15 दिनों के असहनीय दर्द के बाद हाथरस की निर्भया आज मौत से हार गई…दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में तोड़ा दम


14 सितंबर 2020
सुबह के 9:30 बजे थे. हाथरस के चंदपा थाना क्षेत्र के गांव बूलगढ़ी में रहने वाली एक युवती रोज की तरह अपनी मां के साथ चारा काटने खेत पर गई थी. चारा काटने के दौरान युवती अपनी मां से दूर हो गई. वो दूसरी जगह चारा काट रही थी. कुछ पल ही बीते थे कि गांव के ही चार दबंग युवक लड़की के पास पहुंचे और उसे दुपट्टे से खींचकर बाजरे के खेत में ले गए. वहां उन चारों ने उसके साथ जबरदस्ती की. विरोध करने पर लड़की को जमकर पीटा. आरोप है कि उन्होंने मारपीट में लड़की की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी.
घटना के बाद चारों आरोपी लड़की को मरा समझकर वहां से भाग निकले. लड़की की मां उसे ढूंढते हुए वहां पहुंची तो उसके होश उड़ गए. उसने आवाज़ लगाकर लोगों को मदद के लिए बुलाया. फौरन लड़की को इलाज के लिए अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. लड़की की हालत बहुत गंभीर थी. लेकिन उसका इलाज चलता रहा. इसके बाद पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर आईपीसी की धारा 307 का मुकदमा दर्ज किया.
घटना के बाद 8 दिन तक पीड़ित लड़की बेहोश रही. 22 सितंबर को लड़की होश में आई तो उसने आपबीती सुनाई. आरोपियों के नाम बताए. उसके होश में आने का इंतजार करने वाली पुलिस हरकत में आई और पीड़ित परिवार की तहरीर पर आईपीसी की धारा 376डी भी एफआईआर में तरमीम कर दी गई. आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई.
23 सितंबर 2020
पीड़िता ने अपने बयान में आरोपियों के बारे में बता दिया था. सभी आरोपी पीड़िता के ही गांव के थे. लिहाजा पुलिस ने उनके ठिकानों पर दबिश देना शुरू कर दिया. इसी दौरान पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली और इस घृणित कांड को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी ठाकुर संदीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया. वह 12वीं पास है और फिलहाल, गांव में रहकर ही खेती कर रहा था.
24 सितंबर 2020
पुलिस ने संदीप को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन तीन आरोपी अभी भी फरार थे. लिहाजा उनकी तलाश में लगातार दबिश दी जा रही थी. उधर, सूबे की राजनीति भी इस मामले पर गर्मा चुकी थी. विपक्ष के तेवर तीखे हो रहे थे.
25 सितंबर 2020
पुलिस ने अपने मुखबिर को तंत्र के सहारे आरोपियों की तलाश में जुटी थी. इसी बीच पुलिस को एक आरोपी का सुराग लगा. पुलिस ने फौरन बताए गए स्थान पर दबिश दी और एक और आरोपी को धर दबोचा. लेकिन अभी भी दो आरोपी खुले घूम रहे थे.
26 सितंबर 2020
पुलिस शिद्दत से उन दोनों आरोपियों की तलाश कर रही थी, जो पुलिस से भाग रहे थे. वो आगे थे और पुलिस पीछे. लगातार उनके सुराग जुटाए जा रहे थे. इसी दौरान एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने एक जगह छापेमारी की और एक अन्य आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गया.
27 सितंबर 2020
उधर, अलीगढ़ मेडिकल अस्पताल में पीड़ित लड़की की हालत बिगड़ती जा रही थी. वहां के डॉक्टर उसे संभाल नहीं पा रहे थे. डॉक्टरों ने उसकी हालत देखने के बाद उसे रेफर करने का फैसला लिया और उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेज दिया गया.
28 सितंबर 2020
पीड़ित लड़की के साथ दरिंदगी करने वाला चौथा आरोपी भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया. पुलिस ने राहत की सांस ली. चारों आरोपी अब कानून के शिकंजे में फंस चुके थे. लेकिन इधर सफदरजंग अस्पताल में लड़की की हालत बहुत नाजुक थी. उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था. इस मामले को लेकर कांग्रेस ने योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. यूपी में इस घटना के विरोध में धरना प्रदर्शन तेज हो गए.
29 सितंबर 2020
मंगलवार की सुबह हाथरस की निर्भया जिंदगी की जंग हार गई. सुबह 6 बजे उसने दम तोड़ दिया. वो हमेशा के लिए खामोश हो गई. मौत उसे अपनी आगोश में लेकर हमेशा के लिए चली गई. उसका इलाज करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि लड़की की हालत बेहद गंभीर थी. उसे बचा पाना बहुत मुश्किल था. उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था. उसकी सांस को चलाए रखने के लिए दवाओं का हैवी डोज दी जा रही थी, लेकिन यह सब काम नहीं आया. सुबह 6 बजे उसकी सांस थम गई. इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.

ये हैं हाथरस की निर्भया के गुनहगार
ठाकुर संदीप सिंह (22 वर्ष) – वह 12वीं पास है और गांव में रहकर ही खेती का काम करता है.
लवकुश सिंह (19 वर्ष) – वह 10वीं कक्षा पास है और गांव में ही रहता है. कोई काम नहीं करता.
रामकुमार उर्फ रामू (28 वर्ष) – वह 12वीं पास है. दूध के एक चिलर पर काम करता है.
रवि सिंह (35 वर्ष) – वह 10वीं पास है. हाथरस में रहकर ही पल्लेदारी का काम करता है.
उधर, मामले के तूल पकड़ लेने के बाद योगी सरकार के मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि यह दिल दहला देने वाली घटना है. सरकार ने तुरंत एक्शन लिया है. आरोपी पकड़े गए हैं और जल्द से जल्द उस लड़की को न्याय दिलाया जाएगा. जल्द ही लड़की का पार्थिव शरीर भी उनके परिवार वालों को सौंपा जाएगा. मंत्री ने सफाई देते हुए कहा कि इस घटना को राज्य की कानून व्यवस्था से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए.
दूसरी तरफ हाथरस जिले के डीएम ने सफाई पेश करते हुए कहा कि पीड़िता की जीभ काटने की बात झूठी है. सभी चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा लिखा गया है. पीड़िता के परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी गई है. लेकिन शायद डीएम साहब को इस बात अहसास नहीं कि उस बेटी पर जो गुजरा है, वो कितना दर्दनाक और बेरहम हादसा था. जिसके जख्मों का दर्द उसका परिवार सारी उम्र सहता रहेगा.