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राजस्थान में फिर बढ़ेंगी अशोक गहलोत की मुश्किलें? सचिन पायलट कैंप के 15 विधायकों ने दिल्ली में डाला डेरा

जयपुर, 1 जुलाई। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इन दिनों कई राज्यों में अंदरूनी झगड़ों का सामना कर रही है। कांग्रेस पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह बनाम नवजोत सिंह सिद्दू, कर्नाटक में सिद्धरमैया बनाम डीके शिवकुमार और राजस्थान में अशोक गहलोत बनाम सचिन पयालट की लड़ाई को सुलझाने में व्यस्त है। पायलट और गहलोत की लड़ाई राजस्थान विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के ठीक बाद से शुरू हो गए थे। कुछ समय की खामोशी के बाद कैबिनेट विस्तार और नियुक्तियों को लेकर जारी सियासी घमासान फिर शुरू हो गया है। 2018 में विधानसभा चुनाव हारने वाले कांग्रेस उम्मीदवार और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट के समर्थक पार्टी नेतृत्व से मिलने के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं।

इन नेताओं ने पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को राज्य सरकार में बसपा से कांग्रेसी बने विधायकों और निर्दलीय विधायकों के बढ़ते प्रभाव के बारे में लिखा था। शाहपुरा विधानसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी मनीष यादव ने कहा, ‘हम तब तक दिल्ली में डेरा डालते रहेंगे जब तक हम नेताओं से नहीं मिलते और अपनी समस्याएं नहीं बता देते।”

उन्होंने कहा कि AICC के महासचिव और राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने मंगलवार दोपहर को समय दिया था, लेकिन कुछ बैठक के कारण स्थगित कर दिया गया था। सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले सभी 15 उम्मीदवार माकन से मिलना चाहते थे, लेकिन उन्हें पांच के छोटे प्रतिनिधिमंडल के रूप में आने के लिए कहा गया।

उन्होंने कहा, ‘हमारा सही बकाया मारा जा रहा है। सीएम सरकार का नेतृत्व करते हैं और संगठन राज्य पार्टी प्रमुख द्वारा तय होता है। दोनों हमसे बच रहे हैं।” उन्होंने कहा कि 2018 में मतदान करने वाले कार्यकर्ताओं और जनता को सरकार में नहीं सुना जा रहा है।

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