लाला जगदलपुरी ग्रंथालय बदल रही बस्तर की तस्वीर : IG सुन्दरराज पी
जगदलपुर, 19 दिसम्बर। लाला जगदलपुरी के जन्म समारोह के अवसर पर आयोजिततीन दिवसीय साहित्य महोत्सव के तीसरे दिन आयोजित कवि सम्मेलन के शुभारंभ के अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पी ने कहा कि 24 घंटे पढ़ाई की सुविधा प्रदान करने वाला यह संस्थान बस्तर की तसवीर बदल रहा है। उन्होंने कहा कि बस्तर को आमतौर पर नक्सली हिंसाओं के लिए ही जाना जाता रहा है, मगर यहां के युवा प्रशासनिक सेवाओं के माध्यम से बस्तर की सेवा करने के लिए दिन-रात परिश्रम कर रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि, इस संस्थान में कई कामकाजी युवा भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां करते हुए देखे जाते हैं। ऐसे कामकाजी युवाओं के लिए यह संस्थान निश्चित तौर पर वरदान है, क्योंकि वे अपने कामकाज के साथ फुर्सत के क्षणों में परीक्षाओं की तैयारियां कर रहे हैं। यह संस्थान साहित्य प्रेमियों के लिए भी एक अनुपम उपहार है, जहां हर वर्ग की रुचि के अनुसार साहित्य उपलब्ध हैं।
IG ने कहा कि बस्तर की कला संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के कार्य बादल एकेडमी जैसी संस्थानों की स्थापना से तेज हुए हैं, वहीं उद्यमी युवाओं को भी थिंक बी के माध्यम से सम्बल मिल रहा है। उन्होंने कहा कि लाला जगदलपुरी से प्रेरणा लेकर युवा बस्तर का नाम रोशन करेंगे।
इस आयोजन के विशिष्ट अतिथि के रूप में बस्तर वन मंडल की वनमण्डलाधिकारी स्टायलो मंडावी, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान की संचालक विजया रात्रे एवं पद्मश्री धर्मपाल सैनी जी रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला शिक्षा अधिकारी भारती प्रधान ने किया। अपने उद्बोधन में सुश्री मंडावी ने कहा कि साहित्य समाज का आईना होता है। साहित्यिक आयोजन विचारों के आदान प्रदान के सशक्त माध्यम होते हैं। सुश्री रात्रे ने कहा कि छात्र जीवन मे मुझे कविताएं पढ़ने का शौक रहा है। कविताओं का प्रभाव मेरे जीवन में सदैव रहा
स्व.हरिहर वैष्णव को बस्तर साहित्य सम्मान से किया गया विभूषित
लाला जगदलपुरी केंद्रीय ग्रंथालय में आयोजित तीन दिवसीय बस्तर साहित्य महोत्सव में क्षेत्र के मूर्धन्य साहित्यकार स्व हरिहर वैष्णव को बस्तर साहित्य सम्मान 2021 से विभूषित किया गया। स्व० वैष्णव के लिए उनके भाई खेम वैष्णव ने यह सम्मान प्राप्त किया। सम्मान स्वरूप उन्हें शाल, श्रीफल एवं ग्यारह हजार रुपये तथा सम्मान पत्र दिया गया।
इस अवसर पर विक्रम सोनी का काव्य संग्रह प्रतीक्षा तथा लोक नाट्य पर आधारित पुस्तक ना ना ना ना नारे ना ना ना ना नारे का विमोचन किया गया। बस्तर साहित्य महोत्सव के तहत आयोजित कवि सम्मेलन में विपिन बिहारी दास, अवध किशोर शर्मा, सनत कुमार जैन, सुभाष पांडेय, नरेंद्र पाढ़ी, शशांक शेंडे, कृष्ण शरण पटेल, भरत गंगादित्य, नरेंद्र यादव, मनोज उपाध्याय, अनिल शुक्ला, एसके मिश्रा, राजेंद्र सिंह ठाकुर, एनके यादव, राजकुमार जायसवाल, महेश तनेरी, विकास पांडेय, एसके त्रिपाठी, सुषमा झा, मधु तिवारी, मोहिनी ठाकुर, पूर्णिमा सरोज, रानू नाग, प्रेमा पाठक, खुदैजा खान, उर्मिला आचार्य, जाह्नवि नाग, चमेली कुर्रे, ज्योति यादव, दुलेश्वरी मांझी, सुषमा यादव ने काव्यपाठ किया।