छत्तीसगढ

राजनीतिक उथल-पुथल: राष्ट्रपति से कानून को निरस्त करने की मांग को लेकर कांग्रेसी उतरे सड़कों पर… राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा

रायपुर, 29 सितंबर। रायपुर की सड़कों पर मंगलवार की दोपहर कांग्रेस पार्टी के विरोध प्रदर्शन का नजारा देखने को मिला। तय कार्यक्रम के मुताबिक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की मौजूदगी में पैदल मार्च निकाला गया। गौरवपथ से होते हुए कांग्रेस के नेता राजभवन की ओर बढ़े। यह विरोध प्रदर्शन नए कृषि बिल के विरोध में था। प्रदर्शन में भीड़ की वजह से सोशल फिजिकल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन होता नहीं दिखा। पुलिस की सुरक्षा के बीच नेता राजभवन के बेहद करीब पहुंच गए। यहीं सड़क पर बैठकर कुछ देर तक सभी नारेबाजी की।

कांग्रेस राज्यपाल अनुसुइया उइके को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम ज्ञापन सौंप रही है। इस ज्ञापन में केंद्र सरकार के नए कृषि बिल को काला कानून बताया गया है। ज्ञापन में राष्ट्रपति से इस कानून को निरस्त करने की मांग की गई है। इसमें लिखा गया है कि संसदीय कार्यप्रणाली पर यह कानून हमला है, चंद कारोबारियों के लिए आपदा में अवसर पैदा करने के लिए यह कानून लाया गया है, जिसे देश के किसान नहीं भूलेंगे।

सड़क से लेकर सदन तक और कानून का रास्ता अपना आएंगे हम: मरकाम

केंद्र की मोदी सरकार ने जो संसद में 3 काला कानून लाए हैं उसके विरोध में आज राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम हमने ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन के जरिए हमने उन्हें काला कानून वापस लेने के लिए निवेदन किया है। इस कानून से पूरे देश के अन्नदाता किसान सड़कों पर है। रेल रोक रहे हैं। पूरा देश में हाहाकार मच गया है। इसलिए हमने निवेदन किया है कि  कानून वापस ले। चंद उद्योगपतियों मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए यह कानून लाया गया है जो कहीं ना कहीं अन्नादाताओं के विरुद्ध है। छत्तीसगढ़ के अन्नदाताओं की ओर से हम प्रतिनिधि के तौर पर हमारे सभी सांसद और विधायक और संगठन के लोग राजभवन कुच करके राज्यपाल को हमने ज्ञापन सौंपा है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार कांग्रेस की सरकार छत्तीसगढ़ के अन्नदाताओं किसानों के लिए जो भी कानून का रास्ता है वह अपनाने को तैयार है। अगर छत्तीसगढ़ में किसानों के हित में कानून बनाना पड़े तो उसके लिए भी गंभीरता से विचार कर रही है। हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन बातों को भी इंगित किया है और हाईकमान ने भी हम को निर्देशित किया है कि कहीं ना कहीं छत्तीसगढ़ के अन्नदाताओं के लिए सड़क से लेकर सदन तक और कानून का भी रास्ता हम इस्तेमाल करेंगे।

विकास और सहानुभूति की लड़ाई में विजयी होगा ‘विकास’ की: मरकाम

संगठन अपने स्तर पर सतत प्रक्रिया निर्धारित कर रही है। जब भी चुनाव होगा हम संगठन स्तर पर मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सरकार के नेतृत्व में नीति और योजनाओं को जनता तक ले जाएंगे। हमको उम्मीद है 70वां सीट मरवाही का वह कांग्रेस की झोली में आएगा। देखिए चुनाव हम चुनाव की तरह लड़ना चाहते हैं। हम किसी भी दल कमजोर आंकना नहीं चाहते। लोकतंत्र में हर कोई मजबूत होता है, इसीलिए हम चुनाव को चुनाव की तरह लड़ना चाहते हैं। हम बूथ और जोन स्तर पर हमारी तैयारी है। हम सरकार की योजनाओं को लेकर जनता के बीच में जाएंगे। हमारी सरकार 2 साल हो गए और 2 सालों के अंदर मरवाही को हमने जिला का दर्जा दिया और 15 सालों तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही है वह कुछ नहीं दे पाई। 332 करोड़ की सौगात हमारी सरकार ने दिया है हमें लगता है एक तरफ विकास और दूसरी तरफ सहानुभूति है पर हमें लगता है विकास के दम पर हम मरवाही भी जीतेंगे।

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