छत्तीसगढ

महिलायें अपने अधिकारों के प्रति रहे सचेत: डॉ किरणमयी नायक

रायपुर, 25 अगस्त। इच्छा मृत्यु के मांग लेकर आये प्रार्थी के प्रकरण निराकरण हेतु महिला थाना स्थानांतरित महिलाओ का अपमान करना पड़ा भारी। सार्वजनिक माफी नही मांगने पर होगी प्राथमिकी दर्ज करने की कार्यवाही रायपुर 25 अगस्त राज्य महिला आयोग में विगत सुनवाई में एक आवेदिका इच्छा मृत्यु की मांग लेकर उपस्थित हुई थी। आवेदिका ने आयोग के समक्ष पति द्वारा गुमराह कर अकेला छोड़ देने तथा इसके साथ निरंतर मानसिक एवं घरेलू हिंसा की जा रही थी।
आयोग के न्यायपीठ ने प्रकरण पर तत्काल संज्ञान लेते हुए, आवेदिका की मनोदशा को ध्यान में रखते हुए, उसे सखी वन स्टाॅप सेंटर में रखा गया था। आज राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक और सदस्य श्रीमती खिलेश्वरी किरण द्वारा प्रकरण की पुनः सुनवाई की गयी। इस सुनवाई में आवेदिका के परिवार तथा अनावेदक के परिवार के सदस्यों को भी बुलाया गया था।
आवेदिका के कथन अनुसार अनावेदक द्वारा शादी का प्रलोभन देकर लगातार उनसे दैहिक शोषण किया गया तथा गर्भधारण हो जाने पर जबरदस्ती गर्भपात कराया गया है। दबाव पर अनावेदक द्वारा विवाह किया लेकिन विवाह के पश्चात् से ही आवेदिका को विभिन्न प्रकार की प्रताड़ना देने लगा। जिससे व्यथित होकर आवेदिका द्वारा आयोग में शिकायत की गयी। प्रकरण पर सुनवाई करने के पश्चात् अनावेदक द्वारा सहयोग न किए जाने के फलस्वरूप महिला थाना रायपुर को प्रकरण आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा गया है। आयोग की अध्यक्ष डॉ नायक ने कहा कि महिला को किसी भी तरह से प्रताड़ित करने गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। महिलाएं शोषण और प्रताड़ना से बचने के लिए अपनी अधिकारों के प्रति जागरूक रहे। किसी भी तरह के पारिवारिक अथवा वैवाहिक जीवन की समस्याओं के निराकरण के लिए महिला आयोग में आवेदन प्रस्तुत कर सकते है।
उक्त दिवस में सुनवाई हेतु कुल 15 प्रकरण रखे गये थे, किन्तु 15 प्रकरणों में ही पक्षकार उपस्थित हुए, जिसमें 5 प्रकरणों का सुनवाई पश्चात् निराकरण किया गया। प्रकरण मुख्यतः पति-पत्नि विवाद, दैहिक शोषण, मारपीट, प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, कार्यस्थल पर प्रताड़ना, घरेलू हिंसा से संबंधित थे।
इसी तरह एक प्रकरण की सुनवाई करते हुए डॉ किरणमयी नायक ने सार्वजनिक रूप से गोविंद राम पिता जंतराम साहू के द्वारा महिला पंचो के साथ अभद्र व्यवहार किया है जिसके लिए आरोपी को समस्त महिला पंचों से माफी मांगने के निर्देश दिए हैं। डाॅ किरण मयी नायक ने कहा कि इसका प्रतिवेदन बनाकर महिला आयोग में सोमवार तक जमा करें ताकि भविष्य में किसी भी ग्राम समिति में किसी भी महिला का अपमान करने से लोग बचे। आरोपी द्वारा माफी न मांगने की स्थिति में प्रतिवेदन मिलने के पश्चात् थाना में एफ आई आर कराने के लिए कार्यवाही भी किया जाएगा। आवेदिकागण के द्वारा एफ आई आर कराने की अनुशंसा भेजी जाएगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button