राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के निर्देश पर कोरबा जिले में सर्वे ऑफ इंडिया का GPS सर्वे कार्यक्रम शुरू
कोरबा, 23 नवम्बर। 24 अप्रैल 2020 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रारम्भ हुई स्वामित्व योजना, छत्तीसगढ़ में 14 सितम्बर 2021 से प्रारंभ हुआ। दुर्ग, कवर्धा, बेमेतरा, बालोद व राजनांदगांव जिले में जीपीएस के माध्यम से सर्वे पूर्ण कर लिया गया है।
मंगलवार को सर्वे ऑफ इण्डिया के अधिकारी जे.आर. ध्रुव एवं उनके समस्त सर्वेयर टीम ने मुलाकात कर राजस्व मंत्री से गहन चर्चा किये। राजस्व मंत्री ने अधिकारियों को कहा कि छ.ग. के सभी जिलों में गहन सर्वे किया जाये, कोई भी भू-भाग अछूता न रहे। इस योजना का लाभ अंतिम छोर तक के व्यक्तियों को मिलेगा।
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गांव के गृह स्वामियों के लिए संपत्ति कार्ड के रूप में अधिकारों का रिकार्ड प्रदान करना है। इससे ऋण और अन्य वित्तीय सेवाओं के लिए ग्रामीण आवासीय संपत्तियों की मुद्रीकरण में सुविधा मिलेगी। यह पंचायती राज मंत्रालय, राज्य राजस्व विभाग, राज्य पंचायती राज विभाग और भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहयोग से ड्रोन तकनीक और कॉर्स नेटवर्क का उपयोग करके भूमि पार्सलों के मानचित्रण द्वारा ग्रामीण आबादी क्षेत्रों में संपत्ति के स्पष्ट स्वामित्व की स्थापना के लिए एक परिवर्तनकारी कदम है।
यह कार्य प्रदेश के सभी गांवों की संपत्ति सर्वेक्षण हेतु सबसे पहला योजना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि ग्राम पंचायत स्तर पर परिसम्पत्ति संबंधी विवादों और कानूनी मामलों में कमी करके भूमि एवं आवासीय बाजार का नियमितिकरण करना। ग्रामीण गृह स्वामियों को मान्यता प्राप्त वित्तीय विलेख के रुप में परिसम्पत्ति कार्ड/हक विलेख प्राप्त होगी।
उन राज्यों में परिसम्पत्ति कर के निर्धारण में सहायक होगी जहॉं ग्राम पंचायत राजस्व के स्वयं के स्रोत का संग्रहण करने के लिये प्राधिकृत है। इससे सर्वेक्षण अवसंरचना एवं जी.पी.एस. मानचित्रण तैयार करने में सहायता मिलेगी। जी.पी.एस. मानचित्रों का उपयोग गुणवत्तापूर्ण ग्राम पंचायत विकास योजना की तैयारी में निर्णय लेने व सक्षम बनाने में सहायक होगी (जी.पी.डी.पी.)। सटीक भूमि रिकॉर्ड व कुशल ग्रामीण नियोजन को सक्षम बनाने में सहायक सिद्ध होगी।