छत्तीसगढ

शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन गूंजा प्रधानमंत्री आवास योजना का मुद्द…

बिलासपुर, 30 नवबंर। बिलासपुर सांसद अरूण साव ने शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ सरकार पर उपेक्षा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा राज्य के लाखों गरीबों को अपने मकान से वंचित होना पड़ रहा है। इससे न तो स्वीकृत मकानों का निर्माण किया जा रहा है और न ही राज्यांश राशि उपलब्ध कराई जा रही है। इसके चलते महत्वपूर्ण योजना का लाभ प्रदेश के लाखों गरीबों को नहीं मिल पा रहा है।

संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार को शुरू हुआ। पहले ही दिन बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अरुण साव ने प्रधानमंत्री आवास योजना के मुद्दे को लोकसभा में नियम 377 के तहत लोक महत्व के रूप में उठाया। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश के गरीबों को पक्का मकान उपलब्ध कराने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की गई है।

2019 के बाद राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद गरीबों के साथ अन्याय करते हुए गरीबों को मकान से वंचित करने का पाप किया जा रहा है। केन्द्र सरकार के बार-बार आग्रह और निर्देश के बाद भी राज्य सरकार घोर उपेक्षा करते हुए न तो नए आवास का पंजीयन कर रही है और न ही स्वीकृति दी जा रही है। वहीं, पुराने स्वीकृत आवासों का भी का अधूरा है, जिसे सरकार पूरा नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत राज्य सरकार को राज्यांश राशि देनी है, जिसे जानबुझकर उपलब्ध नहीं करा रही है। इसके चलते राज्य के लाखों गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ से वंचित होना पड़ रहा है।

संसद में पेश किया आंकड़ा
उन्होंने भाजपा शासन काल में निर्मित प्रधानमंत्री आवास के आंकड़े भी पेश किए और बताया कि साल 2016-17 में 2 लाख 36 हजार 363 आवास बने। इसी तरह साल 2017-18 में 2 लाख 900 आवास का निर्माण कराया गया था। वर्ष 2018-19 में भी 3 लाख 25 हजार 2012 मकान बनाने की स्वीकृति दी गई थी। जिसमें महज 69 हजार 365 मकान बने। इसी तरह साल 2020-21 में शहरी क्षेत्र में सिर्फ दो मकान की स्वीकृति दी गई। जबकि ग्रामीण क्षेत्र में एक भी मकान नहीं बन सका है।

प्रधानमंत्री से योजना का क्रियान्वयन कराने की मांग
सांसद साव ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि गरीबों के साथ अन्याय बंद कर उन्हें प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराया जाए। साथ ही उन्होंने केन्द्र सरकार से आग्रह किया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के समुचित क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार को निर्देशित करें और उचित कदम उठाए। ताकि राज्य की गरीब जनता को उनका हक मिल सके।

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