छत्तीसगढ

शहरी सरकार के बाद पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में भी कांग्रेस को मिली सफलता: शैलेश नितिन त्रिवेदी

रायपुर। धान खरीदी को लेकर भाजपा के बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि किसानों के धान से बने चावल को सेन्ट्रल पूल में लेने नियम शर्ते लगाने वाली भाजपा की किसानों के धान को लेकर चिंता दिखावटी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार किसानों के धान खरीदी के निर्धारित लक्ष्य की करीब पहुंच गई है। भाजपा का धान खरीदी में अडंगा लगाने का भाजपा की चाल भी विफल हो ही गयी। किसान विरोधी भाजपा अब राजनीतिक हताशा के दौर से गुजर रही है। भारतीय जनता पार्टी को धान खरीदी समझ में आना बहुत मुश्किल है। जिस भाजपा ने 5 साल तक 300 रू. बोनस देने का वादा करके नहीं दिया, वो धान खरीदी कैसे समझ सकती है? जिस भाजपा ने कहा था 2100 रू. धान का समर्थन मूल्य देंगे और नहीं दिया, वो धान खरीदी कैसे समझ सकती है? जिस भाजपा ने कहा था एक-एक दाना धान खरीदी करेंगे और नहीं खरीदा, वो धान खरीदी नहीं समझ सकती? दरअसल भाजपा को छत्तीसगढ़ के किसानों के दुख-दर्द और संवेदनाओं से कोई लेना देना नहीं है। भाजपा ने 15 सालों तक मजदूर किसानों और गांवों के नाम पर लूट-खसोट और कमीशनखोरी ही की है। भाजपा धान खरीदी और उसका मर्म कैसे समझ सकती है? भाजपा ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आय दुगनी की जाएगी आज तक उस दिशा में कुछ नहीं किया, वो धान खरीदी कहां से समझेगी? भाजपा ने कहा था स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू की जायेंगी जिसके अंतर्गत लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत किसानों को लाभ देने की बात है उसे आज तक नहीं लागू किया उस भाजपा के समझ में धान खरीदी की बात आना कैसे संभव है? ये वही भाजपा है, जो किसानों की आय दोगुना करने का दावा तो करती है, लेकिन जब छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार किसानों को धान का 2500 रू. प्रति विक्ंटल देती है तो मोदी सरकार के पेट में दर्द होने लगता है। किसानों को 2500 रू. प्रति क्विंटल का दाम देने के रास्ते में हरसंभव रोड़े अटकाने की असफल कोशिश भाजपा की केन्द्र सरकार ने की है। भाजपा को धान खरीदी समझ में नहीं आ सकती और छत्तीसगढ़ के धान उगाने वाले किसानों को भी भाजपा और उसकी नीतियां समझ में नहीं आती है। यह बात पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों से स्पष्ट है।

प्रदेश के सभी जिला पंचायत क्षेत्रों के चुनाव परिणाम जारी करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि शहरी सरकार में 10 के 10 नगर निगमों कांग्रेस के महापौर बनने के बाद पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में कांग्रेस को बड़ी जीत मिली है। जिला पंचायत चुनाव में पिछली बार कांग्रेस ने वर्तमान मुख्यमंत्री और तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल के नेतृत्व में 2 से संख्या बढ़ाकर 11 की थी और विपक्ष में होने के बावजूद कांग्रेस के जिला पंचायत अध्यक्ष 11 जिलों में काबिज हुए थे। इस बार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम की अगुवाई में कांग्रेस ने और बेहतर परफॉर्मेंस किया है। पिछले पंचायत चुनावों में कांग्रेस को विपक्ष में होने के बावजूद अपनी जिला पंचायतें 2 से बढ़ाकर 11 करने में सफलता मिली थी। इस बार 22 जिलों में कांग्रेस के जिला पंचायत सदस्यों का बहुमत आया है और बहुमत के आधार पर 22 जिलों में तो कांग्रेस के जिला पंचायत अध्यक्ष बनना सुनिश्चित है। यह संख्या और भी बढ़ सकती है। जिला पंचायत के साथ-साथ जनपद पंचायतों एवं ग्राम पंचायतों के चुनाव में भी कांग्रेस के उम्मीदवार बड़ी संख्या में जीतकर आये है और भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा है। नगरीय निकाय चुनावों के बाद पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में भी कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली है। ग्रामीण जनता के द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार के कामों पर मुहर लगायी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम की अगुवाई में प्रदेश के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मेहनत ही इस बड़ी जीत को संभव बनाया है। यह कांग्रेस सरकार की किसान समर्थक नीतियों पर राज्य की ग्रामीण जनता द्वारा लगाई गई मुहर है। कांग्रेस ने इस जनादेश के लिए गांव वालों को धन्यवाद देते हुए कहा है कि गांव वालों के हित में, गरीबों के हित में, मजदूर किसानों के हित में कांग्रेस पार्टी की सरकार काम करना जारी रखेगी।

पंचायत चुनाव परिणाम

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button