छत्तीसगढ

साफ-सुथरी छवि के सलाम रिजवी को मिला वक्फ बोर्ड की कमान

रायपुर। आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के संयुक्त सचिव एमएम मिज के आदेश से 13 वर्षों से वक्फ  बोर्ड के अध्यक्ष पद पर कब्जाधारी सलाम अशरफी का त्यागपत्र मंजूर करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलाम रिजवी को सदस्य वक्त बनाया गया है। सलाम को अभी सदस्य नियुक्त किया है, उसके बाद करीब पखवाड़े में अन्य सदस्यों में से एक को अध्यक्ष बनाया जाएगा। साफ. सुथरी छवि के सलाम रिजवी पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ला के करीबी रहे एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भी समर्थक माने जाते हैं। अल्पसंख्यक की राजनीति में उनकी बड़ी दखल है। सलाम रिजवी इसके पहले आरडी में उपाध्यक्ष पर रह चुके है।
बता दें कि, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही मोहम्मद सलीम अशरफी पर छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ  बोर्ड के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का दबाव बनने लगा था। दरअसल वक्फ  बोर्ड के सीईओ डॉ. जहीरुद्दीन ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर वक्फ  बोर्ड के अध्यक्ष की वैधता पर राय मांगी थी, साथ ही सलीम अशरफी के वक्फ  बोर्ड के अध्यक्ष पद पर बने रहने पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि राज्य सरकार ने 20 दिसंबर 2018 के आदेश में सरकार द्वारा सभी नियुक्तियों को रद्द कर दिया था, ऐसे में वक्फ  बोर्ड के अध्यक्ष को स्वत: हट जाना चाहिए था।
बता दें कि बीजेपी सरकार में अनुसूचित जनजाति विभाग ने 14 जुलाई 2015 को अधिसूचना जारी कर पांच सदस्यों के नियुक्ति किया था। उस वक्त वक्फ बोर्ड के उन्हीं पांच सदस्यों ने मिलकर सलीम अशरफी को अध्यक्ष चुना था,  जिसके बाद वे लगातार 13 वर्षों तक पद पर बने रहे।

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