छत्तीसगढ़ में दस्तावेजों के पंजीयन में 30% और राजस्व प्राप्ति में 26% की उल्लेखनीय वृद्धि
रायपुर, 7 दिसम्बर। कोरोना संकट के बावजूद छत्तीसगढ़ में माह-दर-माह राजस्व दस्तावेजों के पंजीयन और इससे मिलने वाले राजस्व में लगातार वृद्धि हो रही है। राजस्व दस्तावेजों के पंजीयन और राजस्व प्राप्ति में पिछले वर्ष नवम्बर माह की तुलना में इस वर्ष नवम्बर माह में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। वर्ष 2019 के नवम्बर माह में 14 हजार 510 दस्तावेजों का पंजीयन हुआ था, जबकि वर्ष 2020 के नवम्बर माह में 18 हजार 926 दस्तावेजों का पंजीयन हुआ है, जो गत वर्ष के नवम्बर माह से 30 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह वर्ष 2019 के नवम्बर माह में दस्तावेजों के पंजीयन से 93 करोड़ 42 लाख रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ था, जबकि वर्ष 2020 के नवम्बर माह में दस्तावेजों के पंजीयन से 117 करोड़ 99 लाख रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। यह राशि वर्ष 2019 के नवम्बर माह की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ में 5 डिसमिल से छोटे भू-खण्डों की खरीदी-बिक्री में लगी रोक को हटाने, सम्पत्ति की शासकीय गाइड लाइन दरों में और पंजीयन शुल्क में कमी जैसे- अनेक जनहितैषी निर्णय लिए गए, जिससे विशेषकर प्रदेश के मध्यम वर्ग के लोगों को काफी राहत मिली है, इन निर्णयों से रियल स्टेट सेक्टर को भी बढ़ावा मिला है। इससे दस्तावेजों के पंजीयन और प्राप्त होने वाले राजस्व में लगातार वृद्धि हो रही है।
माह अक्टूबर 2020 में भी वर्ष 2019 के अक्टूबर माह की तुलना में राजस्व दस्तावेजों के पंजीयन और राजस्व प्राप्ति में भी वृद्धि दर्ज की गई थी। वर्ष 2019 के अक्टूबर माह की तुलना में वर्ष 2020 के अक्टूबर माह में 13.63 प्रतिशत अधिक दस्तावेजों का पंजीयन हुआ था। इसी प्रकार वर्ष 2019 के अक्टूबर माह की तुलना में वर्ष 2020 के अक्टूबर माह में दस्तावेजों के पंजीयन से 8.71 प्रतिशत अधिक राजस्व प्राप्त हुआ था।
गौरतलब है कि कोरोना काल में पंजीयन कार्यालय लॉकडाउन के कारण लंबी अवधि तक बंद रहे अथवा कम क्षमता और कोरोना गाइड लाइन प्रतिबंधों के साथ संचालित हुए, बावजूद इसके दस्तावेजों के पंजीयन और राजस्व प्राप्ति में वृद्धि दर्ज की गई। राज्य सरकार द्वारा रियल सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक निर्णय लिए गए छोटे भू-खण्डों की खरीद बिक्री से रोक हटाई गई, सम्पत्ति की गाइड लाइन दरों में 30 प्रतिशत की कमी की गई, भूमि नामंतरण और डाइवर्सन की प्रक्रिया सरल की गई। इसके साथ ही रजिस्ट्री शुल्क 4 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत किया गया और दस्तावेजों के पंजीयन के लिए सिंगल विन्डो प्रणाली से सभी प्रकार की अनुमति और अनापत्ति प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया आसान बनाई गई। प्रदेश में कोरोना संक्रमण को देखते हुए दस्तावेजों के पंजीयन ऑनलाइन ई-पंजीयन प्रणाली से किए जा रहे हैं। कोविड-19 से संक्रमण की सुरक्षा को देखते हुए पंजीयन हेतु ऑनलाइन अपॉइंटमेंट स्लॉट बुकिंग को अनिवार्य किया गया है।