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महामारी को रोकने में पिछड़ रहे हैं देश के ये राज्‍य, केंद्र ने भेजी टीम, बताएगी कारगर तरीका

नई दिल्‍ली, 9 जुलाई। भारत में भले ही कोरोना की दूसरी लहर पर काबू पा लिया गया है लेकिन एक सच्‍चाई ये भी है कि देश के कुछ राज्‍यों में लगातार मामले बढ़ने से केंद्र की भी चिंता बढ़ी हुई है। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक जिन राज्‍यों में मामले बढ़ रहे हैं उनमें केरल (11414 नए मामले), महाराष्‍ट्र (8815 नए मामले), तमिलनाडु (3565 नए मामले), आंध्र प्रदेश (3461 नए मामले), कर्नाटक (3342 नए मामले) , असम (2946 नए मामले), ओडिशा (2896 नए मामले), पश्चिम बंगाल (1490 नए मामले) और तेलंगाना (993 नए मामले) का नाम शामिल है।

यहां पर केवल नए मामले ही नहीं बढ़े हैं बल्कि इनमें पॉजिटिविटी रेट भी अधिक रहा है। इसको देखते हुए केंद्र ने अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, केरल, असम, मेघालय, त्रिपुरा, सिक्किम और ओडिशा को पत्र लिखकर उन्‍हें इस बाबत आगाह किया है। आपको बता दें कि इनमें से कुछ राज्‍यों में बढ़ते मामलों के चलते जुलाई की शुरुआत में ही केंद्र ने अपनी टीमें भेजी थी।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की तरफ से लिखे गए इस खत में इन राज्‍यों को महामारी की रोकथाम के लिए सलाह और दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं। इसमें इन राज्‍यों में बढ़ते मामलों पर चिंता व्‍यक्‍त करते हुए कहा गया है कि यहां पर पॉजिटिविटी रेट 10 फीसद से अधिक है। केंद्र की तरफ से लिखे गए इस खत में 28 जून से 4 जुलाई के बीच बढ़े मामलों के बारे में भी जानकारी दी गई है। केंद्र ने इस खत के माध्‍यम से इन राज्‍यों को वैक्‍सीनेशन में तेजी लाने का आग्रह किया है। केंद्र का कहना है कि इसके लिए राज्‍यों को वैक्‍सीनेशन सेंटर की संख्‍या को बढ़ाना चाहिए। साथ ही कंटेंमेंट जोन में भी इन सेंटर को बढाने के बारे में राज्‍यों को हिदायत दी गई है।

आपको बता दें कि 6-7 जुलाई के दौरान सामने आए कोरोना के नए मामलों से ये पता चला है कि करीब 55 दिनों में पहली बार कोरोना से ठीक होने वालों की संख्‍या सामने आए नए मामलों की संख्‍या से कम रही है। आपको यहां पर ये भी बता दें कि बीते 111 दिनों के अंदर सबसे कम मामले 6 जुलाई को सामने आए थे। इस दिन देश में 34,703 नए मामले सामने आए। इतना ही नहीं 6 जुलाई के बाद देश में एक्टिव मामलों की भी संख्‍या में बढ़ोतरी हुई है।

जहां तक कुछ राज्‍यों में बढ़ते मामलों की बात है तो इस पर जानकार मानते हैं कि वायसर संभवत: शहर से ग्रामीण क्षेत्र की तरफ अपनी पहुंच कर रहा है। सफदरजंग मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉक्‍टर जुगल किशोर का कहना है कि दूसरी लहर के दौरान शहरों में अधिकतर लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। इसलिए उनको तब तक दोबारा संक्रमण नहीं होगा जब तक किस वो किसी दूसरे वैरिएंट की चपेट में नहीं आ जाते हैं। उनका ये भी कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मामलों के बढ़ने की आशंका के अलावा एक आशंका ये भी है कि शायद कोई नया वैरिएंट सामने आ चुका है जिसको अभी तक तलाशा नहीं गया है।

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