पाकिस्तान में साग-सब्जियों के कीमतें भी आसमान छू रही है। पाकिस्तान की प्रशासन की तरफ से जारी रेट लिस्ट के मुताबिक, प्याज 90 रुपए किलो, आलू 75 रुपए किलो के भाव पर जा पहुंचा है। इसके अलावा टमाटर का रंग भी पहले से बहुत ज्यादा लाल हो गया है। टमाटर की कीमत 180 रुपए जबकि अदरक का भाव 600 रुपए होने से लोगों की थाली से साधारण सब्जी भी दूर हो गई है। वहीं मटर 225 रुपए, खीरा 117 रुपए, भिंडी 70 रुपए और फूलगोभी 80 रुपए किलो मिल रहा है।

अनाज एसोशिएशन मांग रहा फंड

ऐसा नहीं है कि खाने-पीने के दाम बढ़ने से सिर्फ आम लोग ही परेशान नहीं हैं बल्कि विक्रेता भी महंगाई का रोना रोते नजर आ रहे हैं। अनाज एसोसिएशन ने सरकार से अपने लिए फंड मांगा है। इसके पीछे उसका तर्क है कि वक्त पर फसल पैदा होने से दाम में कटौती आएगी। हालांकि, ना तो केंद्र सरकार ने और ना ही किसी प्रांतीय सरकार ने इस बारे में कुछ आश्वासन दिया है। बताया जा रहा है कि अगर दाम पर इमरान सरकार ने जल्द काबू नहीं पाया तो दिसबंर तक हालात भयावह हो सकते हैं।

सब्जियों के दाम

टमाटर 180/kg

अदरक 600/kg

मटर 225/kg

खीरा 117/kg

भिंडी 70/kg

फूलगोभी 80/kg

लौकी 80/kg

टिंडे 80/kg

 

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