छत्तीसगढ

राज्य स्तरीय कार्यशाला में बोले एस.एन. राठौर- तंबाकू खपत नियंत्रण कानून का पालन में सख्ती की आवश्यकता

0 अलग-अलग विभागों से 13 जिलों से आए अधिकारियों का संवेदीकरण एवं प्रशिक्षण

रायपुर। प्रदेश में सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा), 2003 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत रायपुर के नवीन विश्राम भवन में आयोजित इस कार्यशाला में पुलिस, परिवहन, श्रम, खाद्य एवं औषधि प्रसाधन, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग तथा मेडिकल व डेंटल कॉलेज के 13 जिलों से आए अधिकारियों को सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद के नुकसान और इसके नियंत्रण के लिए मौजूदा कानूनों के बारे में संवेदीकरण कर प्रशिक्षण दिया गया।

खाद्य एवं औषधि नियंत्रक एस.एन. राठौर ने कार्यशाला में अधिकारियों को बताया कि तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक हानिकारक है। तंबाकू की खपत पर नियंत्रण के लिए सामाजिक जागरूकता के साथ ही कोटपा तथा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम का सख्ती से पालन आवश्यक है। सामाजिक प्राणी और प्रशासन में होने के नाते यह हम सबकी जिम्मेदारी है। तंबाकू के दुष्प्रभावों के प्रति समाज में जागरूकता और प्रदेश में तंबाकू की खपत को कम करने स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य विभागों के बीच अंतर्विभागीय समन्वय को मजबूत करने की जरूरत है।

राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन ने कार्यशाला में कहा कि तंबाकू के नियंत्रण के लिए हमें केवल एक अधिकारी के तौर पर ही नहीं, बल्कि सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी आगे आने की जरूरत है। लोगों को जागरूक करने के साथ ही कानूनी प्रावधानों को भी कड़ाई से अमल में लाना होगा। उन्होंने जानकारी दी कि तंबाकू में चार हजार प्रकार के रसायन मौजूद होते हैं। इसमें 200 ऐसे नुकसानदायक तत्व हैं जिनके बारे में अनुसंधानों में पुष्टि हो चुकी है। तंबाकू में 60 तरह के कैंसर पैदा करने वाले एजेंट होते हैं। हमें स्वस्थ नागरिक और सेहतमंद समाज बनाने के लिए धुम्रपान और तंबाकू सेवन पर लगाम लगाना है।

कार्यशाला में नई दिल्ली से आए अधिवक्ता रंजीत सिंह और गुजरात से आए अधिवक्ता अनंत क्रिश्चियन ने प्रतिभागियों को सिगरेट एवं अन्य तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम (कोटपा), 2003 के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यशाला में बीजापुर, बालोद, बलरामपुर-रामानुजगंज, बेमेतरा, दन्तेवाड़ा, जांजगीर-चाम्पा, कवर्धा, कोंडागांव, कोरिया, नारायणपुर, रायगढ़, सुकमा और सूरजपुर जिले के पुलिस, परिवहन, श्रम, खाद्य एवं औषधि प्रसाधन तथा नगरीय प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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