छत्तीसगढ

प्रयास और एकलव्य विद्यालय के विद्यार्थियों का जेईई मेन्स प्रवेश परीक्षा में शानदार प्रदर्शन

रायपुर, 12 सितंबर। आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित प्रयास आवासीय और एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों ने आईआईटी, एनआईटी एवं केन्द्र सरकार से वित्त पोषित इंजीनियरिंग संस्थाओं में प्रवेश हेतु प्रतिष्ठित जेईई मेन्स परीक्षा के शुक्रवार को घोषित परिणामों में शानदान प्रदर्शन किया है। गत वर्ष सफलता का प्रतिशत 48.6 था, जो इस वर्ष बढ़कर 49.7 प्रतिशत हो गया है। मंत्री आदिम जाति कल्याण विभाग डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने सभी सफल विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।

इस वर्ष जेईई मेन्स परीक्षा में प्रयास आवासीय विद्यालयों के कुल 316 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए, जिनमें से 157 सफल हुए हैं। इनमें सर्वाधिक 67 विद्यार्थी प्रयास आवासीय बालक विद्यालय रायपुर के हैं। इसके अलावा प्रयास कन्या आवासीय विद्यालय रायपुर की 25 छात्राएं, प्रयास आवासीय विद्यालय दुर्ग के 29 छात्र, प्रयास अंबिकापुर के 14 छात्र, प्रयास जगदलपुर के 10 छात्र, प्रयास बिलासपुर के 8 छात्र और प्रयास कांकेर के 4 छात्र सफल हुए हैं।

इसी प्रकार एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के कुल 117 छात्र परीक्षा में शामिल हुए, जिसमें से 53 छात्र सफल हुए हैं। इनमें जशपुर जिले के सन्ना से 8, दंतेवाड़ा-कटेकल्याण से 3, सूरजपुर के शिवप्रसाद नगर से 7, सरगुजा के मैनपाट से एक, रायगढ़ के छोटेमुड़पार से 2, जगदलपुर के करपावण्ड से 7, कबीरधाम के तरेगांव से 2, राजनांदगांव के पेण्ड्री से 7, कांकेर के अंतागढ़ सेे 4, कोरिया के पोड़िडीह से 5, कोरबा के छुरीकला सेे 4 और बीजापुर जिले के भैरमगढ़ से 3 विद्यार्थी सफल हुए है। अब ये छात्र 27 सितम्बर को होने वाली जेईई-एडवांस परीक्षा में बैठ सकेंगे। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को आईआईटी में प्रवेश मिलेगा। पिछले शैक्षणिक सत्र 2018-19 में परीक्षा में शामिल 112 विद्यार्थियों में से मात्र 29 विद्यार्थी ही सफल हुए थे। इस वर्ष की परीक्षा में विद्यार्थियों को गत वर्ष की तुलना में लगभग दोगुनी सफलता प्राप्त हुई है।

उल्लेखनीय है कि प्रयास आवासीय विद्यालयों के अब तक 52 विद्यार्थी आईआईटी/समकक्ष में, 173 विद्यार्थी एनआईटी/ट्रिपल आईटी/समकक्ष, 35 विद्यार्थी मेडिकल कालेजों में और 695 विद्यार्थी विभिन्न इंजीनियरिंग कालेजों में प्रवेशित हो चुके हैं। जो कि विभाग द्वारा इस दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सार्थकता को सिद्ध करता है।

Related Articles

Check Also
Close
Back to top button