छत्तीसगढ

वक्फ बोर्ड बना हुआ है डमी, 3 दशकों से नहीं हुआ वक्फ संपत्तियों का ऑडिट

0 छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलाम रिजवी की पहल पर शीतकालीन सत्र में उठेगा मुद्दा
रायपुर। वर्तमान में रायपुर वक्फ बोर्ड सिर्फ एक डमी के रूप में काम कर रही है। तीन दशक से अधिक समय बीत चुका, लेकिन वक्फ बोर्ड संपत्तियों का न तो आज तक ऑडिट हुआ, न सीमांकन हुआ और न ही कोई नई नियुक्तियां की गई है। यहां तक कि अतिक्रमण हटाने जैसे अहम काम भी नहीं किया गया।
छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलाम रिजवी ने कहा है कि वक्फ बोर्ड आयोग के नियम के अनुुसार सिर्फ संपत्तियों की निगरानी के लिए पूरे समय किसी की नियुक्ति होना चाहिए था, जो अब तक नहीं हुआ है, इसके साथ ऑफिस में पूरा स्टाफ भी होना चाहिए था, वो भी नहींं है। वक्फ बोर्ड सिर्फ डमी बनकर रह गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में केवल 201 पंजीकृत मस्जिदें हैं, जबकि 700 मस्जिदें ऐसी हैं, जो अभी तक नियमानुसार पंजीकृत नहीं कराई गईं। सभी मस्जिदों के इमामों को पंजीयन के लिए लिखित में सूचना दी गई।

पूर्व की कोताही को कांग्रेस सरकार लाएगी पटरी पर

छत्तीसगढ़ बनने के बाद से पूर्व की सरकार ने वक्फ संपत्तियों पर ध्यान नहीं दिया जबकि इसका सर्वे किया जाना था। इस वजह से लोग वक्फ  की जमीनों पर कब्जा कर बेचते गए। हम सर्वे कमीशन बनाने जा रहे हैं। जो सर्वे कर वक्फ की संपत्ति को राजपत्रित दर्ज करेंगें और कब्जेदारों पर कठोर कार्रवाई होगी। सलाम रिजवी अपने पद संभालने के साथ ही वक्फ  संपत्तियों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार ने भी अपने कार्यकाल में वक्फ संपत्तियों की निगरानी व देखरेख में कोताही बरती है। हमारी सरकार इसे पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है।

वक्फ संपत्ति का अंतिम सर्वे 1989 को हुआ

सलाम रिजवी ने बताया कि वक्फ  संपत्तियों का अंतिम सर्वे 25 अगस्त 1989 को हुआ था, उसके बाद से ऑडिट नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्ति पर कब्जे की शिकायतें हैं। जिसके कारण आज तक वक्फ  की संपत्तियों का विकास नहीं हो सका और न ही इसका ऑडिट हो पा रहा है। जबकि पूर्व सरकार को चाहिए था कि सर्वे कराएं, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसी कारण वर्तमान बॉडी भी 30 वर्षों पुराना वक्फ संपत्ति राजपत्रित प्रकाशन पर कार्य कर रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सर्वे कमीशन की नियुक्ति करने जा रही है। जो सर्वे कर वक्फ संपत्ति राजपत्रित दर्ज करेगी। इससे वक्फ  संपत्ति को बेचने और कब्जा होने से बचाया जा सकेगा। जमीन को बेचने वालों पर कठोर कार्रवाई होगी।

विधानसभा में उठेगा मुुद्दा

25 नवंबर से विधानसभा का शीतकालन सत्र शुरू होने वाला है। विधायक कुलदीप जुनेजा डमी बना वक्फ बोर्ड का मुुद्दा जोर शोर से उठाएंगी। इसकी जानकारी भी स्वयं छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ  बोर्ड के अध्यक्ष सलाम रिजवी ने दी। उन्होंने कहा कि रायपुर शहर में ही करीब 500 करोड़ से अधिक वक्फ  संपत्ति अवैध कब्जे है। इसकी कोई कागजी जानकारी नहीं है, क्योंकि ऑडिट ही नहीं हुआ है। विधानसभा में कुलदीप जुनैजा सवाल रखेंगे कि वक्फ बोर्ड सर्वे का काम कब से नहीं हुआ, अगर नहीं हुआ तो क्यों नहीं हुआ। सर्वे सूची का प्रकाशन क्यों नहीं हुआ? अब तक कार्यालय स्टाफ की भर्ती क्यों नहीं किया गया था? इस तरह के सवालों का विपक्ष को जबाव देना होग। सलाम रिजवी ने कहा कि उसके बाद नए सिरे से नियुक्ती किया जाएगा।

सबसे कंगाल विभाग बना वक्फ बोर्ड

वक्फ बोर्ड के वर्तमान बॉडी में करीब 2 दर्जन स्टाफ है। सरकार की ओर से एक वर्ष के लिए वक्फ बोर्ड के कार्यालय संचालन के लिए करीब 1 करोड़ रुपए बजट में दिया जाता है, जो कि कर्मचारियों के वेतन भुगतान व कार्यालय संचालन में ही खर्च हो जाता है। बहुत कम बजट के कारण सबसे कंगाल विभाग इस विभाग को माना जाता है। दरअसल, जिस उद्देश्य के साथ वक्फ बोर्ड की स्थापना की गई थी, बजट के अभाव में उस उद्देश्य की पूर्ति नहीं कर पा रहा है।

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