छत्तीसगढ

शीतकालीन सत्र समाप्त, ध्वनिमत से पारित हुआ 2108 करोड़ का अनुपूरक बजट, कुलपति की आयु में वृद्धि समेत 3 विधेयकों को मंजूरी

रायपुर, 16 दिसंबर। मुख्य विपक्षी दल भाजपा विधायकों की गैर मौजूदगी के बीच छत्तीसगढ़ का शीतकालीन सत्र बुधवार को समाप्त हो गया। इससे पहले सरकार ने 2108 करोड़ का अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित करा लिया। वहीं चार संशोधन विधेयकों को भी विधानसभा की मंजूरी मिल गई। विधानसभा का अगला सत्र फरवरी-मार्च महीने में बजट सत्र के तौर पर आयोजित होगा।

अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब बोलने खड़े हुए तो उनके निशाने पर भाजपा थी। भाजपा के बहिष्कार और स्थगन प्रस्ताव को घड़ियाली आंसू बताते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, पिछली सरकार ने रेडी टू ईट की गुणवत्ता पर कोई ध्यान ही नहीं दिया। ऐसा होता तो रमन सिंह का कमीशन मारा जाता। रेडी टू ईट का काम महिला स्व-सहायता समूहों से लिए जाने के फैसले पर सफाई देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, 2009 में रेडी टू ईट का काम 1 हजार 627 समूहों को दिया गया था। पांच साल बाद अनुबंध बढ़ाए गए। यूनिसेफ ने रेडी टू ईट के गुणवत्ता की जांच की थी। इसमें बताया गया, इन समूहों को कुछ प्रभावशाली व्यक्ति चलाते हैं, महिलाएं केवल मजदूर की भूमिका में हैं। गुणवत्ता मानकों पर भी ये ठीक नहीं पाए गए। सर्वोच्च न्यायालय ने गुणवत्ता को लेकर विस्तृत आदेश जारी किए हैं। इसकी वजह से बदलाव करना पड़ा है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, यही काम गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में हुआ है। भाजपा वहां विरोध क्यों नहीं कर रही है। ये घड़ियाली आंसू हैं, जिसका मकसद केवल कमीशनखोरी है। सदन से बाहर पत्रकारों से चर्चा में मुख्यमंत्री ने कहा, भाजपा के लोगों की विषय पर कोई तैयारी ही नहीं है। ये लोग सोचे कुछ और थे। अचानक रेडी टू ईट पर स्थगन ले आए। सरकार चर्चा पर तैयार हो गई तो कार्यवाही छोड़कर चले गए। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा केवल मीडिया की चर्चा में बने रहने के लिए ऐसा कर रही है।

हुक्का बार पर प्रतिबंध का विधेयक पारित

विधानसभा में आज सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार और वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) संशोधन विधेयक भी पारित कर दिया गया। इसमें सरकार ने हुक्का बार पर प्रतिबंध लगाने का प्रावधान किया है। सरकार ने हुक्का बार के खिलाफ कार्रवाई तेज की है। कानून के अभाव में बिलासपुर उच्च न्यायालय ने इस कार्रवाई पर रोक लगा दी थी। विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा। उसके बाद प्रदेश में हुक्का बार पूरी तरह गैर कानूनी हो जाएंगे।

इन विधेयकों को भी मिली विस की मंजूरी

विधानसभा ने इंदिरा गांधी कला एवं संगीत विश्वविद्यालय को मंजूरी दी है। इसमें कुलपति की अधिकतम आयु सीमा 70 साल तक करने का प्रावधान किया गया है। वहीं राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग संशोधन विधेयक भी पारित हुआ। इसके जरिये सरकार ने आयोग में उपाध्यक्ष का पद सृजित किया है। विधानसभा में बुधवार को माल एवं सेवाकर संशोधन विधेयक भी पारित किया गया।

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