जल्द खराब होने वाली फल-फ्रूट्स को लेकर “किसान रेल” आज से चल पड़ी…आइए जानते हैं क्या है खासियत…

रेलवे मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा शुक्रवार को 11 बजे इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई. किसान रेल से फलों-सब्जियों जैसे ऐसे आइटम की ढुलाई की जाएगी जो जल्दी खराब हो जाते हैं। भारतीय रेलवे ने एक अनूठे किसान रेल की शुरुआत आज यानी 7 अगस्त से की है। रेलवे मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा शुक्रवार को 11 बजे इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। इस ट्रेन से उन आइटमों की ढुलाई होगी जो बहुत जल्दी खराब हो जाते हैं। निश्चित ही रेलवे का यह कदम किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
आइए जानते हैं कि क्या इस ट्रेन की खासियत और यह क्यों है महत्वपूर्ण?
कहां से कहां तक
रेलवे मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा शुक्रवार को इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। इस अवसर पर महाराष्ट्र के खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री छगन भुजबल भी उपस्थित थे। अभी ऐसी पहली ट्रेन महाराष्ट्र से बिहार तक के लिए चल रही है। यह ट्रेन सुबह 11 बजे महाराष्ट्र के देवलाली स्टेशन से रवाना हुई और बिहार के दानापुर स्टेशन तक जाएगी।
क्या है खासियत
किसान रेल में रेफ्रिजरेटेड कोच लगे होंगे। इसे रेलवे ने 17 टन की क्षमता के साथ नए डिजायन के रूप में निर्मित करवाया है। इसे रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में बनाया गया है। इस ट्रेन में कंटेनर फ्रीज की तरह होंगे। मतलब यह एक चलता-फिरता कोल्ड स्टोरेज होगा, इसमें किसान खराब होने वाले सब्जी, फल, फिश, मीट, मिल्क रख सकेंगे।
ये है टाइम टेबल
ये किसान रेल हफ्ते में एक बार चलेगी। यह महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित देवलाली से सुबह 11 बजे चलेगी और अगले दिन शाम 6.45 बजे पटना के पास स्थित दानापुर स्टेशन पर पहुंचेगी। इस तरह यह अपनी यात्रा में करीब 32 घंटे लगाएगी।
इन स्टेशनों पर रुकेगी ट्रेन
इस यात्रा के दौरान किसान रेल करीब 1,519 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। देवलाली से चलने के बाद यह ट्रेन नासिक रोड़, मनमाड़, जलगांव, भुसावल, बुरहानपुर, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, सतना, कटनी, मणिकपुर, प्रयागराज, पं दीनदयाल उपाध्याय नगर और बक्सर में रुकेगी।
किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य
रेलवे के इस प्रयास को सरकार के उस लक्ष्य से ही जोड़कर देखा जा रहा है जिसके तहत कहा गया था कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी की जाएगी. इससे सब्जियों, फलों, मांस, मछली और दूध जैसे जल्दी खराब होने वाले कृषि उत्पादों को इनके पैदावार वाले इलाकों से उन इलाकों में पहुंचाया जाएगा जहां इनका अच्छा बाजार है।
बजट में हुआ था ऐलान
दरअसल, केंद्र से साल 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। इसी कड़ी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में बजट भाषण के दौरान ऐलान किया था कि किसान फल-सब्जी देश के उन शहरों में बेच सकते हैं, जहां उन्हें उसकी अच्छी कीमत मिलेगी। इसके लिए किसान रेल चलाई जाएगी। इस सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) योजना के तहत शीत भंडारण के साथ किसान उपज के परिवहन की व्यवस्था होगी।
सबसे पहले ममता बनर्जी ने रखा था प्रस्ताव
एयरकंडीशनिंग की सुविधा के साथ फल एवं सब्जियों को लाने ले जाने की सुविधा का प्रस्ताव पहली बार 2009-10 के बजट में उस समय रेल मंत्री रहीं ममता बनर्जी ने किया था, लेकिन इसकी शुरुआत नहीं हो सकी। (फाइल फोटो)