छत्तीसगढ

वक्फ संपत्ति की हिफाजत करना अहम जिम्मेदारी है: सलाम रिजवी

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के नवनियुक्त अध्यक्ष सलाम रिजवी ने गुरूवार को पदभार ग्रहण किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा समिति की सुरक्षा व्यवस्था, विकास एवं निर्माण कार्य के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी बोर्ड कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने कहा कि बोर्ड के सामने सबसे बड़ी चुनौती बोर्ड की संपत्तियों पर किए गए कब्जे को खाली करवाना है। आपसी समझौते या न्यायालय का सहारा लेकर कब्जा मुक्त किया जाएगा। इसके बाद उन जमीनों पर स्कूल, कॉलेज, अस्पताल जैसे विकास कार्य करवाए जाएंगे। रिजवी ने कहा कि वक्फ बोर्ड संपत्ति की हिफाजत अहम जिम्मेदारी है, जिसके उद्देश्य के लिए इसे बनाया गया है। वक्फ अधिनियम 1995 का पूर्णता पालन हो।
आगे उन्होंने कहा कि डिजिटलाइजेशन ऑफ  वक्फ प्रॉपर्टी एवं जीईएस/जीपीएस मैपिंग का कार्य युद्ध स्तर पर करना है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वक्फ सम्पत्तियों के संबंध में डिजिटलाइजेशन आफ वक्फ प्रॉपर्टी, जीईए/जीपीएस मैपिंग का कार्य मिशन 90 दिनों में पूरा करने का कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। वक्फ  सम्पत्तियों पर स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, स्किल डेवलपमेंट के कार्य करना है, ताकि वक्फ  समिति का सही इस्तेमाल हो सके। वक्फ  समिति का विकास हो सके एवं समिति की आय में वृद्धि हो सके। इसका लाभ आम मुस्लिम जमात को मिल सके। समाज की भलाई के लिए वक्फ समितियों का उपयोग होगा। वक्फ समितियों की देखरेख करने वाली कमेटियों को निशुल्क यूपीएससी, पीएससी एवं अन्य प्रायोगिक परीक्षा की कोचिंग बोर्ड के माध्यम से दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में स्थित वक्फ संस्थाओं से वक्फ समितियों के ऋण योजना के अंतर्गत 6 संस्थाओं से प्रस्ताव मंगवाकर सेंट्रल वक्फ  काउंसिल नई दिल्ली को प्रेषित किया गया है। बोर्ड ने पांच संस्थाओं के 9 प्रोजेक्ट वक्फ काउंसिल ऑफ भारत सरकार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय नई दिल्ली को ऋण स्वीकृत किए जाने के लिए प्रेषित किया है। ऑफिस बोर्ड द्वारा छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार वक्फ  संपत्ति के रिकॉर्ड कार्ड डिजिटलाइजेशन का कार्य पूर्ण कर लिया गया था। जीआईएस/जीपीएस मैपिंग का कार्य अभी बाकी है। समिति की सुरक्षा के लिए वक्फ  समितियों का ऑनलाइन जीआईएस सर्वे एवं जीपीएस मैपिंग किया जाना आज बहुत ही आवश्यक हो चुका है। 1989 के बाद वक्फ  समितियों का सर्वे नहीं हुआ था, जिसके कारण नए वक्फ का कोई भी रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button