बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने वाली मध्यान भोजन योजना खुद कुपोषित, ध्यानाकर्षण में बृजमोहन ने उठाया मुद्दा
● मुख्यमंत्री भुपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र के स्कूलों तक मे हो गई दुर्गंध युक्त कीड़े लगे दूध की सप्लाई
रायपुर। स्कूली बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए प्रारंभ की गई मध्यान्ह भोजन योजना सहित ऐसी विभिन्न योजनाएं खुद कुपोषण का शिकार हो गई है। प्रदेश की विभिन्न स्कूलों में इस योजना का बड़ा बुरा हाल है। इस संबंध में वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में ध्यानाकर्षण सूचना माध्यम से अपनी बात रखी।
उन्होंने कहा कि दुर्ग जिले के 928 सरकारी स्कूलों के करीब 1 लाख 26 हज़ार बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए सितंबर महीने में शुरू की गई मुख्यमंत्री अमृत योजना के तहत अक्टूबर,नवंबर, दिसंबर 2019 में घटिया सोया मिल्क की सप्लाई किया गया। उक्त दूध पैकेट दुर्गंध युक्त तो थे ही उसमें कीड़े भी लगे हुए थे। दुर्ग, पाटन,धमधा विकासखंड की छात्रों ने हज़ारों लीटर दूध बाहर फेके थे। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि दुर्ग जिले में ही बच्चों को देने वाले प्रोटीन युक्त सोयाबीन बड़ी वितरण होना बंद हो गया है। डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम मुरमुंदा के स्कूल के बच्चों को बाहर से लाकर शादी का 1 दिन पुराना बासी भोजन परोसा गया। उल्टी-दस्त की शिकायत की बात बच्चों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया। गौरेला विकासखंड के प्राथमिक शाला कोठारिया डांड के बच्चों को मध्यान भोजन ही नहीं मिल रहा है। बैकुंठपुर जिला कोरिया के दर्जनों एकलव्य आवासीय विद्यालय छात्रावासों को पिछले 5 महीने से चावल का आवंटन नहीं हुआ है। कुपोषण से मुक्ति के लिए बालोद जिले की स्कूलों में परोसे जा रहे 80 फ़ीसदी अंडे खराब निकल रहे हैं। स्कूली बच्चों के साथ शासन प्रशासन द्वारा किए जा रही इस प्रकार के अमानवीय रवैये से पलकों छात्रों में रोष व्याप्त है।
बृजमोहन अग्रवाल के इस ध्यानाकर्षण सूचना पर दिए अपने वक्तव्य में शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ये स्वीकार किया कि माह अक्टूबर 2019 और माह नवंबर 2019 में विकासखंड दुर्ग में 4017 लीटर,धमधा में 2051 लीटर व मुख्यमंत्री के क्षेत्र पाटन विकासखंड में2683 लीटर दूध खराब होना पाया गया। परंतु दूध बाटे जाने की बात उन्होंने अस्वीकार की।
उन्होंने डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम मुरमुंदा के प्राथमिक शाला मैं बासी भोजन खिलाया जाने के मामले में प्रधानपाठक को निलंबित करने तथा तथा विकासखंड स्रोत समन्वयक को कारण बताओ नोटिस जारी किये जाने की जानकारी दी।
गौरेला विकासखंड के कोठारिया डांड मध्यान भोजन नहीं मिलने की शिकायत पर संचालन कर्ता समूह लापरवाही बरतने के कारण उसे हटाकर शाला प्रबंधन समिति को जिम्मा सौंपा गया है।