बदल गया कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता और कामधेनु विश्वविद्यालय का नाम
रायपुर। मंगलवार की शाम को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कैबिनेट मीटिंग हुई। वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई इस बैठक में तमाम मंत्रीगण अपने अपने घरों से ही शामिल हुए, लेकिन वही स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव मुंबई से शामिल हुए। बैठक में कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं दूरसंचार विश्वविद्यालय का नाम बदलकर छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार चंदूलाल चंद्राकर के नाम पर और कामधेनु विश्वविद्यालय का नाम बदलकर दाऊ चंदूलाल चंद्राकर के नाम पर रखने का प्रस्ताव पेश किया गया, जिस पर कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है। अब इसे विधानसभा में पेश किया जाएगा। वहां से पास होने के बाद इन दोनों ही विश्वविद्यालयों के नाम बदल दिए जाएंगे।
काफी समय पहले पत्रकारों ने उठाई थी मांग
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं दूरसंचार विश्वविद्यालय का नाम बदलने के लिए छत्तीसगढ़ के पत्रकारों ने मांग की थी। उनकी मांग को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह निर्णय लिया।
छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता में नहीं था कुशाभाऊ का कोई योगदान
जानकार बताते हैं कि छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता में कुशाभाऊ ठाकरे का कोई योगदान नहीं है। छत्तीसगढ़ में से दो बड़े पत्रकार थे, जिसमें एक माधव राव सप्रे और दूसरे चंदूलाल चंद्राकर। चंदूलाल चंद्राकर में राष्ट्रीय पत्रकारिता में अपनी धाक जमा रखी थी। उन्होंने तमाम राष्ट्रीय अखबारों में बतौर संपादक कार्य किया। तो वही माधव राव सप्रे छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता के पुरोधा माने जाते हैं। इसलिए कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय का नाम बदलकर चंदूलाल चंद्राकर के नाम रखने का प्रस्ताव कैबिनेट के सामने रखा गया। उसे कैबिनेट ने मंजूर कर लिया। कामधेनु विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय का नाम भी दाऊ चंदूलाल चंद्राकर के नाम पर रखा जाएगा। इसे लेकर भी कैबिनेट निर्णय लिया है। कैबिनेट में हुए फैसले को अब विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा । जहां इसे मंजूर होने के बाद फिर इन दोनों विश्वविद्यालयों के नाम बदल जाएंगे।
प्रदेश में लगेंगे 4 एथेनाल के प्लांट
प्रदेश में एथेनाल के चार प्लांट लगाने का प्रस्ताव भी कैबिनेट में मंजूर हुआ है । इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सुधार आएगा। इसके अलावा भी तमाम निर्णय आज की कैबिनेट की बैठक में हुए।