Post-Matric Scholarship : पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन 15 अप्रैल तक

कोंडागांव, 02 अप्रैल। Post-Matric Scholarship : छत्तीसगढ़ राज्य के अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए 2024-25 सत्र में ऑनलाइन पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के आईलाइन आवेदन आमंत्रित की गई है। यह छात्रवृत्ति कक्षा 12वीं से उच्चतर के लिए उपलब्ध है। इच्छुक विद्यार्थी 03 अप्रैल से 15 अप्रैल 2025 तक ऑनलाइन पंजीयन करा सकते हैं।

सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य शासन के निर्देशानुसार शासकीय और अशासकीय महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों, मेडिकल कॉलेजों, नर्सिंग कॉलेजों, पॉलिटेक्निक एवं आई.टी.आई. के प्राचार्यों और छात्रवृत्ति प्रभारी द्वारा ऑनलाइन पंजीकरण, स्वीकृति और वितरण की प्रक्रिया  https://postmatric-scholarship.cg.nic.in/ पर की जा रही है। विद्यार्थियों द्वारा ऑनलाइन आवेदन (नवीन व नवीनीकरण) के लिए अंतिम तिथि 15 अप्रैल 2025, ड्राफ्ट प्रोपोजल लॉक करने और सेक्शन ऑर्डर लॉक करने की अंतिम तिथि 21 अप्रैल 2025  निर्धारित की गई है।

सहायक आयुक्त ने बताया कि निर्धारित तिथि तक कार्यवाही पूर्ण नहीं करने पर यादि संबंधित संस्थाओं के विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित रह जाते हैं तो इसके लिए संस्था प्रमुख जिम्मेदार होंगे। विद्यार्थियों से आग्रह किया गया है कि वे समय पर सभी आवश्यक प्रक्रियाएँ पूरी करें, ताकि वे छात्रवृत्ति का लाभ उठा सकें।

Balrampur : मनरेगा से बने कुएं से रामलाल के खेतों में लहलहाया फसल, साग-सब्जी उत्पादन कर कमा रहे हैं अतिरिक्त आमदनी

रायपुर, 02 अप्रैल। Balrampur : किसान रामलाल बताते हैं कि खरीब फसल के पकने के बाद अच्छे उत्पादन की गारण्टी तो मिली ही, अब वे सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता होने से धनिया, आलू, प्याज, टमाटर जैसे साग-सब्जी लगाकर रोज की सब्जी-भाजी के खर्च को बचा भी रहा है। आज रामलाल आत्मविश्वास से भरा है और कूप के बन जाने से परिवार के चेहरे में मुस्कान है। खेती में सिंचाई की उपलब्धता तथा उचित कृषकीय प्रबंध से रामलाल अब उन्नत कृषक बनने की ओर अग्रसर हैं। जिले में मनरेगा रामलाल जैसे अनेको कृषकों के चेहरे पर खुशी लाने का पर्याय बन चुका है।

मनरेगा से बने कुएं से रामलाल के खेतों में लहलहाया फसल

बलरामपुर जिले के विकासखंड राजपुर के ग्राम पंचायत करमडीहा निवासी रामलाल अपने मनरेगा से बने कुंए के जरिए दो एकड़ खेतों में पर्याप्त सिंचाई कर रहें हैं, वही समय पर धान की खेती के लिए रोपा भी तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा वे कुछ हिस्सों में साग-सब्जी की खेती कर इससे अतिरिक्त आमदनी भी कमा रहे हैं। गौरतलब है कि किसान रामलाल पहले सिंचाई के साधन नहीं होने से बरसात के दिनों में भी केवल धान के ही फसल ले पाते थे, वे भी वर्षा के जल पर ही निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन मनरेगा से बने कुए ने उसके जीवन में खुशी ला दी है और वे साल में दो सफल ले रहे हैं। वहीं उन्होंने बताया कि स्वयं के लिए कुंए निर्माण से उन्हें 10 हजार रूपए का मजदूरी भी मिला।

उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन के मार्गदर्शन एवं कुशल प्रबंधन से मनरेगा अपने वास्तविक उद्देश्यों को पूरा कर रही है, वहीं श्रमिक व कृषक वर्ग को इसका सीधा लाभ मिल रहा है।

मनरेगा के अधिकारियों ने बताया कि रोजगार सृजन और स्थाई परिसंपत्तियों का निर्माण कर मनरेगा एक सफल योजना के रूप में जिले में स्थापित हो चुकी है। रामलाल जनपद पंचायत राजपुर के ग्राम पंचायत करमडीहा के निवासी हैं तथा अनेकों अन्य हितग्राहियों की तरह रामलाल के खेत में मनरेगा के तहत कूप निर्माण की स्वीकृति मिली थी। कूप निर्माण के लिए रामलाल के खेत का चयन किया गया तथा निर्धारित समय पर कूप तैयार भी हो गया। कूप के माध्यम से रामलाल के 02 एकड़ खेत की सिंचाई है तथा वे बरसात के साथ-साथ गर्मियों में भी फसल लेने के लिए उत्साहित हैं। धान की खेती के साथ ही भविष्य में पानी की आवश्यकता वाले अन्य फसलों की खेती का विचार कर रहे हैं, जो पहले संभव नहीं था।

PM Janman : पीएम जनमन से धनसुली की कमार बस्ती को नई पहचान, चैत्र नवरात्रि के अवसर पर 15 परिवारों ने किया गृह प्रवेश

रायपुर, 02 अप्रैल। PM Janman : महासमुंद जनपद पंचायत का एक गाँव धनसुली है जहां कमार जनजाति की बहुलता है। प्रधानमंत्री जनमन योजना इस जनजाति के जीवन में एक नई रोशनी लेकर आई है। धीरे-धीरे बदलाव की यह लहर उनके जीवन के हर पहलू को छू रही है, जिससे न केवल उनका जीवन स्तर ऊँचा उठ रहा है, बल्कि वे आत्मनिर्भरता की ओर भी कदम बढ़ा रहे हैं।

चैत्र नवरात्रि के अवसर पर 15 परिवारों ने किया गृह प्रवेश

ग्राम धनसुली के कमार बस्ती में निवासरत कमार जनजाति के परिवारों को पीएम जनमन योजना का एकमुश्त लाभ मिला है। इस बस्ती में निवासरत 15 से अधिक परिवारों के पक्के घर पीएम आवास योजना से बने हैं। एक तरह से यह बस्ती पीएम जनमन योजना की सफलता की प्रतीक बन चुकी है। लगभग सभी घर पूर्णतः बनकर तैयार हो चुके हैं, बस कुछ एक घर बच गए हैं जिनमें रंग रोगन का कार्य शेष है।

कमार जनजाति के लोग मुख्यतः बांस की टोकरी, सूपा एवं अन्य सामान बनाकर अपनी आजीविका चलाते हैं लेकिन यह जनजाति अब शासन की योजनाओं का लाभ लेने में पीछे नहीं है। कमार जनजाति के लोग घुमंतू और खानाबदोश होते हैं लेकिन यहां के कमार जन जो प्रायः घास फूस, खादर और मिट्टी से बने अस्थायी घरों में रहते थे, उन्हें अब पक्का मकान मिलने से उनके जीवन में स्थायित्व आ गया है।

चैत्र नवरात्रि के अवसर पर 15 परिवारों ने किया गृह प्रवेश

योजना की लाभार्थी 52 वर्षीय लीला बाई कमार ने बताया कि पहले उनका घर घास-फूस का था। जीविका चलाने के लिए वे मुख्यतः बांस के सामान बनाकर थोड़ी-बहुत आमदनी करती थीं। इसके अलावा घर के पुरुष ईंट भट्टी में काम करने जाते थे, लेकिन यह आय बेहद सीमित थी, जो परिवार की जरूरतों को पूरा करने में नाकाफी थी। सीमित आय होने की वजह से एक पक्का और सुरक्षित घर बनाना उनके लिए एक सपना था। लेकिन पीएम-जनमन योजना के उन्हें एक पक्का और सुरक्षित आवास मिला है। 35 वर्षीय सावित्री बाई कमार, 31 वर्षीय मीना बाई कमार, 55 वर्षीय चैती बाई कमार को भी आवास योजना का लाभ मिला है। उन्होंने बताया कि उनके परिवार को भी शासन की योजनाओं का लाभ मिल रहा है और इस प्रकार कमार जनजाति का जुड़ाव धीरे धीरे विकास की मुख्यधारा से हो रहा है।

गौरतलब है कि विगत दिनों चैत्र नवरात्रि एवं नववर्ष के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बिलासपुर प्रवास के दौरान 3 लाख परिवारों को गृह प्रवेश का सौभाग्य मिला। जिले में कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के मार्गदर्शन में जिला पंचायत सीईओ श्री एस. आलोक द्वारा 15 कमार परिवारों को विधिवत चाबी सौंपी गई एवं पारंपरिक रीति-रिवाजों से गृह प्रवेश कराया गया था। योजना से मिले लाभ और आवास हेतु हितग्राहियों ने जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का धन्यवाद ज्ञापित किया है।

CG GST Revenue Growth Rate : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की एक और उपलब्धि, छत्तीसगढ़ बना देश में जीएसटी राजस्व वृद्धि दर में अग्रणी राज्य, वित्तीय वर्ष 2024-25 में ₹16,390 करोड़ का जीएसटी संग्रह, दर्ज की गई 18 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि

रायपुर, 02 अप्रैल। CG GST Revenue Growth Rate : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि अपने नाम की है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य ने कुल ₹16,390 करोड़ का जीएसटी राजस्व संग्रह कर देशभर में सबसे अधिक 18 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की है। यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ को जीएसटी राजस्व वृद्धि के मामले में पूरे देश में पहले स्थान पर स्थापित करती है। इस क्रम में महाराष्ट्र 16% और तमिलनाडु 15% की वृद्धि दर के साथ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।

मार्च 2025 में पहली बार ₹2000 करोड़ से अधिक का मासिक संग्रह

मार्च 2025 में छत्तीसगढ़ को SGST मद में ₹1,301.09 करोड़ की प्राप्ति हुई, जो कि मार्च 2024 की तुलना में 72 प्रतिशत अधिक है। यह पहली बार है जब राज्य ने SGST संग्रह में ₹1000 करोड़ का आंकड़ा पार किया है।
मार्च 2025 में ही IGST मद में ₹756.73 करोड़ प्राप्त हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक है। इस प्रकार मार्च 2025 में कुल जीएसटी संग्रह ₹2,057.82 करोड़ रहा, जो मार्च 2024 के ₹1,443.66 करोड़ की तुलना में 43 प्रतिशत की प्रभावशाली मासिक वृद्धि दर्शाता है। जीएसटी आने के बाद छत्तीसगढ़ ने पहली बार एक माह में कुल जीएसटी राजस्व में 2000 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार किया है।

बेहतर प्रशासन, तकनीक का समावेश और सतत निगरानी से मिली ऐतिहासिक सफलता

यह उल्लेखनीय प्रगति राज्य में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन और वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी के दिशानिर्देश पर वाणिज्यिक कर विभाग में किए गए व्यापक सुधार, नवाचार और नई कार्यसंस्कृति का प्रत्यक्ष परिणाम है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और वाणिज्यिक कर मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी के मार्गदर्शन में विभाग ने जीएसटी प्रशासन को अधिक सक्रिय, पारदर्शी और परिणामोन्मुख बनाने हेतु निर्णायक कदम उठाए हैं।

नॉन-फाइलर्स पर नियंत्रण

रिटर्न दाखिल नहीं करने वाले व्यापारियों की निरंतर निगरानी एवं संवाद के माध्यम से अनुपालना दर में बड़ा सुधार हुआ है। नॉन-फाइलर्स की संख्या 15 प्रतिशत से घटकर मात्र 6 प्रतिशत रह गई है।

फर्जी पंजीकरण की जांच

28,000 से अधिक व्यवसायों का भौतिक सत्यापन किया गया, जिनमें से 4, 252 फर्मों, जो कुल फर्मों का लगभग 15% है, को फर्जी पाया गया। इससे कर अपवंचन पर प्रभावी अंकुश लगा और कर अनुपालना में वृद्धि हुई।

डेटा एनालिटिक्स आधारित कार्रवाई

वर्षभर में डेटा एनालिटिक्स के आधार पर 313 मामलों में लेखा पुस्तकों की जांच कर ₹45.13 करोड़ की वसूली की गई।
वहीं, 77 प्रतिष्ठानों की तलाशी/निरीक्षण से ₹47.35 करोड़ की अतिरिक्त राशि प्राप्त हुई।

सेक्टर विश्लेषण और इंटर-डिपार्टमेंटल समन्वय

जीएसटी विभाग द्वारा सेक्टर आधारित विश्लेषण और इंटर डिपार्टमेंटल डेटा का उपयोग करते हुए 49 संभावित कर अपवंचन क्षेत्रों की पहचान की गई जिससे ₹101 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया गया।

सरकारी विभागों से बेहतर अनुपालन

मार्च 2025 में किए गए विशेष प्रयासों के तहत शासकीय विभागों द्वारा जीएसटीआर-7 रिटर्न दाखिल करवाकर इनके सप्लायर्स से ₹37 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व एकत्रित किया गया।

व्यापक व्यापारी संपर्क अभियान

राज्य भर में ऐसे 36,847 व्यापारियों से संपर्क किया गया, जिन्होंने या तो शून्य रिटर्न दाखिल किया था या व्यवसाय में नकारात्मक वृद्धि दर्शाई थी, जिससे कर अनुपालन में बढ़ोतरी सुनिश्चित हुई। इन सभी ठोस और तकनीक आधारित उपायों का प्रत्यक्ष परिणाम है कि छत्तीसगढ़ आज देश में जीएसटी वृद्धि में शीर्ष स्थान पर है।

भविष्य के लिए डिजिटल और एआई-आधारित रणनीति तैयार

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन और वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी के मार्गदर्शन में जीएसटी विभाग अब डिजिटल ट्रैकिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित निगरानी प्रणाली और उन्नत अनुपालन तंत्र को लागू कर, आने वाले वर्षों में भी छत्तीसगढ़ को देश में अग्रणी स्थिति में बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

“छत्तीसगढ़ की यह ऐतिहासिक उपलब्धि केवल आंकड़ों की उपलब्धि नहीं, बल्कि ईमानदारी, पारदर्शिता और जनभागीदारी पर आधारित सुशासन की पहचान है। हमारी सरकार ने टैक्स प्रशासन को जनकेंद्रित और टेक्नोलॉजी-संचालित बनाकर यह सिद्ध किया है कि अगर इच्छाशक्ति हो तो राजस्व भी बढ़ता है और विश्वास भी। हम इसी गति को बनाए रखते हुए छत्तीसगढ़ को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर और समावेशी विकास का मॉडल बनाएंगे।”
– विष्णुदेव साय, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़

PM Awas Yojana : नियद नेल्लानार ग्राम पंचायत धरमाराम में पूरे गांव में पहला पक्का आवास बना, नक्सलियों के द्वारा पक्का आवास बनाने की अनुमति नहीं दी जाती थी

बीजापुर, 02 अप्रैल। PM Awas Yojana : नक्सलवाद का काला धुँध साफ होने के साथ नक्सल प्रभावित गाँवों में विकास की रोशनी पहुंचने लगी है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है बीजापुर जिले ग्राम पंचायत धरमारम, जहां आजादी के बाद पहला पक्का आवास बना है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला गुंडी बुचमा का पक्का आवास बनकर तैयार है।

पति की मृत्यु के बाद भी गुंडी बुचमा ने हिम्मत नहीं हारी आतंक और भय के माहौल में उसने अपने बेटे को शिक्षा से जोड़े रखा। वर्तमान में केन्द्र सरकार की महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना में गुंडी बुचमा का आवास बनकर तैयार है। क्षेत्र में गुंडी बुचमा का आवास आजादी के 77 वर्ष बाद सच्ची आजादी का एहसास करा रही है।

गुंडी बुचमा के आवास की कहानी इसलिए महत्वपूर्ण हो जाती है चूंकि ग्राम पंचायत धरमारम माओवाद से प्रभावित गांव होने के कारण शासकीय योजनाओं का संचालन कठिन था। आजादी केे 77 वर्ष बाद भी आंतक और भय में ग्रामीण जीने को मजबूर थे। नक्सल प्रभाव के कारण ग्राम पंचायत में पानी, बिजली, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं भी ग्रामीणों को नहीं मिल पा रही थी।

गुंडी बुचमा एक अकेली महिला जो अपने बच्चे को खेती-बाड़ी कर पालन-पोषण कर रही थी। अपने बच्चे को दूसरे पंचायत में भेज कर 12वीं तक पढ़ाया, जो की उनके लिए एक उपलब्धि है। गांव में सुरक्षा कैंम्प लगने के साथ माओवाद का अंधियारा भी छटने लगा। वित्तीय वर्ष 24-25 में ग्राम पंचायत के द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी मिली। शुरूआत में ग्रामीण डर की वजह से आवास निर्माण करने में डर रहे थे। समय के साथ गुंडी बुचमा ने आवास का निर्माण प्रारंभ किया। वर्तमान में उनका पक्का छत वाला आवास बनकर तैयार हो गया है।

गुंडी बुचमा के पुत्र का कहना है कि माओवाद के डर से किसी तरह झोपड़ी में बिना बिजली, सड़क, पानी के जीवन कट रहा था। अब हमारा पक्का आवास बन गया है। सुरक्षा कैम्प लगने के साथ धीरे-धीरे परिस्थितियां बदल रही हैं। मैं शासन प्रशासन का धन्यवाद करता हूं।

Niyad Nellanar Scheme : पुसकोंटा को मिली विकास की सौगात…दूरस्थ अंचल में आई रोशनी की नई किरण

रायपुर, 1 अप्रैल। Niyad Nellanar Scheme : घना जंगल, टेढ़े-मेढ़े रास्ते, और सूरज ढलते ही छा जाने वाला घना अंधेरा – कुछ समय पहले तक बीजापुर जिले के हीरापुर ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम पुसकोंटा की यही पहचान थी। लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में संचालित “नियद नेल्लानार योजना” ने वह कर दिखाया, जो लंबे समय से सिर्फ एक सपना था। गांव के प्रत्येक घर में जब पहली बार बल्ब जला, तो वह एक नए जीवन की शुरुआत थी।

पुसकोंटा के ग्रामीण देवा कुंजाम, भीमा माड़वी, नागू पोट्टाम और जमुना मिच्चा की आँखों में यह चमक साफ़ देखी जा सकती है, जो उम्मीद और विश्वास की होती है। देवा कुंजाम बताते हैं, “पहले अंधेरा ऐसा होता था कि जंगली जानवरों का डर हर समय बना रहता था। लेकिन अब गांव में रोशनी है, और साथ ही सुरक्षा का भी एहसास।”

पीने का पानी अब घर के द्वार पर

गृहिणी जमुना मिच्छा कहती हैं, “जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल होने से अब हमें पानी के लिए हैण्डपंप तक नहीं जाना पड़ता। पहले बच्चों को अकेला छोड़कर पानी लाने जाना पड़ता था, अब घर में ही पानी है, तो बच्चों का भी ठीक से ध्यान रख पाती हूं।”

सपनों को पंख देने वाला प्रशासन

भीमा माड़वी के लिए तो यह बदलाव कुछ और ही मायने रखता है। वे पहली बार रायपुर देखने गए – एक ऐसा अनुभव जो पहले कभी कल्पना में भी नहीं था। वे कहते हैं, “मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जी की पहल के कारण आज पुसकोंटा जैसे दूरदराज गांव के ग्रामीण भी राजधानी के विकास कार्यों को देख पा रहे हैं।”

एक समग्र बदलाव

नियद नेल्लानार योजना सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि एक विजन है – वह विजन जो हर गांव को विकास की मुख्यधारा से जोड़ता है। अब पुसकोंटा जैसे गांवों में न सिर्फ रोशनी आई है, बल्कि संभावनाओं की नई सुबह भी हुई है। प्रधानमंत्री आवास, शौचालय, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सुविधाएं अब यहां दस्तक दे रही हैं। ये बदलाव सिर्फ सुविधा का नहीं, बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता का है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में यह स्पष्ट हो चुका है कि कोई भी गांव अब ‘दूर’ नहीं है, और कोई भी सपना अब ‘असंभव’ नहीं है।

Petrol Cheaper : छत्तीसगढ़ में आज से पेट्रोल एक रुपया लीटर सस्ता, विष्णु देव सरकार ने बजट में की थी घोषणा


रायपुर, 01 अप्रैल। Petrol Cheaper : विष्णुदेव साय सरकार ने आम जनता को बड़ी राहत देते हुए पेट्रोल के दाम में कटौती करते हुए नए वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट में पेट्रोल प्रति लीटर 1 रुपए सस्ता करने की घोषणा की है, जो 31 मार्च को आधी रात से लागू हो गई है। इसके साथ ही रायपुर में अब पेट्रोल की कीमत घटकर 100.42 रुपए प्रति लीटर हो गई है। यह कटौती प्रदेशवासियों की लंबे समय से चली आ रही मांग के बाद हुई है।

राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के सभी शहरों में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपए प्रति लीटर से ऊपर है। पेट्रोल की कीमत घटने से राज्य के आम लोगों को राहत मिलेगी। वहीं राज्य सरकार को राजस्व का घाटा होगा। वहीं, वाणिज्यक कर विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उपभोग बढ़ने से राजस्व नुकसान की भरपाई जाएगी।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 2025-26 के बजट में जनता को राहत देने पेट्रोल की कीमत में ₹1 प्रति लीटर की कमी की गई है, जिससे आम लोगों, किसानों और उद्योगों को लाभ होगा। इसके पहले सरकार ने बल्क में डीजल खरीदी पर वैट घटाकर 17% कर दिया था, जिससे परिवहन और कृषि कार्यों की लागत में कमी आई है।

Dantewada : गीदम में मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण के लिए 299.85 करोड़ की मिली प्रशासकीय स्वीकृति

रायपुर, 1 अप्रैल। Dantewada : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के स्पष्ट निर्देश हैं कि शासन की प्रत्येक योजना का लाभ राज्य की जनता तक पहुँचे और सभी संसाधनों का उपयोग जनहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए किया जाए। मुख्यमंत्री की इस जनकेंद्रित सोच के अनुरूप अब डीएमएफ (जिला खनिज संस्थान न्यास) की राशि का जनहित में लोगों को गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में उपयोग प्रारंभ हो गया है।

इसी क्रम में दंतेवाड़ा जिले की डीएमएफ शासी परिषद की बैठक में गीदम में नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय भवन निर्माण कार्य हेतु ₹299 करोड़ 85 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। यह स्वीकृति क्षेत्रीय स्वास्थ्य ढांचे को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

इस महत्वपूर्ण परियोजना के क्रियान्वयन के लिए लोक स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत सीजीएमएससी (छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कॉर्पोरेशन) को कार्य एजेंसी नियुक्त किया गया है। सीजीएमएससी नियमानुसार राज्य शासन एवं पीडब्ल्यूडी मैनुअल के प्रावधानों के तहत निविदा प्रक्रिया, कार्यादेश और निर्धारित समय सीमा का पालन सुनिश्चित करेगी।

मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में यह पहल न सिर्फ गीदम और दंतेवाड़ा क्षेत्र के लोगों को अपने निवास के समीप उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध कराएगी, बल्कि यह संपूर्ण बस्तर अंचल के स्वास्थ्य सेवा तंत्र को भी एक नई दिशा देगी।

यह निर्णय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की जनकेंद्रित सरकार की उस अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जिसमें विकास, विश्वास और पारदर्शिता को समान रूप से महत्व देते हुए राज्य के प्रत्येक नागरिक के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का संकल्प झलकता है।

Jila Nirman Samiti : नक्सल प्रभावित जिलों में निर्माण कार्यों के लिए समिति गठन…CM साय का बड़ा निर्णय

रायपुर, 1 अप्रैल। Jila Nirman Samiti : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य शासन ने एक निर्णायक कदम उठाते हुए नक्सल प्रभावित सुकमा, बीजापुर एवं नारायणपुर जिलों में निर्माण कार्यों की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने हेतु “जिला निर्माण समिति” के गठन की स्वीकृति प्रदान की है।

निर्माण कार्यों का होगा बेहतर क्रियान्वयन

मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट कहा है कि भ्रष्टाचार को किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जनता के पैसे से चलने वाले कार्यों में गुणवत्ता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। इसी तारतम्य में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जिला निर्माण समिति के गठन के सम्बन्ध में आदेश जारी किया गया है। यह समिति निर्माण कार्यों के बेहतर क्रियान्वयन, निगरानी और मूल्यांकन के लिए गठित की गई है। समिति के अध्यक्ष जिला कलेक्टर रहेंगे। जिले के पुलिस अधीक्षक, सीईओ जिला पंचायत, डीएफओ, लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री, जिला कोषालय अधिकारी एवं संबंधित कार्य के जिला प्रमुख अधिकारी समिति के सदस्य रहेंगे।

जिला निर्माण समिति का कार्य क्षेत्र संपूर्ण राजस्व जिला होगा। कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति वर्तमान नियमों के तहत् सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी की जाएगी। जिला निर्माण समिति के माध्यम से किए जाने वाले कार्यों का निर्धारण जिला कलेक्टर द्वारा किया जायेगा। जिन कार्यों को 3 बार ऑनलाईन निविदा आमंत्रित करने के बाद भी, इच्छुक ठेकेदार उपलब्ध नहीं होने के कारण पूरा कराया जाना संभव न हो, ऐसे अत्यावश्यक तथा अपरिहार्य निर्माण कार्यों को जिला निर्माण समिति के माध्यम से कराया जायेगा।

जिले के जो ब्लॉक गहन रूप से नक्सल प्रभावित नहीं है उनमें जिला निर्माण समिति के माध्यम से यथासंभव कार्य नहीं कराया जाने के निर्देश हैं। स्थानीय निधि जैसे की डीएमएफ/सीएसआर इत्यादि मद से कराए जाने वाले कार्यों में भी सर्वप्रथम कार्य एजेंसी जैसे की पीडब्लूडी/ आरईएस/पीएमजीएसवाई इत्यादि को ही क्रियान्वयन एजेंसी नियुक्त किया चाहिए ना की जिला निर्माण एजेंसी को। इन एजेंसी के द्वारा अगर कार्य निष्पादन नहीं हो पाता है, लगातार 3 बार निविदा में कोई भाग नहीं लेता है तब वैसी परिस्थिति में ही कार्य स्थानीय निधि से जो कराए जाने है, में जिला निर्माण एजेंसी को क्रियान्वयन एजेंसी बनाया जा सकता है।

समिति के माध्यम से कराया जा सकेगा कार्य

समिति के माध्यम से रूपये 10.00 करोड़ तक का कार्य कराया जा सकेगा। अपरिहार्य तथा अत्यावश्यक निर्माण कार्यों को जिला निर्माण समिति से कराये जाने के संबंध में ई-टेण्डर द्वारा निविदा आमंत्रित की जायेगी। जिला निर्माण समिति द्वारा एक कार्य को निर्माण की सुविधा की दृष्टि से दो अथवा दो से अधिक भागों में विभाजित किया जा सकेगा, जैसे-पुल-पुलियों के कार्य सहित सड़क निर्माण का कार्य स्वीकृत हो, तो सड़क कार्य के लिये अलग ठेकेदार तथा पुल-पुलियों के लिये अलग-ठेकेदार नियुक्त करने की छूट होगी।

सड़क की लंबाई अधिक होने अथवा पुल-पुलियों की संख्या अधिक होने की स्थिति में सड़क को दो अथवा दो से अधिक भागों में बांटने तथा अलग-अलग पुल-पुलियों के लिये भी अलग-अलग एजेंसी नियुक्त करने की छूट होगी, किन्तु एक कार्य को छोटे-छोटे टुकडों में विभाजित करते समय समिति द्वारा इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि समग्र रूप से कार्य की गुणवत्ता एक जैसी रहे तथा अलग-अलग टुकड़ों में कराए गए कार्यों के लागत मूल्य में समानता रहे। यदि कार्य को अलग अलग-अलग टुकड़ों में कराया जाता है तो यह ध्यान रखा जाए कि विगत तीन वर्षों में जिले में विभिन्न विभागों के द्वारा कराए गए समान प्रवृत्ति के कार्य के दर से अधिक नहीं हो।

कार्यों का निरीक्षण, पर्यवेक्षण तथा मूल्यांकन का कार्य लोक निर्माण विभाग या कलेक्टर द्वारा निर्धारित किसी सक्षम तकनीकी अधिकारी के द्वारा किया जायेगा।

पारदर्शिता को मिलेगा संस्थागत ढाँचा

निविदा स्वीकार करने वाला प्राधिकारी निविदाओं को स्वीकार करने से पहले दरों की उचितता के बारे में खुद को संतुष्ट करेगा। दरों की उचितता का आंकलन मुख्य रूप से उचित दरों के आधार पर किया जाएगा, निविदा स्वीकार करने वाला प्राधिकारी निविदाओं पर निर्णय लेते समय पिछले तीन महीनों की अवधि के भीतर बुलाए गए कार्यों की समान प्रकृति की निविदाओं की दरों का उल्लेख कर सकता है। समान कार्यों का अर्थ है प्रकृति, मात्रा, विनिर्देशों और स्थान में समान कार्य, जो बहुत करीब है।
दरों की उचितता की जांच के लिए औचित्य कथन तैयार किया जाएगा। इस विधि में श्रम, सामग्री, माल ढुलाई आदि की बाजार दरों को ध्यान में रखते हुए दरों का विस्तृत विश्लेषण तैयार करना शामिल है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में यह पहल न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ाएगी, बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास को गति देने के साथ-साथ भ्रष्टाचार पर कठोर प्रहार भी करेगी। राज्य शासन के विकास, विश्वास और पारदर्शिता के मूल सिद्धांतों को सशक्त करने की दिशा में मुख्यमंत्री साय की यह रणनीति एक निर्णायक कदम है।

Big Relief : छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा निर्णय…! व्यापारियों और आम जनता को राहत

रायपुर, 1 अप्रैल। Big Relief : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश के छोटे व्यापारियों और मध्यमवर्गीय परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए दो अहम निर्णय लागू किए हैं, जो 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी हो चुके हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन और वित्त मंत्री ओ पी चौधरी के दिशानिर्देश पर इन निर्णयों को वर्ष 2025-26 के बजट में शामिल किया गया था।

ई-वे बिल की सीमा में वृद्धि

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ (Big Relief) के भीतर माल परिवहन के लिए अनिवार्य ई-वे बिल की सीमा ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी है। यह निर्णय विशेष रूप से छोटे व्यापारियों को राहत देने के उद्देश्य से लिया गया है। इस निर्णय से व्यापारियों को ₹1 लाख तक के मूल्य के सामानों के परिवहन में अब ई-वे बिल की आवश्यकता नहीं होगी। इस निर्णय से राज्य में ई-वे बिल जनरेट करने वाले लगभग 26% व्यापारियों को ई-वे बिल जनरेट करने से मुक्ति मिलेगी। इस निर्णय से ई-वे बिल जनरेशन में 54 प्रतिशत की कमी आएगी, जिससे अनुपालन व्यय में उल्लेखनीय कमी आएगी।

हालांकि, कुछ विशेष वस्तुएं जैसे पान मसाला, तंबाकू उत्पाद, विशिष्ट लकड़ी उत्पाद जैसे – प्लायवुड, लेमिनेटेड शीट, पार्टिकल बोर्ड, फाइबर बोर्ड, आयरन, स्टील एवं उसके सामान, कोयला के लिए यह छूट लागू नहीं होगी। व्यापारियों द्वारा लंबे समय से ई-वे बिल में छूट दिए जाने की मांग पर यह निर्णय लिया गया है, जो व्यापार को सुगम और लागत प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल है।

मध्यमवर्गीय परिवारों को सीधी राहत

राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2025 से पेट्रोल पर वैट की राशि में ₹1 प्रति लीटर की कटौती की है। इस निर्णय से पेट्रोल की कीमतों में सीधे कमी आएगी, जिसका लाभ विशेष रूप से मध्यमवर्गीय और निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों को मिलेगा। छत्तीसगढ़ में दुपहिया वाहनों का उपयोग करने वालों की संख्या अधिक है, जो मुख्यतः पेट्रोल पर निर्भर हैं। वैट में की गई यह कटौती इन परिवारों की रोज़मर्रा की लागत को कम करने में सहायक सिद्ध होगी।

यह निर्णय भी मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन और वित्त मंत्री ओ पी चौधरी द्वारा वर्ष 2025-26 के बजट में की गई घोषणा के अनुरूप वर्तमान आर्थिक परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए क्रियान्वित किया गया है।

सरकार की प्रतिबद्धता : सुगमता, सुविधा और संवेदनशीलता

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार (Big Relief) प्रदेशवासियों की समस्याओं को समझते हुए लगातार ऐसे निर्णय ले रही है जो सार्थक, जनहितकारी और दूरदर्शिता से परिपूर्ण हों। व्यापारी वर्ग को सहूलियत और आम जनता को राहत देने के ये निर्णय प्रदेश के आर्थिक विकास को गति देने में महत्वपूर्ण कारक सिद्ध होंगे।