छत्तीसगढ

बृजमोहन अग्रवाल ने शांति नगर कालोनी में तोड़फोड़ रोकने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

० तीरथगढ़ जलप्रपात की प्रतिकृति व गौरव वाटिका को तोड़ना अपराधिक कृत्य अपराध दर्ज कराने की मांग
० भरे बरसात व कोरोना काल के बीच कर्मचारियों को हटाना अमानवीय

रायपुर, 10 जुलाई। विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज गौरव पथ में स्थित तीरथगढ़ जलप्रपात की प्रतिकृति व गौरव वाटिका को अधिकारियों द्वारा रातों-रात तोड़ने व सिंचाई कॉलोनी शांति नगर के व्यवसायिक उपयोग के खिलाफ आज प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर तोड़फोड़ को तत्काल रुकवाने व तोड़फोड़ करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराने हेतु निर्देश करने की मांग की है।
श्री अग्रवाल ने अपने पत्र में कहा है कि रायपुर शहर की घनी बसाहट व भीड़भाड़ व टैªफिक समस्या के बीच एकमात्र खुली जगह में स्थित, सिंचाई काॅलोनी शांति नगर को तोड़कर वहां पर काॅमर्शियल उपयोग की योजना लाई जा रही है। इस काॅलोनी में 300 से अधिक शासकीय कर्मचारियों एवं अधिकारियों का परिवार निवासरत् है, वहीं व्यापक पैमाने पर हरियाली भी व्याप्त है। हजारों की संख्या में बड़े-बड़े पेड़ है एवं काॅलोनी के अंदर खाली खुली जगह व मैदानें भी है।

शांति नगर कालोनी जिसमें 74 आई टाईप मकान, 124 एच टाईप मकान, 1 डी टाईप मकान, 84 जी टाईप मकानों को जो अभी अच्छी व रहने लायक स्थिति में है यह मकान अरबो रूपये की सम्पत्ति है जिसमें लोग रह रहे हैं, को तोड़ना पूरी तरह शासकीय धन का दुरूउपयोग है। पिछले दिनों लाखों रूपये से तैयार गौरव पथ पर स्थित तीरथगढ़ जल प्रपात की प्रतिकृति व गौरव वाटिका को रातो रात जमीदोज कर दिया गया जबकि इस सौंदर्यीकरण, जल प्रपात व वाटिका में प्रतिदिन आसपास के बड़ी आबादी देखने व वाटिका में बैठने के लिए आते थी। गौरव पथ में होने के कारण यह प्रतिकृति शहर के खुबसुरति में चार चांद लगा रही थी। तीरथगढ़ जलप्रपात की प्रतिकृति व वाटिका सिंचाई काॅलोनी में मेन जी.ई. रोड में एक किनारे में स्थित था, जो ना तो काॅलोनी के विकास में कोई बाधा था और ना ही नई योजना में, फिर भी इन्हें रातों रात तोड़ना कहीं से उचित नहीं है।

श्री अग्रवाल ने कहा है कि एक तरफ जब रायपुर शहर में कोरोना के प्रकरण तेजी से बढ़ रहे हैं। बरसात हो रही है ऐसे समय में 300 से अधिक शासकीय अधिकारियो/कर्मचारियों के परिवार जो वहां निवासरत् है । उनके मकानों को जमीदोज किया जाना पूरी तरह अमानवीय है। एक अच्छी व सुव्यवस्थित बंगलों, मकानों वाली काॅलोनी को तोड़कर शासकीय धन का दुरूपयोग किया जा रहा है वहीं यह कृत्य आपराधिक कृत्य के समान है।
श्री अग्रवाल ने कहा है कि सिंचाई काॅलोनी, शांति नगर में स्थित शासकीय बंगलों एवं मकानों को तोड़कर व अरबो रूपये के शासकीय सम्पत्ति को जमीदोज कर वहां पर क्या निर्माण किया जायेगा, किस प्रकार किया जायेगा, इसकी पूरी कार्ययोजना भी अभी तक जनता के सामने नहीं आई है और न ही निर्माण कार्य व अन्य कार्यों के बजट का आबंटन हुआ है और न ही बजट और न ही कोई टेण्डर हुआ है। परंतु कुछ अधिकारी मनमानी करते हुए वहां पर तोड़फोड़ पर उतारू है। निर्माण कार्य कब शुरू होगा यह भी किसी को नहीं मालूम। ऐसी स्थिति में शासकीय सम्पतियों को तोड़ना सौंदर्यीकरण के लिए बनाए गए वाटरफाॅल एवं वाटिका को उजाड़ना, बरसात के मौसम में दबावपूर्वक शासकीय अधिकारियों व कर्मचारियों को बेघर करना कहीं से उचित नहीं है।

श्री अग्रवाल ने कहा है कि शहर के मध्य ही उपलब्ध शासकीय जमीन को बेचनकर अगर पैसा ही चाहिये तो शहर के चारों तरफ शासकीय विभागों/सचिवालयों एवं अन्य अनेक शासकीय कार्यालयों व उनसे लगी बहुत सारी शासकीय जमीन रिक्त पड़ी हुई है जो अनुपयोगी भी है। चुंकि अनेक शासकीय कार्यालय नई राजधानी में सिफ्ट हो चुके है। कार्यालय का भवन व भूमि रिक्त एवं खाली पड़ा हुआ है उसे सरकार को व्यावसायिक उपयोग के लिए बेचना चाहिए। 300 से अधिक शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों के परिवारों के आश्रय स्थल को शांतिनगर काॅलोनी को यथास्थिति रखते हुए सरकार अन्य रिक्त जमीनों पर निर्माण व व्यावसायिक उपयोग के बेचने की कार्यवाही करें। पहले ही शहर में शासकीय अधिकारियों/कर्मचारियों के रहने के लिए आवास की भारी कमी है।
श्री अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है की इस पूरी कार्ययोजना को आप स्वयं देखे तथा जनप्रतिनिधियों से चर्चा उपरांत ही कोई निर्णय लेवे व सिंचाई काॅलोनी, शांति नगर में की जा रही तोड़फोड़ की कार्यवाही को बरसात व कोरोनाकाल तक तुरंत रोकने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को देने एवं तीरथगढ़ जलप्रपात की प्रतिकृति व गौरव वाटिका में तोड़फोड़ करने वाले अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने का निर्देश देने का कष्ट करेंगे।

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