छत्तीसगढ

बृजमोहन ने सदन में उठाया विलंब से धान खरीदी का मुद्दा

रायपुर। पूर्व मंत्री व रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ विधानासभा में ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से धान खरीदी में विलंब करने का मुद्दा उठाया।
उन्होंने कहा कि 15 नवम्बर 2019 से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की तिथि बदल कर 1 दिसम्बर 2019 किये जाने से प्रदेश के 40 लाख से अधिक किसान परिवारों को राज्य सरकार ने मायुस किया है। इससे किसान परिवारों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। 8 नवम्बर 2019 को तुलसी विवाह के बाद, शादी-ब्याह के लगन शुरू हो गये , किसानों को इसके लिए बहुत ही कम दाम पर औने-पौने में अपना धान कोचियों-मंडियों में बेचना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि किसानों का एक-एक दाना धान खरीदने का वादा कर सत्ता पर काबिज होने वाली सरकार अब धान खरीदने के लिए किसानों से चिटठी लिखने की बात कर अपने कर्तव्य की इतिश्री समझ रही है । राज्य सरकार कभी बारिश से नाम पर तो कभी केन्द्र सरकार के नाम पर, धान खरीदी से बचने की कोशिश कर रही है। राज्य सरकार की इस नीति से राज्य का किसान अपने को ठगा हआ महसूस कर रहा है । न तो इसे दो साल का बोनस मिला, न सभी किसानो का कर्ज माफ हआ। उन्हें डिफाल्टर का तमगा इस राज्य सरकार के नाम से मिला और अब धान खरीदी के नाम पर तारीख पर तारीख बढ़ाने से लाखों किसान सरकारी ठगी के शिकार हो गये है ।
बृजमोहन ने कहा कि प्रदेश में 15 नवम्बर 2019 के पहले 80 प्रतिशत से अधिक धान फसल किसान बेचने को तैयार हो चुके थे। इन किसानों में लघु एवं और सीमांत किसान को मजबूरी में अपनी धान की फसल 2500 रू . प्रति क्विंटल की बजाय 1200 रू . प्रति क्विंटल में बेचनी पड़ी है । इससे प्रदेश के किसानों में राज्य सरकार के खिलाफ भारी आकोष एवं रोष व्याप्त है।

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