छत्तीसगढ

वीडियो कांफ्रेस से व्यापारियों ने वाणिज्य मंत्री टीएस सिंहदेव से राहत पैकेज सहित कई मुद्दों पर किया ध्यानाकर्षण

रायपुर। कैट के व्यापारियों ने आज वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से प्रदेश के वाणिज्यक कर मंत्री टीएस सिंहदेव ने सभी ट्रेड एसोसिएशन अध्यक्ष के साथ राज्य से राहत पैकेज के लिए चर्चा की। इस दौरान कैट और विभिन्न औद्योगिक एवं व्यापारिक संगठनों ने मंत्री टीएस सिंहदेव से चर्चा की। कॉनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने मांग रखी कि अभी जो भी व्यापारी अपनी दुकान खोल कर जरूरी सामान, दवाई, डेरी, सब्जी, फल इत्यादि बेच रहे हैं और जो उनके यहां काम कर रहे हैं, उन सभी को कोरोना वॉरीअर माना जाए। सभी के लिए विशेष इंश्योरेंस पॉलिसी की घोषणा की जाए। मंत्री सिंहदेव ने कहा कि लॉक डाउन के वजह से बहुत सारे लोगों को बहुत प्रकार की दिक्कत आ रही है। मजदूर, किसान, व्यापारी, उद्योगपति, होटल, ट्रैवल संचालन इत्यादि सभी घर पर बैठे हैं। लॉक डाउन के संंबंध में मंगलवार सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री पूरी जानकारी देंगे, उसका राज्य भी अमल करेगा। बाहर छत्तीसगढ़ के लोग फंसे हुए हैं, घर आना चाहते हैं, लेकिन उनको मना कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ में केवल 21 पॉजिटिव आज हैं लेकिन तैयारी 4200 बिस्तर की है। 622 वेंटिलेटर उपलब्ध है। अमर पारवानी ने बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था और प्रबंधन के लिए बधाई दी।

मंत्री के सामने व्यापारियों ने रखी मांग
अमर परवानी ने आर्थिक मुद्दा उठाया। विशेषज्ञ के अनुसार छोटे बच्चे और बूढ़ों को संक्रमण का खतरा ज्यादा है। व्यापारियों ने मंत्री के सामने मांग रखते हुए कहा कि ऐसे लोगों पर पाबंदी लगाकर, बाकी लोगों को यदि काम पर जाने की इजाजत मिल जाए तो आर्थिक सुधार जल्दी ला पाएँगे राज्य में। मुख्य समस्या जो व्यापारी अभी भुगत रहा है और जिन पर शासन की तरफ उम्मीद से देख रहा है। इस समय सभी व्यवसाय भारी तरलता की कमी महसूस कर रहे हैं और लॉक डाउन का सामना कर रहे हैं। भारत सरकार एवं विभिन्न राज्य सरकारों ने अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के लिए अलग अलग राहत पैकेज दिए हैं। इस बार एमएसएमई के लिए एक मजबूत प्रोत्साहन पैकेज की आवश्यकता है, जो सरकारी खजाने में राजस्व का प्रमुख हिस्सा है और अर्थव्यवस्था की रीढ़ भी हैं।

राहत पैकेज जारी करने का किया अनुरोध
लॉक डाउन पीरियड में ब्याज को जीरो करना चाहिए। एम्प्लॉई को वेजेज शासन द्वारा पैकेज में दे। इस समय राज्य सरकार ने मिनिमम वेजेज भी बढ़ा दिया है। ईसीआईसी से 3 महीने का पेमेंट करना चाहिए। टैक्स किसी भी प्रकार का इस बंद के समय का नहीं लेना चाहिए चाहे सेंट्रल का हो या राज्य का। बिजली का मिनिमम चार्जेज भी नहीं लेना चाहिए। ट्रेड और इंडस्ट्री का लॉक डाउन समय का रेंट नहीं लगना चाहिए। पारवानी ने इन मांगों को मंत्री टीएस सिंहदेव के संज्ञान में लाते हुए उद्योग एवं व्यापार के लिए राहत पैकेज जारी करने का अनुरोध किया।

इन समस्या की तरफ भी किया गया ध्यान आकर्षण
स्टाफ को पता है कि तनख्वाह नहीं कटेगी तो जरूरी सामान डीलर के भी स्टाफ नहीं आ रहे हैं। किसान लोग भी तैयार फसल को काटने नहीं जा पा रहे हैं। गांव के मजदूर को निकलना चाहिए। पोस्ट लॉक डाउन एग्जिट पॉलिसी होना चाहिए। जो पॉलिसी अभी आयी है उस नियम से ट्रेड चालू कर पाना कठिन है। फैक्टरी को तो चंपत और मेंट्नेन्स की परमिशन दिया जाए और स्टाफ को आने की इजाजत दी जाए। निगम को बोला जाना चाहिए को जरूरी सामान के बाजार को सैनिटायज करते रहे। माल बाहर भेजने को परमिशन दिया जाए और राज्य के अंदर भी वन उपज फसल तैयार है, उसका परिवहन की इजाजत दिया जाए। ई पास रिजेक्ट हो जा रहा है, पुलिस परेशान करती है। जो इंडस्ट्री चालू है उनको रॉ मटीरीयल खरीदी करने की अनुमति दी जाए। आटोमोबाइल को भी एमएसएमई एक्ट में घोषित किया जाए। अप्रैल 2020 से इसकी मांग एमएसएमई मंत्री की ओर से सितम्बर 2019 में रख चुके हैं, जो भी सब्सिडी और इन्सेंटिव की घोषणा एमएसएमई द्वारा किया जाएगा, उस से इस इंडस्ट्री को काफी राहत मिलेगी,इस इंडस्ट्री से लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि मंगलवार सुबह प्रधानमंत्री से सभी चीजों का जवाब मिल जाएगा। जो मांगे रखी गई है, उसमें से क्या क्या केन्द्र सरकार घोषणा करती है,वह देखेंगे और राज्य शासन से क्या हो सकता है, वह भी करेंगे।

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