छत्तीसगढ

हॉट-बाज़ार क्लिनिक ने चंद महीनों में किया 10 लाख से अधिक रोगियों का इलाज

रायपुर। चंद महीनों में भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजना हाट बाजार क्लिनिक दिन प्रतिदिन विस्तार रूप ले रहा है। निःसन्देह CM की इस योजना की जरूरत आदिवासी क्षेत्रों में कितनी थी, इसे उन्होंने समझ और उसे अमलीजामा पहनाया। हाट बाजार क्लिनिक की टीमों अब तक 10 लाख 3 हजार 678 लोगों को इलाज मुहैया कराया गया है। इसके अलावा हाट-बाजारों की क्लिनिक में 9 लाख 5 हजार 473 मरीजों को जांच, उपचार के बाद नि:शुल्क दवाईयां दी गई हैं। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के अंतर्गत प्रदेश के 1 हजार 851 हाट-बाजारों में क्लिनिक लगाए जा रहे हैं।

क्यों पड़ी जरूरत

प्रदेश का मुखिया भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना को इसलिए शुरू करना पड़ा, क्योंकि आदिवासी इलाकों में चिकित्सा जैसे मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं होता था। लिहाजा सरकार को इस तरह फ्री मोबाइल चिकित्सा योजना की जरूरत महसूस हुआ। हालांकि शुरूवाती दौर में मोबाइल यूनिट बस्तर इलाकों नारायणपुर, सुकमा व कोंडागांव में शुरू किया गया था। स्वास्थ्य विभाग द्वारा योजना शुरू होने के बाद से कुल 17 हजार 150 हाट-बाजार क्लिनिक संचालित किए गए हैं।

3 हजार से अधिक मलेरिया पीडि़तों का हुआ उपचार

हाट-बाजार क्लिनिक में जरूरतमंदों को नि:शुल्क उपचार, चिकित्सीय परामर्श और दवाईयां उपलब्ध कराने के साथ ही मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा मलेरिया, एचआईव्ही, मधुमेह, एनिमिया, टीबी, कुष्ठ रोग, उच्च रक्तचाप और नेत्र विकारों की जांच भी की जा रही है। इन क्लिनिकों में शिशुओं और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण भी किया जा रहा है। अप्रैल-2019 से वनांचलों में और 2 अक्टूबर 2019 से ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के अंतर्गत अब तक 90 हजार 464 लोगों की मलेरिया जांच की गई है। पॉजिटिव पाए गए तीन हजार 821 मरीजों का उपचार भी इन क्लिनिकों में किया गया है।

10 फरवरी तक 1 हजार से अधिक हाट-बाजार किया शुरू

मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना इस साल 10 फरवरी तक प्रदेश के 1 हजार 851 हाट-बाजारों में शुरू की जा चुकी है। राज्य शासन द्वारा लगातार इसका विस्तार किया जा रहा है। इन क्लिनिकों के माध्यम से अब तक धमतरी जिले में चार लाख 14 हजार 908, बालोद में एक लाख 984, राजनांदगांव में 78 हजार 579, गरियाबंद में 38 हजार 894, बिलासपुर में 36 हजार 841, दंतेवाड़ा में 30 हजार 753, जशपुर में 27 हजार 795, कांकेर में 23 हजार 597, महासमुंद में 22 हजार 818, रायगढ़ में 22 हजार 571, बलरामपुर-रामानुजगंज में 20 हजार 559, कोरिया में 20 हजार 412, दुर्ग में 19 हजार 311 और कोंडागांव में 17 हजार 658 लोगों का इलाज किया गया है।

इन जिलों पर लगा कैंप

मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से कबीरधाम जिले में 17 हजार 577, सरगुजा में 15 हजार 768, बीजापुर में 15 हजार 105, सूरजपुर में 14 हजार 589, बस्तर में 12 हजार 706, कोरबा में 12 हजार 554, सुकमा में 11 हजार 522, बेमेतरा में दस हजार 69, रायपुर में पांच हजार 697, मुंगेली में चार हजार 415, जांजगीर-चांपा में चार हजार 266, बलौदाबाजार-भाटापारा में दो हजार 814 तथा नारायणपुर जिले में 916 लोगों को नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

इन बीमारियों का किया इलाज

4 लाख 25 हजार 11 को उच्च रक्तचाप
2 लाख 99 हजार 11 को मधुमेह
84 हजार 201 को रक्त अल्पता (एनिमिया)
23 हजार 584 को नेत्र विकार
3 हजार 619 को टीबी (क्षय रोग)
2 हजार 869 को कुष्ठ
3 हजार 16 को एचआईव्ही
21 हजार 176 गर्भवती की जांच
3 हजार 720 शिशुओं का टीकाकरण
16 हजार 357 डायरिया

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