छत्तीसगढ

लॉकडाउन: प्रधान आरक्षक ज्ञानेश्वर देवांगन का मानवीय पहल: लंचबॉक्स में ले आते अधिक भोजन ताकि राहगीर भूखा न रहे

दुर्ग। कोनोरा वायरस की माहामारी के इस संकट में पूरा विश्व जूझ रहा है। भारत में भी इस माहामारी को रोकने के लिए सरकार द्वारा पीछले 52 दिनो से लॉकडाउन किया गया है। इस दौरान सबसे मुसिबत गरीब परिवारों एवं प्रवासी श्रमिको को झेलना पड रहा है। इस संकट की घड़ी में यातायात पुलिस दुर्ग चौकी में पदस्थ प्रधान आरक्षक ज्ञानेश्वर देवांगन का त्याग व समर्पण देखते ही बन रहा है।

दरअसल, आरक्षक ज्ञानेश्वर देवांगन द्वारा विगत 52 दिनों से आम नागरिकों को न सिर्फ लॉकडाउन का पालन करवा रहे है बल्कि ड्यूटी के दौरान ही वे हर जरूरतमंदो को भोजन व्यवस्था देख रहे है, पैदल चलते प्रवासी मजदूरों को उनके मंजिल तक पहुंचाने के लिए उस मार्ग में खाली जाते बडी वाहनों को रोककर उनसे उनका हाल चाल जानकर विनम्रता पूर्वक निवेदन करते है कि इन मजदूरों को आगे तक छोड़ दे।

लंच बॉक्स में भी रहता जरूरत से ज्यादा भोजन

जी हाँ, प्रधान आरक्षक के लंच बॉक्स में जरूरत से ज्यादा भोजन ले आते हैं, ताकि कोई जरूरतमंद दिखे तो उन्हें वो भोजन करा सकें। उन्होंने बताया कि इस समय बहुत से सामाजिक संस्था ड्यूटी के दौरान उन्हें खाने के पैकेट, पानी बोतल, बिस्किट जैसे अन्य खाद्य सामाग्री देते हैं, जिन्हें वो रख लेते है और वो सभी सामग्रियों को जरूरतमंदो को वितरित कर देते है। लॉकडाउन 1 और 2 के दौरान इनकी ड्यूटी बाईक पेट्रोलिंग में लगाई गई थी। इस दौरान वे दुर्ग शहर के प्रमुख मार्गों में सरकारी बुलेट से पेट्रोलिंग करते वक्त शहर के किसी भी चौराहे पर, मार्गो पर भीड भाड नजर आने पर वे उन्हें समझाइश देकर अनावश्यक रूप से बाहर न निकलने की सलाह देकर घर भेज देते है। ड्यूटी के दौरान लोगों को मास्क एवं सेनेटानिजर का उपयोग अवश्य करे व शोसल डिस्टेंसिंग का पालन करने की हिदायत देते है। अपने घर के आस पास रहने वाले जरूरतमंदो की मदद करें।

खाली वाहनों को रोककर मजदूरों को पहुँचाया घर

लॉकडाउन-3 में प्रधान आरक्षक की ड्यूटी अंजोरा बाईपास में लगाई गई है। वे ड्यूटी के दौरान देखते हैं बाईपास में प्रवासी मजदूर पैदल चलते देख उनका दिल पसीज जाता है। वे मजदूरो को रोककर उन्हे टेण्ट में बैठा कर पानी पिलाकर फिर उनके लिए भोजन के लिए समाज सेवी संस्था से संपर्क कर भोजन की व्यवस्था करना फिर उन मजदूरो को उनके मंजिल तक पहुंचाने के लिए खाली वाहन को रोककर उन मजदूरो को उनके मंजिल की ओर रवाना किया जा रहा है। प्रधान आरक्षक के द्वारा अभी तक हजारों की संख्या में जरूरतमंदो मजदूरो की सहायता कर चुके है।

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