छत्तीसगढ

10 दिनों में 50 से ज्यादा नए प्रकरण: घरेलु हिंसा के विरुद्ध राजधानी पुलिस की ‘चुप्पी तोड़ अभियान’ में त्वरित कार्यवाही

रायपुर। घरेलु हिंसा को रोकने के लिए राजधानी पुलिस की चुप्पी तोड़ो मुहिम कारगर साबित हो रहा है। पुलिस ने यह अभियान महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाने और उनकी शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए 29 अप्रैल को शुरू किया था। लॉकडाउन पीरियड में 50 दिनों की सोशल डिसटेंसिंग से लोग घरों में रहने की वजह से तनावग्रस्त हो रहे हैं। इसका नतीजा घरेलू हिंसा के रुप में सामने आ रहा है। घरेलू हिंसा के मामले लॉकडाउन शुरू होने के बाद से अचानक बढ़ गए हैं।

लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा को रोकने के लिए कॉल करने पर पीडि़तों के पास पुलिस की टीम पहुंच रही है। 1 जनवरी 2020 से मार्च तक पुलिस के पास घरेलू हिंसा से जुड़े कुल 135 मामले आए थे, लेकिन केवल लॉकडाउन की अवधि 29 अप्रेल से 8 मई तक 10 दिन में 50 से ज्यादा नए प्रकरण पुलिस तक पहुंचे हैं।

अमृता सोरी, एएसपी (इन्वेस्टीगेशनयूनिट फॉर क्राइम अगेंस्ट वीमेन-आईयूसीएडब्ल्यू) के नेतृत्व में चल रहे चुप्पी तोड़ अभियान से जुड़ी पुलिस टीम वर्ष 2018 से 1500 पेंडिंग शिकायतों में कॉल कर प्रतिदिन 100 महिलाओं से संपर्क कर रही है। पुराने शिकायतों से जुड़ी पीडि़त 550 महिलाओं से संपर्क कर शिकायत दर्ज किए गए हैं और उनकी समस्याओं पर निराकरण के लिए चर्चा कर काउंसिलिंग भी करायी जा रही है। इसके बाद भी मामला नहीं सुलझने पर पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर और 2 लोगों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है। लॉकडाउन की अवधि में पीड़ित महिलाओं का थाना आकर शिकायत कर पाना संभव नहीं था इसलिए इस अभियान के तहत रायपुर पुलिस द्वारा पीड़ित महिलाओं को दूरभाष के माध्यम से संपर्क कर सहायता प्रदान की जा रही  है।

इन नंबरों पर करे संपर्क

रायपुर पुलिस द्वारा शुरुआत किये गए चुप्पी तोड़ अभियान को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही हैं। इस मुहिम के क्रियान्वयन हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक,आई.यू.सी.ए.डब्ल्यू. रायपुर के पर्यवेक्षण में दो टीम गठित की गयी है जिसमें महिला थाना एवं महिला सेल प्रभारी द्वारा प्रकरणों का निराकरण किया जायेगा एवं इस अभियान के तहत पीड़ित महिलाओं से संपर्क करने के लिए ग्यारह बिंदुओं का प्रोफार्मा तैयार किया गया था। वहीं शिकायत बताने के लिए जारी नंबर पर टेलीफोन, और वाट्सअप मैसेज के माध्यम से घर बैठे दर्ज करा सकते हैं। यह नम्बर हैं: 0771-4247110, 9479190127 और व्हाट्सअप्प नम्बर है: 9479191250.

तनाव का एक कारण आर्थिक बोझ का प्रेशर

घरेलू हिंसा बढऩे को लेकर स्पर्श क्लीनिंक के मनोरोग चिकित्सक डॉ. अविनाश शुक्ला का कहना है इनमें नशे की पूर्ति नहीं होने से चिड़चिड़ापन और आर्थिक तंगी को प्रमुख माना जा रहा है। साथ ही लॉकडाउन के कारण लोग इन दिनों सामान्या से ज्यादा तनाव में हैं। चाहे व्यापारी हो, श्रमिक हो लॉकडाउन से काम बंद होने से आर्थिक बोझ व कोरोना वायरस को लेकर स्‍वास्‍थ्‍य की चिंता के बीच सोशल डिसटेंसिंग में पुरुष वर्ग द्वारा घरों से बाहर नहीं निकलने से तनाव महसूस कर रहे हैं।  घरों में 24 घंटे रहने से वक्त तो ज्यादा मिल रहा है परिवार के लिए लेकिन पति-पत्नी के बीच रिलेशनशीप में सौहाद्र नहीं है।  छुटियों के बीच दूसरे शहर घूमने जाने का प्लान और बच्चों का स्कू‍ल नहीं होने से दिनभर घर में माहौल उबाऊ होने लगा है। इस वजह से भी पति-पत्नी के बीच विवाद और झगड़े की स्थिति बन रही है।

एक दूसरे के भावनाओं का करें आदर: मनोरोग चिकित्सक

मनोरोग चिकित्सक डॉ. शुक्ला ने बताया , कोरोना वायरस की वजह से जारी लॉक डाउन की स्थिति ने सभी की दिनचर्चा को बदलकर रख दिया है। ऐसे में घरों में बढ़ते आपसी तनाव यानी घरेलू हिंसा को खत्म करने के लिए पति-पत्नी के बीच बातचीत के तौर तरीकों में कुछ नयापन का एहसास होना चाहिए। एक दूसरे के भावनाओं का आदर करना चाहिए। किसी बात पर ठेस लगने जैसे कठोर भाषा का प्रयोग करने से बचना चाहिए। जो पत्नी को पसंद नहीं ऐसा कार्य बार-बार नहीं करना चाहिए। पत्नी् को बच्चों के सामने नहीं डांटना चाहिए बल्कि उनकी प्रशंसा करना चाहिए। जरुरत पड़े तो आपसी मतभेद को खत्म करने के लिए मैरीज काउंसलर से भी परामर्श लेना चाहिए।

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