छत्तीसगढ

मुख्य सचिव ने राज्य के सीमावर्ती धान उपार्जन केन्द्रों का किया औचक निरीक्षण, रजिस्टर और टोकन की है जांच, धान तौलाई कराकर कांटा-बाट का किया परीक्षण

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव आर. पी. मण्डल ने सोमवार की सुबह राज्य के सीमावर्ती ईलाकों में धान खरीदी केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया। हेलीकाप्टर से निकले श्री मण्डल ने सुबह साढ़े आठ बजे से निरीक्षण प्रारंभ करते हुए राजनांदगांव जिले के चिरचारी, कवर्धा जिले के रेंगाखार, मुंगेली जिले के पंडरभट्टा, बिलासपुर जिले के कोटा-पिपरसरई-भरारी-नेवरा, जांजगीर-चांपा जिले के चारपारा स्थित धान खरीदी केन्द्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने खरीदी केन्द्र प्रभारियों से धान खरीदी के लिए की गई जरूरी व्यवस्थाओं की जानकारी ली और धान बेचने आए किसानों से भी व्यवस्था के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने राज्य के किसानों से अपील किया है कि धान खरीदी अभियान के तहत किसानों से 2500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदी की जा रही है। धान खरीदी की रकम किसानों के खाते में सीधे जमा कर दी जा रही है। किसान किसी भी प्रकार के अफवाह या भ्रामक बातों में ना आए और निश्चित होकर धान खरीदी केन्द्रों में धान बेचने जाए। धान खरीदी प्रक्रिया का निरीक्षण करने पहुंचे श्री मण्डल ने अपने सामने ही धान की नाप-तौल करवाकर कांटा, बाट की जांच की और धान की गुणवत्ता को भी परखा। उन्होंने छोटे और मध्यम श्रेणी के किसानों का धान पहले खरीदने के निर्देश उपार्जन केन्द्र प्रभारियों को दिए है।
निरीक्षण के दौरान श्री मण्डल ने राजस्व विभाग के अनुविभागीय अधिकारियों, खाद्य अधिकारियों, तहसीलदारों और समिति प्रबंधकों को स्पष्ट रूप से कहा है कि समितियों में धान विक्रय के लिए आने वाले किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नही होनी चाहिए। धान खरीदी केन्द्रों में अवैध रूप से धान विक्रय करने वाले कोचियों और बिचैलियों पर सतत् निगरानी रखी जाए। सीमावर्ती ईलाकों से धान का अवैध परिवहन करते पाए जाने पर इस कार्य में लिप्त सभी लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। निरीक्षण के दौरान खाद्य विभाग के सचिव डाॅ. कमलप्रीत सिंह, राज्य विपणन संघ के प्रबंध संचालक श्रीमती शम्मी आबिदी भी साथ थे।

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