हाथरस गैंगरेप पीड़िता का रात के अंधेरे में गुपचुप अंतिम संस्कार को लेकर ADG बोले- शव खराब हो रहा था, परिजनों ने दी थी सहमति
एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा, ‘पीड़िता की डेडबॉडी भी खराब हो रही थी इसलिए घर के लोगों ने सहमति जताई थी कि रात में ही अंतिम संस्कार कर दिया जाना उचित होगा। इसके अतिरिक्त अभी आधिकारिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आई है। उसमें जो भी तथ्य होंगे उसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।’
मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित
एडीजी ने कहा, ‘इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए शासन ने उच्चस्तरीय कमिटी का गठन किया है जिसका नेतृत्व गृह सचिव भगवान स्वरूप कर रहे हैं। उनकी सहायता के लिए एक डीआईजी स्तर का अधिकारी और एक एसपी स्तर की महिला अधिकारी लगाई गई हैं ताकि अगर स्थानीय पुलिस के द्वारा कोई चूक हुई है तो उस चीजों को अंगित करें।
परिजनों ने किया विरोध, फिर भी कर दिया अंतिम संस्कार
एडीजी ने कहा कि शासन की मंशा बालिकाओं और महिलाओं के खिलाफ अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस की है। बता दें कि दिल्ली एम्स में मौत के बाद पीड़िता का शव मंगलवार देर रात हाथरस लाया गया था और पुलिस ने रात ढाई बजे ही गुपचुप तरीके से पीड़िता का अंतिम संस्कार करा दिया। ग्रामीणों और परिजनों ने विरोध भी किया और ऐंबुलेंस के आगे खड़े होकर शव वापस देने की गुहार भी लगाई लेकिन उनकी एक न सुनी हुई।
डीएम बोले- पिता और भाई ने दी थी सहमति
इससे पहले हाथरस के डीएम ने भी कहा था कि परिवार की सहमति के बिना अंतिम संस्कार के आरोप पूरी तरह से गलत है। पिता और भाई ने रात में ही अंतिम संस्कार के लिए सहमति दी थी। परिवार के सदस्य भी अंतिम संस्कार के वक्त मौजूद थे। पीड़िता का शव लाने वाली गाड़ी गांव में 12.45 से 2.30 बजे तक खड़ी रही थी।
घटना के विरोध में देश में उबाल
गैंगरेप की घटना को लेकर पुलिस पर पहले से ही लापरवाही के आरोप लग रहे थे फिर देर रात पीड़िता के अंतिम संस्कार से पूरे देश में उबाल है। पूरे देश में जगह-जगह घटना को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। विपक्ष ने सीएम योगी आदित्यनाथ से इस्तीफे देने की गुहार लगाई है।
हाथरस में सफाईकर्मियों की हड़ताल
योगी के मंत्री भूपेंद्र चौधरी जब हाथरस पहुंचे तो उन्हें स्थानीय लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा। दाह संस्कार के बाद सुबह दलित समुदाय के लोगों का गुस्सा भड़क उठा है। उधर, सफाई मजदूर संघ ने भी सफाई का काम बंद करने का ऐलान किया है।