छत्तीसगढ

प्रदेश में पहली बार चाइल्ड बजट: ऐसा करने वाला देश का चौथा राज्य रायपुर

रायपुर, 10 मार्च। छत्तीसगढ़ में बच्चों के विकास और उनकी देखरेख के लिए अलग से बजट रखा गया है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को चाइल्ड बजट का ऐलान करते हुए 3 हजार 523 करोड़ रुपए का प्रावधान किया। दैनिक भास्कर ने सबसे पहले 15 जनवरी को बताया था कि प्रदेश सरकार बच्चों के लिए अलग बजट लाने जा रही है।

इसके दायरे में छह विभाग आएंगे। इनमें महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य एवं स्कूल शिक्षा, श्रम एवं समाज कल्याण विभाग, आदिम जाति विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग शामिल हैं। विधानसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रस्तुत विनियोग विधेयक पारित कर दिया गया। इसके साथ ही सरकार को 1 अप्रैल से नया बजट खर्च करने की अनुमति मिल गई है। विनियोग विधेयक की चर्चा का जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि विनियोग का आकार 1 लाख 5 हजार 213 करोड़ रुपए का है।

विनियोग विधेयक की चर्चा का भी बीजेपी विधायकों ने बहिष्कार किया। इस पर तंज कसते हुए सीएम ने कहा कि विनियोग विधेयक पर सरकार चर्चा की तैयारी के साथ विधानसभा में उपस्थित है, लेकिन विपक्ष ही चर्चा से भाग रहा है।

सीएम ने कहा कि इस बजट के साथ हमें छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा के संसाधनों की रक्षा और सदुपयोग का नया अध्याय लिखना है। गरीबों, आदिवासियों, अनुसूचित जाति, किसानों, मजदूरों, ग्रामीणों के उत्थान, विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की हमारे पुरखों की जो सोच रही है, उसी दिशा में हमारी सरकार काम कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कोविड महामारी ने हमें जीने का एक नया नजरिया दिया है, जिसमें मानवता ग्लोबल हो लेकिन अपने परिवेश और संसाधनों के विकास का नजरिया लोकल हो। ग्लोबल इनसानियत और लोकल जरूरत के बीच जितना अच्छा संतुलन होगा, न्याय संगत विकास के हमारे प्रयास उतने ही सटीक होंगे। गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की हमारी सोच को अमल में लाने की रणनीति में इससे समानता दिखती है।

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