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राहत की उम्मीद : दिल्ली में पीक के मिलने लगे संकेत, 11 दिन में दो बार घटा-बढ़ा कोरोना संक्रमण

नई दिल्ली, 12 जनवरी। विशेषज्ञों ने कहा- दिल्ली में कोरोना की लहर ले गई अधिकतम उछाल, अब बहुत अधिक उम्मीद नहीं। दिल्ली में साल 2020 और 2021 में संक्रमण ने अधिकतम उछाल लिया था 36 फीसदी तक।
दिल्लीवालों के लिए जल्द ही राहत मिल सकती है। राजधानी में कोरोना की पांचवीं लहर के पीक पर पहुंच जाने के संकेत अब दिखाई देने लगे हैं। बीते 11 दिन में कोरोना का संक्रमण दो-दो बार घटा बढ़ा है। इसके आधार पर गणितीय विशेषज्ञ अगले एक सप्ताह के अंदर कोरोना का ग्राफ नीचे आने का अनुमान लगा रहे हैं। हालांकि, चिकित्सीय और महामारी विज्ञान विशेषज्ञ इसे अलग नजरिए से देख रहे हैं।
कोरोना महामारी को तीन अलग अलग क्षेत्र गणितीय मॉडल, चिकित्सा व महामारी विज्ञान के नजरिए से समझने के लिए विशेषज्ञों से बातचीत की तो पता चला कि दिल्ली में आगामी 20 जनवरी तक पीक आ सकता है। इसके बाद कोरोना का ग्राफ नीचे जाने लगेगा। फिर, अगले दो से तीन हफ्तों में हालात सामान्य हो सकते हैं। स्वास्थ्य सांख्यिकी विशेषज्ञ डॉ. शंशाक ने बताया कि हर दिन संक्रमण बढ़ोतरी के ग्राफ पर गौर करने से एक ऐसा ट्रेंड देखने को मिलता है जो अगले छह से सात दिन में पीक स्पष्ट होने के संकेत दे रहा है।
उन्होंने इस ट्रेंड को समझाया कि तीन सप्ताह से दिल्ली में कोरोना बढ़ रहा है। इस बीच इस साल के 11 दिनों के बीच संक्रमण में दो-दो बार उछाल व कमी दोनों आई है। उन्होंने बताया, ‘एक से 11 जनवरी के बीच संक्रमण दर 3.64 से बढ़कर 25.65 फीसदी तक पहुंची। लेकिन हर दिन की प्रतिशत वृद्धि का ग्राफ एक ट्रेंड तय कर रहा है। एक से पांच, छह से आठ और नौ से 11 जनवरी के बीच की स्थिति अलग-अलग है। एक से पांच जनवरी के बीच संक्रमण में औसत वृद्घि 2.56 फीसदी की हुई। छह से आठ जनवरी के बीच डाउन ट्रेंड आया और यह औसतन बढ़ोतरी 0.47 फीसदी ही रह गई। नौ जनवरी को अचानक बड़ा उछाल आया और उस दिन 3.93 फीसदी संक्रमण बढ़ गया। आगे 10 व 11 जनवरी को औसतन बढ़ोतरी क्रमश: 1.47 और 0.65 फीसदी ही रह गई।’ यह पूरा ट्रेंड हमें दिखा रहा है कि संक्रमण की बढ़ोतरी दर में एक डाउन ट्रेंड आ चुका है।
दूसरी तरफ नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉ. नीरज निश्चल ने कहा, ‘मैं गणितीय मॉडल के खिलाफ नहीं हूं लेकिन मुझे लगता है कि अभी हमें थोड़ा और इंतजार करना चाहिए। अभी इस लहर को आए बहुत अधिक वक्त नहीं हुआ।’ इसी तरह महामारी विशेषज्ञ डॉ. विकास कुमार का कहना है कि दिल्ली और मुंबई में पीक जल्द आने की संभावना हो सकती है क्योंकि दोनों ही जगह पिछले महीने से उछाल देखने को मिल रहा है और कोई भी स्थिति रहे, उछाल एक सीमित समय तक ही रहता है। हालांकि दोनों ही विशेषज्ञों ने 20 जनवरी तक पीक मिलने की संभावना पर सहमति जताई।

बीते दो साल का ट्रेंड, दो से चार सप्ताह अधिकतम

साल 2020 और 2021 में तीन लहरों में संक्रमण दर 35, 36 और फिर 37 फीसदी तक अधिकतम मिली है। यह तीनों दिन लहर के पीक थे। सात अप्रैल 2020 को संक्रमण दर 0.80 फीसदी थी जो 13 अप्रैल तक 35 फीसदी पहुंची और फिर नीचे आ गई। इसके बाद 27 मई से 13 जून के बीच लगातार ट्रेंड बढ़ा और दूसरा पीक आया। इसके बाद 20 मार्च से 22 अप्रैल 2021 तक संक्रमण दर एक से 36.20 फीसदी तक पहुंची। उन्होंने बताया कि बीते दो साल का ट्रेंड बता रहा है कि दो से चार सप्ताह तक संक्रमण बढ़ा और फिर पीक आने के बाद यह नीचे आया। इस बार भी वही हालात देखने को मिल रहे हैं।

ऐसे समझें संक्रमण दर का घटना-बढ़ना
दिन                         दैनिक संक्रमण दर                    उछाल
एक से दो जनवरी        3.64-4.59                                0.95
दो से तीन जनवरी       4.59-6.46                               1.87
तीन से चार जनवरी     6.46-8.37                               1.91
चार से पांच जनवरी     8.37-11.88                             3.51   (पहला उछाल)
पांच से छह जनवरी     11.88-15.34                          3.46
छह से सात जनवरी     15.34-17.73                         2.39
सात से आठ जनवरी    17.73-19.60                        1.87 (पहला डाउन ट्रेंड)
आठ से नौ जनवरी       19.60-23.53                         3.93 (दूसरा उछाल)
नौ से 10 जनवरी         23.53-25                               1.47 (दूसरा डाउन ट्रेंड)
10 से 11 जनवरी         25-25.65                              0.65
(सभी आंकड़ें फीसदी में)

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