छत्तीसगढ

महिला अत्याचार व दुष्कर्म की वारदातों के ख़िलाफ़ भाजपा के अजजा व महिला मोर्चा ने दिया धरना…महिला मोर्चा ने राज्यपाल अुसुइया उईके को ज्ञापन

रायपुर, 10 अक्टूबर। भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा और महिला मोर्चा के संयुक्त तत्वावधान में प्रदेश में महिलाओं के साथ लगातार घट रहीं अत्याचार और दुष्कर्म की वारदातों के खिलाफ धरना दिया गया। बाद में अजजा व महिला मोर्चा ने राज्यपाल अुसुइया उईके को ज्ञापन सौंपकर पीड़ित परिवार के एक सदस्य को नौकरी , उचित मुआवजे की मांग व इन मामलों की निष्पक्ष जाँच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
इस मौके पर धरना स्थल पर अपने संबोधन में पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भूपेश-सरकार जब से प्रदेश की सत्ता में आई है, छत्तीसगढ़ को किसी की नज़र लग गयी है। बलात्कारों का सिलसिला चल पड़ा है। महिला सशक्तिकरण, महिला स्वाभिमान और अस्मत की सुरक्षा के तमाम सरकारी दावे दम तोड़ चुके हैं। श्री अग्रवाल ने कहा कि जब शासक कमजोर होता है तो व्यवस्थाएं अनियंत्रित हो जाती है। पुलिस की इतनी ताकत हो जाती है कि एफआईआर के लिए घूस मांगते है। इन अन्याय के ख़िलाफ़ भाजपा की बहनों, भाइयों को अब कोई पुलिस, जेल का भय नहीं रोक सकता।
पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने भूपेश-सरकार को चूड़ी और चुन्नी की ग़ुनहगार सरकार बताया और कहा कि ‘ला, दे, और ले जा’ मतलब पैसा ला के दे, और पद लेकर जा ही इस सरकार की परिभाषा रह गई है। ऐसी सरकार से जनता को जगाना है और दुराचार की व्यवस्था का अंत करना है। भाजपा अजजा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने कहा कि ये सरकार छत्तीसगढ़ के आदिवासी वर्ग के सम्मान की कीमत वसूलती है। एक थानेदार पीड़ित परिवार से 15 हज़ार रुपए मांगता है! इस सरकार को बताना पड़ेगा कि इसमें किस-किसकी कितनी हिस्सेदारी है? पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि यहाँ के आदिवासी भोले हैं परंतु अगर उनके सम्मान से खिलवाड़ नहीं रुका तो वे भाला बनकर सरकार के खिलाफ चुभ सकते है। कार्यक्रम को महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के अंत में रायपुर शहर ज़िला भाजपा अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने आभार माना। इस दौरान प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष मोती साहू, पूर्व विधायक नंदे साहू, सच्चिदानंद उपासने, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव, महिला मोर्चा की मीनल चौबे, लक्ष्मी वर्मा, सुभाषिनी अवस्थी, शशि अग्रवाल, पद्मा चंद्राकर, सुभाष शर्मा, शैलेन्द्री परगनिया, राजेश पांडेय, अजय शुक्ल, प्रफुल्ल विश्वकर्म, रमेश ठाकुर, रितेश सहारे, बसंत गोंड़, चन्द्रशेखर दीवान, वेद ध्रुव, रजयंत ध्रुव, दिग्विजय सिंह ठाकुर काफी संख्या में पदाधिकारी, कार्यकर्ता व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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