यात्रा के लिए लंबी कतार : दिल्ली, मुंबई और कोलकाता की ट्रेनों में एक माह के लिए है बुक, वेटिंग भी सैकड़ा पार

रायपुर, 7 फरवरी। रायपुर से दिल्ली, मुुंबई और कोलकाता की ट्रेनों में एक-एक माह बाद का कंफर्म टिकट मिल रहा है। इमरजेंसी में टिकट बुक कराने पर 80 से 120 तक वेटिंग मिल रही है। लॉकडाउन के पहले जितनी ट्रेनें चलती थीं, उसकी 50 फीसदी गाड़ियां चल रही हैं।
इक्का-दुक्का रुट को छोड़कर कहीं के लिए भी रोज ट्रेन नहीं चल रही है। किसी रुट पर हफ्ते में चार-पांच तो किसी में एक-दो ट्रेन ही चल रही है। इस वजह से यात्रियों को कंफर्म टिकट के लिए 30 दिनों का लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
ये स्थिति केवल दिल्ली-मुंबई और कोलकाता की ही नहीं है, जयपुर, इलाहाबाद, हटिया, सिकंदराबाद जाने के लिए भी एक महीने से कम की वेटिंग नहीं मिल रही है। बिहार जाने के लिए कंफर्म टिकट नहीं मिल रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत स्लीपर कोच की सीट के लिए है। स्लीपर क्लास में वेटिंग 80 से 120 के बीच है, तो एसी श्रेणी में 18 से 50 तक वेटिंग मिल रही है।
कई रूट की ट्रेनों में तो रिग्रेट की स्थिति बन रही है। दरभंगा-सिकंदराबाद के साथ ही हावड़ा-मुंबई रूट की ट्रेनों में वेटिंग अधिक है। यात्रियों को राहत देने के लिए ट्रेनों की संख्या तो नहीं बढ़ायी जा रही है अलबत्ता कुछ ट्रेनों में अतिरिक्त कोच जोड़े गए हैं। हालांकि इससे यात्रियों की परेशानी दूर नहीं हो रही है। जबतक नियमित ट्रेनों को प्रतिदिन नहीं चलाया जाएगा, वेटिंग कम नहीं होगी।
लोकल ट्रेनों की मांग बढ़ी
रायपुर-कोरबा हंसदेव एक्सप्रेस व रायपुर-दल्लीराजहरा को बंद करते समय यात्रियों की संख्या काफी कम थी। रेलवे ने इन ट्रेनों को बंद होने का यही कारण बताया था। हालांकि सितंबर-अक्टूबर महीने कोरोना संक्रमण के केस भी अधिक थे। लेकिन अब संक्रमित होने वालों की संख्या राजधानी समेत पूरे राज्य में काफी कम है।
साथ ही साथ अब वैक्सिनेशन भी शुरू हो गया है। ऐसे में अब लोकल ट्रेनों की मांग बढ़ गई है। लोकल स्टेशनों तक जाने-आने के लिए स्पेशल ट्रेनों में रिजर्व टिकट की बुकिंग काफी महंगा साबित हो रहा है। इस कारण लोग सड़क मार्ग से ही बसों में सफर करने को मजबूर हैं।