लापरवाह सिस्टम ने ली मासूम की जान: दस्त और बुखार से परेशान 2 महीने की बच्ची को कोरोना पॉजिटिव बताया, इलाज के अभाव में हुई मौत
भिलाई, 27 अप्रैल। दुर्ग जिले में सरकारी सिस्टम की लचर व्यवस्था ने 2 माह की बच्ची रूही की जान ले ली। जिला अस्पताल दुर्ग में बच्ची को बुखार और दस्त की शिकायत थी। अस्पताल की प्रारंभिक जांच में डाक्टरों ने कोरोना जांच कर रिपोर्ट को पॉजिटिव बताया। इलाज के बाद स्थिति न सुधरने के बाद रायपुर रेफर कर दिया गया। यहां परिजन दर-दर भटकते रहे। इस बीच बच्ची ने एम्बुलेंस में ही दम तोड़ दिया। परिजन जब बच्ची का अंतिम संस्कार करके वापस घर लौटे तब करीब 4 घंटे बाद मोबाइल पर रिपोर्ट निगेटिव आयी। यहां सिस्टम की एक और खामी कि रिपोर्ट में 2 माह की बच्ची की उम्र 20 वर्ष बताई गई।
जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही
दुर्ग जिला अस्पताल में 2 माह की बच्ची का सही ढंग से इलाज नहीं हो पाया। शांति नगर भिलाई की रहनी वाली बच्ची के इलाज के बाद स्थिति न सुधरने पर और बच्चों के लिए वेंटिलेटर ने होने के कारण रायपुर के जिला अस्पताल पंडरी में रेफर किया गया। लेकिन जब बच्ची के परिजन वहां पहुंचे तो अस्पताल की पर्ची पर कोविड पॉजिटिव लिखा था। पंडरी अस्पताल ने यह कहते हुए बच्ची को भर्ती करने से मना कर दिया कि यहा कोविड का अस्पताल नहीं है। बच्ची को मेकाहारा अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई।
मेकाहारा में भी नहीं मिला इलाज
बच्ची के परिजन मेकाहारा अस्पताल लेकर बच्ची को पहुंचे तो वहां पर उन्हें ऐप के माध्यम से बेड को देखने की सलाह दी गई। दरअसल बच्ची को 25 अप्रैल दोपहर के समय बुखार आया। निजी अस्पताल ले जाया गया। जहां उसे इलाज करके दवाई दे दी गई। लेकिन शाम को फिर बच्ची को बुखार आया। रात होने से जिला अस्पताल दुर्ग ले जाया गया। रात 11.30 बजे कोरोना पॉजिटिव बता दिया गया। फिर 26 अप्रैल सुबह 3 रायपुर रेफर कर दिया गया। सुबह 5.15 बजे रायपुर जिला अस्पताल पंडरी पहुंचे। वहां से सुबह 5 बजे यहां से मेकाहारा जाने की सलाह दी गई। सुबह 6 बजे मेकाहारा पहुंचे, रिपोर्ट दिखाया। सुबह 6 से 6.15 बजे तक मिलान करते रहे। सुबह 6.15 बजे बच्ची की मौत हो गई।
बच्ची के मामा ने सिस्टम के खिलाफ की शिकायत
बच्ची के मामा ने पूरे मामले को लेकर जिला अस्पताल के खिलाफ दुर्ग कोतवाली में लापरवाही की शिकायत की है। दुर्ग कोतवाली के थाना प्रभारी राजेश बागड़े ने बताया कि हमारे पास अस्पताल के डाक्टरों के खिलाफ लापरवाही की शिकायत आयी है। लेकिन शिकायत में किसी का नाम नहीं है। हम मामले में आगे की कार्रवाई कर रहे हैं।
क्या कहते हैं CMHO और सिविल सर्जन
दुर्ग जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर बाल किशोर का कहना है कि बच्ची को इलाज के लिए अस्पताल में परिजन लाए थे। लेकिन उसे किन कारणों से रेफर किया गया है। यह मैं बता नहीं पाऊंगा, बच्ची की उम्र को लेकर सिविल सर्जन कह रहे है कि गलतियां तो होती रहती है, टाइपिंग मिस्टेक हुआ होगा। आगे पूरे मामले की जानकारी लेकर कुछ बता पाऊंगा।
वहीं दुर्ग CMHO डॉक्टर गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि रिपोर्ट में बच्ची की उम्र 20 साल और पॉजिटिव को निगेटिव दिख रहा है, जिसके कारण अस्पताल में भर्ती होने में देरी हुई। परिजन यह कह रहे हैं कि बच्ची को पॉजिटिव रिपोर्ट दुर्ग जिला अस्पताल से दी गई, जिसके कारण हमारी बच्ची का इलाज समय पर नहीं हो पाया और मौत हो गई। फिलहाल हमने जांच करने के लिए डाक्टरों की एक समिति बनाने के निर्देश दे दिए हैं। जांच के बाद जो लोग दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।