छत्तीसगढ

मंत्रिमण्डलीय उपसमिति ने डेढ़ रूपया किलो की दर से गोबर खरीदने की अनुशंसा, कैबिनेट में होगा अंतिम निर्णय

रायपुर, 04 जुलाई। गोधन न्याय योजना के तहत किसानों और पशुपालकों से डेढ़ रूपए की किलो की दर से गोबर की खरीदी किए जाने की अनुशंसा कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे की अध्यक्षता में गठित मंत्रिमण्डलीय उप समिति ने की है। मंत्रिमण्डलीय उप समिति की बैठक आज यहां बीज भवन में आयोजित हुई। बैठक में वन मंत्री मोहम्मद अकबर, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया शामिल हुए।
छत्तीसगढ़ राज्य में गोधन के संरक्षण एवं सवंर्धन, वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन को बढ़ावा देने तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से गोधन न्याय योजना की शुरूआत हरेली त्यौहार से होने जा रही है। इस योजना के तहत शासन द्वारा निर्धारित दर पर किसानों एवं पशुपालकों गोबर की खरीदी की जाएगी। जिसके जरिए वृहद पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन किया जाएगा। मंत्रिमण्डलीय उपसमिति की बैठक में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी और इससे प्रबंधन के संबंध में कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से विस्तार से चर्चा की। बैठक में मंत्री श्री रविन्द्र चौबे एवं श्री मोहम्मद अकबर ने गोबर क्रय करने की पारदर्शी व्यवस्था तय करने की बात कही। उन्होंने कहा कि गौठान समिति अथवा उसके द्वारा नामित समूह द्वारा घर-घर जाकर गोबर संग्रहण किया जाएगा। उन्होंने इसके लिए खरीदी कार्ड की भी व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही, ताकि रोजाना संग्रहित किए जाने वाले गोबर की मात्रा और भुगतान की राशि का उल्लेख कार्ड में किया जा सके। समिति ने किसानों और पशुपालकों में क्रय किए गए गोबर के एवज में पाक्षिक भुगतान किए जाने कीे भी अनुशंसा की है।
मंत्री रविन्द्र चौबे ने कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता एवं कृषि संचालक निलेश क्षीरसागर को गौठानों में पशुधन की संख्या और गौठान के रकबे को ध्यान में रखते हुए वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए कम से कम दस पक्के टांके का निर्माण शीघ्रता से कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पशुधन की संख्या और गौठानों में स्थान की उपलब्धता को देखते हुए टांके का निर्माण कराया जाना चाहिए। समिति ने गोबर संग्रहण का दायित्व गौठान समिति अथवा महिला स्व-सहायता समूह को देने की बात कही। बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता ने गोधन न्याय योजना के तहत गोबर के संग्रहण से लेकर वर्मी कम्पोस्ट तैयार किए जाने के संबंध में गौठान समितियों एवं स्व-सहायता समूहों को प्रशिक्षण दिए जाने के बारे में विस्तार से जानकारी दी। नगरीय इलाकों में भी गोधन न्याय योजना के तहत गोबर की खरीदी नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा तथा वन क्षेत्रों में वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से किया जाएगा।
मंत्रिमण्डलीय उपसमिति ने गौठानों के प्रबंधन, पशुधन के लिए चारे की व्यवस्था, शहरी इलाकों में गौठानों के निर्माण के संबंध में भी अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए। मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट की आवश्यकता किसानों के साथ-साथ उद्यानिकी, वन विभाग एवं नगरीय प्रशासन विभाग को बड़े पैमाने पर होती है। गोधन न्याय योजना के तहत तैयार वर्मी कम्पोस्ट के मार्केटिंग की दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि गौठानों में उत्पादित वर्मी कम्पोस्ट प्राथमिकता से उस गांव के कृषकों को निर्धारित मूल्य पर प्रदाय की जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button