छत्तीसगढ

भाजपा को बेनकाब करते कांग्रेस के 5 सवाल

रायपुर। भाजपा के किसान विरोधी चरित्र और किसानों के हितों पर की जा रही राजनीति पर सवाल खड़े करते हुये प्रदेश कांग्रेस महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार किसानों के प्रति संवेदनशील है। किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने का निरंतर प्रयास कर रही है। धान खरीदी की समय सीमा समाप्त होने के बाद भी टोकनधारी किसानों के धान को 2500 रू. के दाम में खरीदने का निर्णय इस बात का पुख्ता प्रमाण है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और भाजपा के नेता लगातार किसानों के नाम से राजनीति करने षडयंत्र रच रहे थे, किसानों की हमदर्द होने का झूठा दम भर रहे हैं और लगातार छत्तीसगढ़ हित और किसान हित के खिलाफ काम कर रहे हैं। अगर कांग्रेस सरकार किसानों की सरकार नहीं होती तो-
ऽ किसानों की 11000 करोड़ की कर्जमाफी नहीं होती।
ऽ पहले साल 21000 करोड़ से अधिक की 80.37 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी 2500 रू. में नहीं होती।
ऽ इस साल भी 82.80 लाख मीट्रिक टन धान 2500 रू. में नहीं होती।
ऽ कांग्रेस सरकार के मुखिया ने किसान हित में दिये अंतिम तारीख के बाद भी टोकनो पर धान खरीदी के आदेश भी जारी नहीं होता।
प्रदेश कांग्रेस महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि किसानों के धान खरीदी का निर्धारित समय सीमा ही समाप्त होने के बाद भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी द्वारा किसानों को धान का 2500 रू. दाम एवं टोकन पर धान खरीदने के लिये निर्णय से स्पष्ट हो गया है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने किसानों के हित में कृतसंकल्पित है। कांग्रेस की किसानों के प्रति संवेदनशील तो स्पष्ट हो गयी है। अब पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और भाजपा के नेता किसानों को जवाब दें और केंद्र की मोदी सरकार से मांग करें कि चुनाव में किये गये वादों को पूरा करें। स्वामीनाथन कमेटी के सिफारिश के अनुरूप धान के लागत मूल्य के डेढ़ गुना किसानों को समर्थन मूल्य तत्काल दें।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा का चरित्र किसान विरोधी है। भाजपा न तब किसानों के साथ थी जब सरकार में थी। भाजपा न अब किसानों के साथ है जब विपक्ष में है कांग्रेस ने भाजपा के किसान विरोधी चरित्र पर हमला करते हुये 5 सवालों के जवाब भाजपा से मांगे है कि
ऽ जब राज्य में भाजपा की रमन सरकार थी तब मोदी सरकार ने कहा था 300 रू. बोनस नहीं देना है तो भाजपा सरकार सिर्फ चिट्ठी लिखकर क्यों रह गयी?
ऽ रमन की भाजपा सरकार ने किसानों को बोनस 300 रू. क्यों नहीं दिया और मोदी सरकार के खिलाफ धरना क्यों नहीं दिया?
ऽ जब छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा कि 2500 रू. देंगे और मोदी सरकार ने किसानों को 2500 रू. देने से रोका तब भाजपा ने इस किसान विरोधी फैसले के खिलाफ कोई धरना क्यों नहीं दिया? किसानों के हितैषी होते तो तब भी धरना देते। भाजपा ने तो छत्तीसगढ़ के किसानों को 2500 रू. देने के लिये एक चिट्ठी तक क्यों नहीं लिखी?
ऽ 17 लाख किसानों द्वारा केन्द्र की मोदी सरकार को पत्र लिखने के बावजूद भाजपा ने तो धरना देना तो बहुत दूर एक चिट्टी तक लिखना तक जरूरी क्यों नहीं समझा?
ऽ छत्तीसगढ़ के किसानों के वोटों से जीते भाजपा के 9 लोकसभा सदस्यों में से कोई भी धान के 2500 रू. मूल्य देने में केन्द्र सरकार की रोक के मामले में किसानों के साथ क्यों खड़ा नहीं हुआ?

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