छत्तीसगढ

बिजली पहुंच विहीन वनांचलों के लिए सौर चलित संयंत्र बना ‘मील का पत्थर’

ग्रामीणों के घर हुए रौशन, करीब 80 हेक्टेयर रकबे में हो रही है सिंचाई

कोरबा, 25 दिसंबर। शहरी चकाचौंध में रहने वालों से ग्रामीण परिवेश के अंधेरे का अंदाजा शायद कोई नहीं लगा सकता।आंखों के सामने चकाचौंध रोशनी के बीच अगर एक पल के लिए बिजली बंद कर दी जाए तो लोगों की सांसें रुकने जैसी हो जाती हैं, लेकिन उनके लिए जरा सोचिए जहां बिजली की व्यवस्था नहीं है और ऊपर से जंगली जानवरों और हाथियों का खौफ। ऐसे में क्रेडा का सोलर प्लांट उन ग्रामीणों के लिए ‘मील का पत्थर’ बना।

कोरबा जिले के दूरस्थ वनांचल गांवों में सौर चलित सोलर संयंत्र ग्रामीणों के खूब काम आ रहे हैं। एक तरफ  बिजली पहुंच विहीन दूरस्थ क्षेत्रों में सोलर लाईटों से गांव की गलियां रौशन हो रही है। वहीं दूसरी ओर सोलर पंपों के माध्यम से किसानों को सिंचाई के लिए पानी भी उपलब्ध हो रहा है।

हाथी प्रभावित क्षेत्रों के गांवो में सोलर पॉवर प्लांट की मदद से चलित स्ट्रीट लाईटों ने ग्रामीणों को रात के अंधेरे में सुरक्षित रहने के की सुविधा भी दे रही है। पीने के लिए पानी भी सौर चलित सोलर ड्युल पंप की मदद से आसानी से मिल रहा है।

क्रेडा विभाग ने किया मंजिल को आसान

ग्रामीणों द्वारा गौठानों और अपने खेतों-बाडिय़ों में उगाए गये सब्जियों-फलों को खराब होने से बचाने के लिए सोलर कोल्ड स्टोरेज भी किसानों के लिए सहायक साबित हो रहे हैं। क्रेडा विभाग द्वारा जिले में सौर चलित विभिन्न प्रकार के संयंत्रों की स्थापना की गई है। इन संयंत्रों के माध्यम से लोगों को बिजली की जरूरत के बिना ही आसानी से सौर उर्जा के माध्यम से लाईट, पानी एवं सिंचाई की सुविधा मिल रही है।

दूरस्थ क्षेत्र के ग्रामीणों और किसानों को आसानी से सौर चलित संयंत्र मिल जाने से खेती-किसानी में आसानी हो रही है। स्कूली बच्चों को आश्रम छात्रावासों में गर्म जल की व्यवस्था करने के लिए सौर चलित गर्म जल संयंत्र की भी स्थापना की गई है। जिससे आश्रम-छात्रावासों में रहने वाले विद्यार्थियों को आसानी से गर्म पानी भी उपलब्ध हो रहा है।

तीन साल में लगे 1 हजार से ज्यादा सोलर पंप

क्रेडा के सहायक अभियंता ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा पिछले तीन वर्षों में कोरबा जिले में सौर चलित विभिन्न योजनाओं को क्रियान्वित किया गया है। इन योजनाओं से ग्रामीणों खासकर दूरस्थ बिजली पहुंच विहीन क्षेत्रों के लोगों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में पिछले तीन वर्षों में सौर सुजला योजना अंतर्गत सिंचाई कार्य के लिए 1 हजार 544 सोलर पंप स्थापित किए गए हैं। इसी प्रकार पीने के पानी उपलब्ध कराने के लिए कुल 159 सोलर ड्युल पंप भी स्थापित किए गए हैं।

सोलर होम लाईट संयंत्रों ने किया घरों को रौशन

बिजली की आसानी से पहुंच के लिए 885 सोलर होम लाईट संयंत्रों के माध्यम से लोगों के घरों तक विद्युतीकरण किया गया है। 51 सोलर हाई मास्ट संयंत्र भी लगाए गए हैं। पर्यटन केन्द्र सतरेंगा में तीन सोलर पॉवर पंप स्थापित कर स्ट्रीट लाईट की सुविधा दी जा रही है। जिले के 18 आश्रम छात्रावासों में पांच किलोवॉट क्षमता के सोलर पॉवर प्लांट मय पी.डी.एन. एवं एक हजार लीटर प्रतिदिन क्षमता का सौर गर्म जल संयंत्र भी स्थापित किए गए हैं।

मड़वारानी पहाड़ी में सोलर पॉवर प्लांट स्थापित कर स्ट्रीट लाईट की सुविधा दी गई है। विकासखण्ड करतला के ग्राम पहाड़ गांव में वनसरा के पास ऑफ ग्रिड सोलर पॉवर प्लांट भी स्थापित किए गए हैं।

80 हेक्टेयर रकबे में हो रही है सिंचाई

बिजली विहीन गांवों में किसानों की खेती-बाड़ी कैसे चलती, अगर सोलर पंप नहीं होता। यह बात वहां के किसानों का कहना है। किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा के लिए सौर सामुदायिक सिंचाई योजना के तहत 3 युनिट सोलर पंप स्थापित किए गए हैं, जिससे 80 हेक्टेयर रकबे में सिंचाई हो रही है। इसी प्रकार सब्जियों को खराब होने से बचाने और सब्जियों के रखने के लिए पांच टन क्षमता के आठ सोलर कोल्ड स्टोरेज भी स्थापित किए गए हैं।

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