छत्तीसगढ

राज्य के व्यापारिक संगठनों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को बताई अपनी समस्याएं

रायपुर। कॉनफेडरेशन ऑफ आल इंड़िया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने सोमवार को छतीसगढ़ के सभी जिले और तहसील स्तर के व्यपारिक संघों के प्रतिनिधियों से चर्चा की। पारवानी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए लॉकडाउन के दौरान आ रही समस्याओं और लॉक डाउन खुलने के बाद व्यपार को लेकर एक विस्तृत चर्चा दो पाली में की। संचालन कैट के प्रदेश मीडिया प्रभारी संजय चौबे ने किया। वीडियो कॉन्फ्रेंस में प्रदेश से 50 संघों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। व्यापारियों ने अपने-अपने  व्यापार में आ रही समस्या को पारवानी के समक्ष रखा।

मुख्य बातें आई कि व्यापारियों के बिजली बिल न्यूनतम और बिजली उपभोक्ताओं से फिक्स्ड चार्ज/डिमांड चार्ज/न्यूनतम शुल्क को छूट/छूट देने के लिए प्रदेश के मुखिया से बात की जानी चाहिए। प्रॉपर्टी टैक्स में 2 माह की छूट होना चाहिए और व्यापारियों एवं कर्मचारियों का पचास लाख का कम से कम बीमा सरकार द्वारा किया जाना चाहिए। पारवानी से सभी ने कहा कि gst रिफंड को और तेज किया जाए और दस्तावेजी आवश्यकताओं को कम किया जाए। सरकार को किसी भी आदेश पूर्व पक्ष को पारित न करने के लिए अधिनिर्णय/अपील करने वाले अधिकारियों को निर्देश जारी करना चाहिए। प्रदेश सरकार को कर अधिकारियों को व्यक्तिगत सुनवाई के निर्धारण पर अस्थायी रोक लगाने के निर्देश भी देने चाहिए।

इसी तारतम्य में केंद्र सरकार से जुड़े मामले के लिए बात करने व्यापारियों ने कहा। नियोक्ता द्वारा अपने कर्मचारियों की संख्या के 10% से अधिक को वापस नहीं लेने या हटाने पर सभी पीएफ, ईएसआई और ग्रेच्युटी भुगतान के लिए छह महीने के लिए छूट प्रदान करें। श्रम विभागों को समयबद्ध अनुपालन के लिए नोटिस जारी नहीं करना चाहिए। सरकारी विभागों, सरकारी उपक्रमों और बड़े उद्योगों को एमएसई द्वारा की गई आपूर्ति का भुगतान तत्काल करने के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए। किसी भी स्थिति में भुगतान में देरी एमएसएमईडी अधिनियम में निर्धारित 45 दिनों से अधिक के लिए नहीं होनी चाहिए।

राम मंधान और अजय अग्रवाल ने कहा कि सभी संविदात्मक दायित्वों के लिए फोर्स मेजर क्लॉज का आह्वान और विलंबित वितरण या परियोजनाओं को पूरा करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियों द्वारा कोई दंड नहीं लगाया जाएगा। उद्यमी और राज्य/केंद्र सरकार के उपक्रम/विभाग के बीच हस्ताक्षरित किसी भी समझौता ज्ञापन के तहत परियोजनाओं के पूरा होने की अवधि को कोविड 19 के प्रभाव के न्यूनतम 3 महीने या उससे आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
सभी संगठनों ने अमर पारवानी से कहा कि आने वाले दिनों में प्रदेश सरकार के अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग व्यापारियों के साथ कराई जाए। कैट के इस अभिनव प्रयासों की सभी व्यापारियों एवं व्यापारिक संगठनों ने प्रशंसा की। खाद्य पदार्थों, ट्रांसपोटेशन,मंडी खुलने जैसी समस्या मुख्य रही। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में रायपुर के सभी प्रमुख संघों के साथ-साथ रायपुर से राम मंधन, सुरिंदर सिंह, उत्तम गोलछा, मंगेलाल मालू, संजय जयसिंह, परमानंद जैन, संजय जड़वानी, प्रेम पहुजा, जितेंद्र गोलछा से कमलेश कुकरेजा, दुर्ग से मो.अली हिरानी, कोरिया से आनंद अग्रवाल, कांकेर से मो.वाली भाई, राजिम से जवाहर जीवनानी, तिल्दा से राम पंजवानी, तिल्दा से रमेश वीरानी, कवर्धा से आकाश आहूजा, दुर्ग से प्रकाश सांखला,दुर्ग से संजय चौबे, अभनपुर से संतोष अग्रवाल आदि संघों के सदस्यों के प्रतनिधि ने भी हिस्सा लिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button