विधानसभा सत्र: धमकी वाले फोन पर विपक्ष ने किया हंगामा, नेता प्रतिपक्ष ने कहा, तो क्या न उठाएं विधायक जनहित के मुद्दे?, संसदीय कार्यमंत्र ने कहा, विधायकों की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन की कार्रवाई की शुरुआत प्रश्नकाल के साथ शुरू हुई। बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने अजय चंद्राकर को विधानसभा में सवाल उठाने पर मिली जान से मारने की धमकी का मामला उठाया। विधानसभा अध्यक्ष ने संसदीय कार्यमंत्री को जांच के दिए निर्देश। मामले को लेकर सदन में विपक्ष ने हंगामा किया।
अजय चंद्राकर को मिला धमकी वाला फोन
दरअसल, 26 नवंबर, देर शाम 8350860373 से एक अज्ञात व्यक्ति कॉल करके विधायक अजय चंद्राकर से अभद्र व्यवहार करते है। जिसपर विधायक तुंरत इसकी जानकारी डीजी को फोन पर बताता है। डीजी के निर्देश पर इंटेलीजेंसी शाखा द्वारा उस नंबर को ट्रेस देर रात दुर्ग पुुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया जाता है। धमकी देने वाले का नाम जसपाल सिंह रंधावा जो दुर्ग का निवासी है। पूछताछ पर आरोपी जसपाल ने बताया कि उसका रेत खदान का व्यवसाय है एवं थाना मगरलोड जिला धमतरी के ग्राम देवरी, बिलौदा, हथबंद एवं अमलीडीह में रेत का काम है। पड़ोसी गांव हथबंद में नवीन चंद्राकर एवं नागू चंद्राकर का रेत का काम चल रहा है, परंतु उसका बंद करा दिया है। इस बात को लेकर वह परेशान था। गांव के किसी व्यक्ति ने जसपाल को विधायक अजय चंद्राकर का नंबर देकर कहता है कि इस नंबर पर बात कर लो, ये नंबर विधायक का पीए का है। इसी का नतीजा है कि जसपाल नेे फोन करके विधायक से अभद्र व्यवहार किया।
विधायकों की सुरक्षा, सरकार की जिम्मेदारी: रवींद्र चौबे
विधानसभा में उठे इस मुद्दे पर आसंदी ने संसदीय कार्य मंत्री रवींद्र चौबे को संंज्ञान में लेकर कहा कि पता करवाए ऐसा क्या हुआ है। पूरी जानकारी दे और उचित सुरक्षा मुहैया कराए। इस पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि आखिर ये प्रदेश किस ओर जा रहा है। विधायक जनहित के मुद्दे न उठाएं तो कहा जाएं। इस तरह के मामले अगर प्रदेश में आने लगे है तो हम कहां जाएंगे। संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि इस सदन के हर एक विधायक, चाहे वह नए हो या वरिष्ठ हो, उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है। अजय चंद्राकर इस सदन के वरिष्ठ सदस्य है। विधानसभा में बिना किसी डर के सवाल पूछे जाएंगे। उस व्यक्ति को ट्रेस किया गया है, उसकी गिरफ्तारी भी हुई है। ये मामला बहुत गंभीर है।
गुड़ सप्लाई के बयान से असंतुष्ट विपक्ष ने किया सदन से वाकआउट
बस्तर में गुड़ सप्लाई के टेंडर में अनियमितता का मामला सदन में गूंजा। ध्यानाकर्षण के जरिये डॉक्टर रमन सिंह, धरमलाल कौशिक और अजय चन्द्राकर ने मामले को उठाया। वहीं इस मामले में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के बयान से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया। मामला उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा, 4 अक्टूबर को नेफेड ने एनओसी जारी की। छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम के जरिये सप्लाई की जाएगी। नेफेड के माध्यम से 106 करोड़ का नुकसान राज्य सरकार को होगा। किन ठेकेदारों से गुड़ की खरीदी की जानी है इसकी जानकारी भी अधिकारियों को भेज दी गई है। गन्ना का रकबा पांच हजार हेक्टेयर हो गया है। प्रदेश के बाहर से गुड आने से राज्य के उत्पादकों को नुकसान होगा।
जिस पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि, नेफेड के माध्यम से गुड़ की खरीदी हो रही है। 14 अक्टूबर 2019 को खरीदी की अनुमति दी गई है। 5 नवम्बर को नेफेड ने खरीदी के लिए अनुबंध निर्धारित की है। ये अनिवार्य शर्त रखी गई है कि छत्तीसगढ़ के उत्पादकों से ही गुड़ की खरीदी की जाएगी। 23 नवम्बर 2019 को नागरिक आपूर्ति निगम ने नेफेड को प्रतिस्पद्र्धी दर पर खरीदी करने के लिए कहा गया है। नेफेड को गुड़ खरीदी की निविदा प्रक्रिया के लिए कोई राशि का भुगतान नहीं किया गया है। जिसके बाद डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मंत्री ने कहा है कि स्थानीय उत्पादकों से गुड़ लिया जाएगा, लेकिन इस प्रक्रिया में कौन क्वालीफाई कर सकेगा, इसके लिए क्या शर्त रखी गई है। कवर्धा जिले में ही 4 सौ से अधिक उत्पादक है। सबसे बेस्ट क्वालिटी का गुड़ कवर्धा में है। आज वहां खुले में गुड़ मिल रहा है। क्या जिस व्यक्ति को सप्लाई का काम दिया गया है वह आटोमोबाइल का काम करता है। एक आटोमोबाइल वाला गुड़ के बारे में क्या जान सकता है।
मंत्री ने अपने जवाब में कहा है कि हमने नेफेड के जरिये ही खरीदी का निर्णय लिया है। आपने भी अपने कार्यकाल के दौरान नेफेड के जरिय चना खरीदी का निर्णय लिया था। नेफेड के जरिये हमने गुड़ खरीदी करना इसलिए तय किया क्योंकि नेफेड एसएफआई की गुणवत्ता के अनुरूप खरीदी करता है। टेंडर किसी को भी मिले लेकिन गुड़ की खरीदी राज्य के उत्पादकों से ही की जाएगी, इसे मैं आश्वस्त करता हूं। कई कंपनियों ने इस टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया है।
डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि अभी टेंडर की प्रक्रिया चल रही है लेकिन मुख्यमंत्री और खाद्य मंत्री की तस्वीरे लगे बैग छपवा दिए गए। पूरा छत्तीसगढ़ जानता है कि आटोमोबाइल का काम करने वाले व्यक्ति को यह काम दिया जा रहा है। क्या वह गुड में डीजल डालकर बेचेगा। नागरिक आपूर्ति निगम को सीधे ठेकेदार का नाम दिया गया है। क्या इस ठेके को रद्द करेंगे। जिसमें पहले ही दिन से सवाल खड़े हो रहे हैं। इस पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि इस टेंडर को हम निरस्त नहीं कर सकते। केंद्र की एजेंसी से हम खरीदी कर रहे हैं, इसलिए निरस्त का अधिकार हमें नहीं है। पहले भी ऐसा होता रहा है।
डॉक्टर रमन सिंह ने पूछा नेफेड प्रोसेसिंग चार्ज कितना लेता है। अतिरिक्त पैसा क्यों जा रहा है। स्थानीय स्तर पर नागरिक आपूर्ति निगम से सीधे खरीदी हो सकती थी। इस पर अमरजीत भगत ने कहा कि, प्रधानमंत्री सुन लेंगे तो आप पर नाराज होंगे। वैसे भी आपकी हालात अभी खराब है और खराब हो जाएगा। टेंडर में गुजरात के लोगों ने भी हिस्सा लिया है। डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि ये उचित नहीं है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में बार-बार इस तरह से प्रधानमंत्री का नाम लिया जाए। ये सदन है। सड़क पर हो रही सभा नहीं है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पूछा कि, जो दर कोट की गई, उसका आधार क्या है? क्या जिसे सप्लाई का काम दिया गया, उसे इसका अनुभव है? अनुभवहीन व्यक्ति को काम देने से कैसी स्थिति बनेगी। क्या इसे रद्द किया जाएगा?
मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि आप लोगों को जितना ठेकेदारों ने समझाया है, उतना आप लोग यहां बोल रहे हैं। कौन क्या छपवाया इससे हमे कोई मतलब नहीं हैै। हमने अनुबंध नेफेड से किया है, जो केंद्र सरकार की एजेंसी है। नागरिक आपूर्ति निगम का पिछला अनुभव हम दोहराना नहीं चाहते। अच्छी क्वालिटी का गुड़ हम देंगे ये तय है।
अजय चन्द्राकर ने पूछा कि नेफेड ने जो रेट कोट किया ह, किस क्वालिटी की गुड़ की अनुशंसा की गई है। खुले बाजार में उस किस्म के गुड़ की दर क्या है? नेफेड के एमडी का एक बयान छपा कि सरकार ने मुझे ठेकेदार का नाम पहले से दिया है। क्या यह बयान गलत है, अगर ये गलत है, तो सरकार की छवि खराब करने के लिए एमडी के खिलाफ कार्रवाई करेगी क्या? नेफेड का एमडी यदि सरकार की छवि खराब करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। अमरजीत भगत ने कहा कि केंद्र सरकार की एजेंसी के एमडी हैं तो हम कैसे कार्रवाई कर सकते हैं। गुणवत्ता का मापदंड केंद्र की एजेंसी तय करती है। इस आधार पर सप्लाई करते हैं। नेफेड के एमडी ने ऐसा कोई बयान जारी नहीं किया है, जिसका जिक्र किया जा रहा है।
प्रदेश में जिम संचालन को लेकर बनेंगे नियम, स्पीकर ने सरकार को दिये निर्देश
मसल्स बनाने के लिए स्टेरॉयड युक्त इंजेक्शन से एक युवक की मौत के बाद अब प्रदेश में जिम के संचालन के लिए नियम बनाए जाएंगे। विधानसभा में स्टेरॉयड इंजेक्शन की अवैध बिक्री का मामला उठने के बाद स्पीकर ने सरकार को नियम बनाने के निर्देश दिये हैं।
बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल और शिवरतन शर्मा ने ध्यानाकर्षण के जरिये इस मामले को उठाया। सदस्यों के सवाल का जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, दुकानों की जांच की जा रही है। दवाई बिक्री करने वाले दुकानों का निरीक्षण सरकार कर रही है। शासन प्रदेश के जिम का विनियम नहीं करती है। सरकार ने इसके लिए कोई नियम नहीं बनाया है। जिम के संचालन के संबंध में केंद्र एवं राज्य की ओर से कोई नियम नहीं है। जिसके बाद स्पीकर ने सरकार को जिम के संचालन से जुड़े नियम बनाने के निर्देश दिए।
टाईगर रिजर्व के असिस्टेंट डायरेक्टर समेत दो अफसर निलंबित
अवैध शिकार पर वन मंत्री अकबर का सदन में किया ऐलान
संरक्षित वन क्षेत्रों में अवैध शिकार के मसले पर आए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मंत्री मोहम्मद अकबर ने अचानकमार टाइगर रिजर्व से जूड़े दो बड़े अधिकारियों को निलंबित करने की घोषणा सदन में कर दी।
मोहम्मद अकबर ने कहा, मैं अचानकमार टाइगर रिजर्व में अवैध शिकार और लापरवाह के मसलों पर सदस्यों की चिंता से सहमत होते हुए डायरेक्टर संजय लूथरा समेत दो को निलंबित करता हूं।
ध्यानाकर्षण में विधयक सौरभ सिंह ने प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। मसला अचानकमार अभ्यारण्य का था, लेकिन चर्चा उदंति टाइगर रिजर्व तक विस्तारित हुई। सौरभ सिंह अपने प्रस्ताव में उल्लख किया कि अचाननकार अभ्यारण्यय में आए दिन तेंदुआ बाघ का अवैध शिकार किया जा रहा है। वहीं वनों की भी अवैध कटार्ई लगातार जारी है। उन्होंने विधनसभा में जानकार दी कि इसी वर्ष अक्टूबर मेंअचानकमार टाईगर रिजर्व वन परिक्षेत्र में लोरमी बफर के कक्ष क्रमांक 404 आरएफ में तेंदुए का शिकार किया गया। इसकेे पूर्व फरवरी में भी वन अभ्यारण्य के सीमा में बाघ का अवैध शिकार किया गया। विगत वर्षों में 4-5 तेंदुए व बाघ का अवैध शिकार किया गया है। उन्होंने कहा कि वन अमला वन्यप्राणियों के प्रति उदासिन है तथा वन अधिकारियों की मिलीभगतसे अवैध शिकार किया जा रहा है। जिस पर वन मंत्री मो. अकबर ने कहा कि यह सच है कि फरवरी में अभ्यारण्य सीमा में बाघ का अवैध शिकार हुआ है। पर ये सत्य नहीं है कि कुंभीपानी में एक तेंदुए का अवैध शिकार किया गया है। मो. अकबर ने सदन में कहा कि 4-5 तेदुए का अवैध शिकार की जानकारी उनके प्रकाश में नहीं आया। मो. अकबर ने कहा कि अवैध कटाई पर वन अमले द्वारा कार्रवाई की जा रही है। नियमित रूप से पेट्रोलिंग की जा रही है। क्षेत्र में पदस्थ परिक्षेत्र सहायक व रक्षकों को मॉनिटरिंग के लिए फोन दिया गया है। कर्मचारियों द्वारा एम-स्ट्राइप्स ऐप के जरिए प्रतिदिन पैदल गश्ती का कार्य किया जाता है। इस वर्ष सितंबर माह में कुल 2027 किमी पैदल व 414.137 किमी मोटर साइकल से गश्ती की गई है।
शून्यकाल में हंगामा, पांच मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित
शून्यकाल में विपक्ष ने रेत के मुद्दे पर स्थगन और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्री अमरजीत भगत के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन के मसले पर चर्चा कराए जाने की मांग को लेकर हंगामा कर दिया। विपक्ष की ओर से रेत के मसले स्थगन जबकि अजय चंद्राकर और शिवरतन शर्मा की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मंत्री अमरजीत भगत के विरुद्ध विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया गया है। विपक्ष इन दोनों मसलों पर चर्चा का आग्रह कर रहा था। आसंदी ने इस पर जो व्यवस्था दी उसे लेकर विपक्ष ने असहमति जताई और हंगामा कर दिया। हंगामे को देखते हुए सभापति ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी है।