राष्ट्रीय

सीएम चन्‍नी मंत्रियों व अफसरों संग जाएंगे करतापुर साहिब, नवजाेत सिद्धू को नहीं मिली अनुमति

चंडीगढ़, 18 नवबंर। करतारपुर कारिडोर के खुलने के दूसरे दिन आज पाकिस्‍तान‍ स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब जाने के लिए सुबह से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। सुबह पंजाब भाजपा नेताओं का दल करतारपुर साहिब रवाना हुआ। इसके साथ ही सुबह से श्रद्धालुओं को जांच के बाद रवाना किया जा रहा है। आज मुख्‍यमंत्री चरणजीत सिंंह चन्‍नी के नेतृत्‍व में राज्‍य कैबिनेट के मंत्री और वरिष्‍ठ अधिक‍ारियों का दल कारिडोर होकर गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब जाएगा। पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को करतारपुर जाने की अनुमति नहीं मिली है। पहले के कार्यक्रम के अनुसार उनको भी चन्‍नी और मंत्रियों के साथ करतारपुर साहिब जाना था। वह अब 20 नवंबर को श्री करतारपुर साहिब जाएंगे।

आज करतारपुर कारिडोर से करीब 250 श्रद्धालुओं को पाकिस्‍तान स्थित गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब जाने की अनुमति दी जाएगी। इन श्रद्धालुओं को कोरोना टेस्‍ट की रिपोर्ट और कोरोना वैक्‍सीन की डोज लेने का सर्टिफिकेट दिखाने के बाद ही आगे जाने दिया जाएगा। सुबह से करतारपुर कारिडोर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं का कोरोना टेस्‍ट किया जा रहा है और उनको पल्‍स पालियो दवा की बूंदें पिलाने के बाद ही जाने‍ दिया जा रहा है। बता दें कि करतारपुर कारिडोर के दोबारा खुलने के पहले दिन 17 नवंबर को 49 श्रद्धालु श्री करतारपुर साहिब गए थे।

नवजोत सिद्धू  20 नवंबर को जाएंगे करतारपुर साहिब     

नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब सरकार के शिष्टमंडल के साथ करतारपुर साहिब जाने की अनुमति नहीं मिली है। इस कारण सिद्धू आज मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की अगुवाई में गुरुपर्व के उपलक्ष्य में पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारे में नतमस्तक नहीं हो पाएंगे। सिद्धू के मीडिया सलाहकार जगतार सिद्धू ने बताया कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के सारे दस्तावेज पूरे थे लेकिन उन्हें वीरवार के बजाए 20 नवंबर को करतारपुर साहिब जाने की अनुमति मिली है।

सिद्धू के मीडिया सलाहकार जगतार सिद्धू ने कहा कि केंद्र सरकार ने राजनीतिक विद्वेष के कारण ऐसा किया है। उल्लेखनीय है कि इमरान खान के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने के बाद नवजोत सिद्धू पाकिस्तान चले गए थे, तब नवजोत सिद्धू पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जावेद बाजवा से गले मिलने के कारण सुर्खियों में आ गए थे। इसका व्यापक विरोध हुआ लेकिन सिद्धू ने स्पष्ट किया कि बाजवा ने उनको करतारपुर कारिडाेर खोलने के बारे में बताय तो उन्‍होंने बाजवा को गले लगा लिया।

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