वृंदावन/मथुरा, 02 दिसंबर। Things about Periods : मासिक धर्म या पीरियड्स को लेकर महिलाओं के धार्मिक कर्तव्यों को लेकर अक्सर चर्चाएं होती रही हैं। इस पर वृंदावन-मथुरा के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने स्पष्ट जानकारी दी है। उन्होंने मासिक धर्म के दौरान पूजा, भजन और भक्ति के नियमों के बारे में बताया।
मासिक धर्म में पूजा करना जरूरी नहीं, भक्ति जरूरी
प्रेमानंद महाराज के अनुसार मासिक धर्म स्त्री शरीर की स्वाभाविक प्रक्रिया है और यह शरीर के शुद्धिकरण का प्रतीक भी है। इस दौरान महिलाएं, स्नान करके स्वयं को स्वच्छ रखें। मंदिर जाकर सीधे पूजा सामग्री को छूने या सेवा करने की आवश्यकता नहीं है। मन में भक्ति और श्रद्धा बनाए रखें, क्योंकि भगवान तक पहुँचने के लिए शारीरिक निकटता नहीं, बल्कि भावनात्मक पवित्रता महत्वपूर्ण है।
पहले तीन दिनों में विशेष ध्यान
महाराज ने कहा कि मासिक धर्म के पहले तीन दिन महिलाओं को, प्रसाद नहीं बनाना चाहिए। धार्मिक कार्यों से दूरी बनाकर पूरा आराम करना चाहिए। लेकिन इस दौरान ईश्वर के नाम का जप करना चाहिए।
भक्ति का अभ्यास कभी न छोड़े
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि मासिक धर्म में भी महिलाएं तीन दिनों (Things about Periods) तक मन से ठाकुर जी का नाम जप, भजन और भक्ति पूरे मन से करें। किसी भी हालत में भजन या भक्ति का अभ्यास छोड़ना नहीं चाहिए। संत प्रेमानंद महाराज का कहना है कि मासिक धर्म में शारीरिक कार्यों में प्रतिबंध हो सकते हैं, लेकिन भावनात्मक और मानसिक भक्ति कभी नहीं रुकनी चाहिए। महिलाओं को इस प्रक्रिया को प्राकृतिक और पवित्र मानकर श्रद्धा भाव से भगवान से जुड़ना चाहिए।

