छत्तीसगढ

बंगाल में ‘दीदी’ को तीसरी बार तख्ता दिलाने रणनीतिकार प्रशांत किशोर लगे है जी-जान से, टीम में शामिल हैं ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज से लेकर IIT-IIM के यंगस्टर्स

कोलकाता, 19 मार्च। ममता बनर्जी को बंगाल की सत्ता दिलाने के लिए आईपैक की जो टीम काम कर रही है, उसमें ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज से लेकर IIT-IIM तक में पढ़े यंगस्टर्स शामिल हैं। अधिकतर की उम्र 25 से 35 साल के बीच है। टीम मेम्बर्स की औसत उम्र 25 साल है। ये सभी चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की टीम का हिस्सा हैं।

आईपैक ने पश्चिम बंगाल में जून-2019 से ही काम करना शुरू कर दिया था। इस टीम की सलाह पर ही कई नए कैंपेन TMC ने लॉन्च किए। कैंडीडेट्स की घोषणा में भी आईपैक के सजेशन को काफी ज्यादा महत्व दिया गया। जिन कैंडीडेट्स का परफॉर्मेंस खराब था, उनका टिकट काट दिया गया। आईपैक के एक मेम्बर ने बताया, ‘हमारी टीम में लगभग हर राज्य से कोई न कोई है। अलग-अलग प्रोफेशन के लोग हैं। नैनो टेक्नोलॉजी की समझ रखने वाले से लेकर कानून की समझ रखने वाले तक टीम में हैं। जर्नलिज्म के भी ढेरों लोग हैं।’

वे कहते हैं, ‘अलग-अलग प्रोफेशन के लोग हैं, तभी हमें अलग-अलग विचार मिलते हैं, जिससे कोई एक अच्छा आइडिया निकल पाता है। पहले कुछ फॉरेनर्स भी टीम का हिस्सा थे, लेकिन बंगाल में जो टीम काम कर रही है, उसमें कोई फॉरेनर नहीं है।’ खास बात ये है कि आइपैक में वर्किंग किसी कंपनी की तरह नहीं बल्कि कॉलेज की तरह है। मतलब अपने हिसाब से आइए, जाइए बस अपना जो प्रोजेक्ट है, उसे समय पर पूरा कीजिए। बाकी किसी तरह की बंदिशें नहीं हैं।

ममता बनर्जी तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के लिए पूरजोर कोशिश कर रही हैं। चोट लगने के बाद भी लगातार रैलियां कर रही हैं।
294 विधानसभा हैं, सभी में टीम के मेम्बर्स

पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीटें हैं, इनमें सभी में आईपैक के मेम्बर्स मौजूद हैं। कहीं तीन तो कहीं चार मेम्बर्स हैं। ये लोग स्थानीय उम्मीदवार के साथ मिलकर काम रहे हैं। उन्हें जनता का फीडबैक देते हैं। सोशल मीडिया कैंपेन रन करते हैं। गवर्नमेंट की स्कीम्स लोगों तक पहुंचाने का काम करते हैं। साथ ही जो कैंपेन पूरे प्रदेश में रन किए जा रहे हैं, उन्हें अपने एरिया में रन करवाते हैं। इस टीम में कई ऐसे मेम्बर्स भी हैं, जिन्होंने दिल्ली चुनाव में भी प्रशांत किशोर के साथ काम किया था। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के रणनीतिकार प्रशांत किशोर ही थे।

टीम के एक मेम्बर ने बताया, ‘हमारे और राजनीतिक दलों में मुख्य अंतर ये है कि हमारा कोई निहित स्वार्थ नहीं होता। हम फीडबैक-फैक्ट्स के आधार पर कैंडीडेट्स को सही-गलत बताते हैं, जबकि जो नेता पार्टी में होते हैं, उनका कोई न कोई स्वार्थ होता है। इसलिए वो पार्टी को अपने हिसाब से फीडबैक देते हैं। बंगाल में आईपैक के 700 से ज्यादा मेम्बर्स काम कर रहे हैं। कुछ ऑफिस वर्क में हैं। कुछ फील्ड वर्क में हैं।’

आईपैक के कहने पर दीदी ने शुरू किए ये प्रोग्राम, ‘द्वारे सरकार’ सबसे हिट रहा

बांग्लार गौरब ममता
बांग्लार गोरबो ममता यानी बंगाल का गौरव ममता। यह एक पब्लिक आउटरीच प्रोग्राम है। इसका मकसद राज्य के ढाई करोड़ से ज्यादा लोगों को दीदी से जोड़ना है। 2 मार्च से शुरू हुआ ये कैंपेन 10 मई तक चलेगा। पार्टी के 75 हजार से ज्यादा नेता, 5 लाख जमीनी कार्यकर्ता 21 हजार से ज्यादा मीटिंग करेंगे। पूरे बंगाल में 41 हजार किमी की यात्रा का लक्ष्य है। इस कैंपेन के तहत पार्टी का टारगेट ढाई करोड़ लोगों तक पहुंचने का है।

कभी मोदी के लिए काम करने वाले प्रशांत किशोर जाने-माने राजनीतिक रणनीतिकार हैं। अभी ममता बनर्जी के लिए बंगाल में इनकी टीम काम कर रही है।
दीदी के बोलो
दीदी के बोलो मतलब अपनी बहन को बोलो। इस प्रोग्राम के तहत लोग अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करवा सकते हैं। टोल फ्री नंबर के जरिए सरकार को अपना सजेशन दे सकते हैं। इसमें पार्टी लीडर्स गांव में जा रहे हैं। ग्रामीणों के साथ भोजन कर रहे हैं। इसमें कम से कम 10 हजार गांवों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है।

दीदीर दूत
दीदीर दूत नाम का एक मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किया गया है। 20 दिन में ही इसे 5 लाख बार डाउनलोड कर लिया गया था। यह भी दीदी से कनेक्ट होने का एक प्लेटफॉर्म है। इसमें सीएम की स्पीच, न्यूज और इंफोग्राफिक्स शेयर किए जाते हैं। उनके सभी इवेंट्स, एक्टिविटीज यहां देखी जा सकती हैं।

द्वारे सरकार
इस प्रोग्राम का मकसद लोगों के घरों तक पहुंचकर उनकी समस्याएं हल करना और सरकारी स्कीम्स उन तक पहुंचाना है। खासतौर पर इसमें 11 स्कीम्स रखीं गई हैं, जैसे स्वास्थ्य साथी, कन्या साथी, कन्याश्री। पंचायत स्तर पर लोगों के स्वास्थ्य कार्ड बनाए गए। जाति प्रमाण पत्र जारी किए गए। लोगों की तमाम परेशानी द्वारे सरकार के जरिए खत्म हुई है। इसे काफी सक्सेसफुल कैंपेन माना जा रहा है।

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